हज़ारीबाग़: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज झारखंड के हजारीबाग में 80,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। साथ ही, उन्होंने आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान और अनेकानेक परियोजनाओं का भी उद्घाटन और शिलान्यास किया। यह अभियान 30 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 549 जिलों और 2,740 ब्लॉकों में 5 करोड़ से अधिक आदिवासी लोगों को लाभान्वित करते हुए लगभग 63,000 गांवों को कवर करेगा। इसका उद्देश्य भारत सरकार के विभिन्न 17 मंत्रालयों और विभागों द्वारा कार्यान्वित 25 क्रियाकलापों के माध्यम से सामाजिक आधारभूत संरचना, स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका में महत्वपूर्ण अंतराल को पूरा करना है।
इस अवसर पर झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार और जनजातीय कार्य मंत्री श्री जुएल ओराम सहित अन्य लोग उपस्थित थे। लेकिन झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन या स्थानीय सरकार के कोई प्रतिनिधि उपस्थित नहीं थे। उपस्थित लोगों का कहना था कि यह भारतीय जनता पार्टी का झारखंड के लोगों के लिए एक उपहार है, जिसका क्रियान्वयन कौन करेगा, या किसके माध्यम से परियोजनाएं पूरा होगा, यह स्पष्ट नहीं है। वैसे किसी भी केंद्रीय योजनाओं को प्रधानमंत्री स्वयं प्रदेशों में घूम-घूमकर क्रियान्वयन करने, देखरेख करने की परम्परा नहीं है। साथ ही, प्रदेश के राज्यपाल अथवा केंद्रीय मंत्री में उन परियोजनाओं का देख-रेख नहीं करते। वैसी स्थिति मेंयह समझ से परे हैं कि यह महज एक घोषणा है ताकि झारखण्ड के मतदाताओं को केंद्रीय सत्तारूढ़ पार्टी के तरफ लाया जा सके, अथवा इस घोषणा का कोई जमीनी महत्व भी है। झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा की अगुआई में सरकार है।
बहरहाल, उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने झारखंड की विकास यात्रा का हिस्सा बनने के लिए आभार व्यक्त किया। आदिवासी समुदायों के सशक्तिकरण और कल्याण से जुड़ी आज की 80,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह आदिवासी समुदायों के प्रति सरकार की प्राथमिकता का प्रमाण है।
महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि आदिवासी कल्याण के प्रति उनकी दृष्टि और विचार भारत की पूंजी हैं। महात्मा गांधी का मानना था कि भारत तभी प्रगति कर सकता है जब आदिवासी समाज तेज गति से प्रगति करे। श्री मोदी ने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार आदिवासी उत्थान पर अधिकतम ध्यान दे रही है और आज धरती आबा जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान का शुभारंभ किया गया। इस अभियान के तहत, लगभग 80,000 करोड़ रुपये की लागत से लगभग 550 जिलों में 63,000 आदिवासी बहुल गांवों का विकास किया जाएगा। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने बताया कि इन आदिवासी बहुल गांवों में सामाजिक-आर्थिक जीवन को बेहतर बनाने के लिए काम किया जाएगा और इसका लाभ देश के 5 करोड़ से अधिक आदिवासी भाई-बहनों तक पहुंचेगा। उन्होंने कहा, “झारखंड के आदिवासी समाज को भी इससे बहुत लाभ होगा।”
प्रधानमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि धरती आबा जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान की शुरुआत भगवान बिरसा मुंडा की धरती से की जा रही है। प्रधानमंत्री ने यह भी याद दिलाया कि भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर झारखंड से पीएम-जनमन योजना की शुरुआत की गई थी। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि 15 नवंबर, 2024 को जनजातीय गौरव दिवस पर भारत पीएम-जनमन योजना की पहली वर्षगांठ मनाएगा। उन्होंने कहा कि पीएम-जनमन योजना के माध्यम से देश के उन आदिवासी क्षेत्रों तक विकास का लाभ पहुंच रहा है, जो पीछे रह गए थे। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि पीएम-जनमन योजना के तहत आज लगभग 1350 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की आधारशिला रखी गई। योजना के बारे में चर्चा करते हुए, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सबसे पिछड़े आदिवासी क्षेत्रों में बेहतर जीवन के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और सड़क जैसी सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा।
झारखंड में अपने पहले वर्ष में ही पीएम-जनमन योजना की कई उपलब्धियों के बारे में चर्चा करते हुए, श्री मोदी ने कहा कि 950 से अधिक अति पिछड़े गांवों में हर घर में पानी पहुंचाने का काम पूरा हो गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में 35 वन धन विकास केंद्रों को भी मंजूरी दी गई है। प्रधानमंत्री ने सुदूर आदिवासी क्षेत्रों को मोबाइल कनेक्टिविटी से जोड़ने के लिए किए जा रहे कार्यों पर भी प्रकाश डाला, जो प्रगति के समान अवसर प्रदान करके आदिवासी समाज को बदलने में मदद करेगा।
प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम-जनमन) के तहत 1360 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इसमें 1380 किलोमीटर से अधिक सड़कें, 120 आंगनवाड़ी, 250 बहुउद्देश्यीय केंद्र और स्कूलों के 10 छात्रावास शामिल हैं। इसके अलावा, उन्होंने पीएम जनमन के तहत कई ऐतिहासिक उपलब्धियों का भी अनावरण किया, जिसमें लगभग 3,000 गांवों में 75,800 से अधिक विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के घरों का विद्युतीकरण, 275 मोबाइल चिकित्सा इकाइयों का संचालन, 500 आंगनवाड़ी केंद्रों का संचालन, 250 वन धन विकास केंद्रों की स्थापना और 5,550 से अधिक पीवीटीजी गांवों को ‘नल से जल’ से परिपूर्ण करना शामिल है।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि जब आदिवासी युवाओं को शिक्षा और अवसर मिलेंगे तो आदिवासी समाज आगे बढ़ेगा। इसके लिए, श्री मोदी ने कहा कि सरकार आदिवासी क्षेत्रों में एकलव्य आवासीय विद्यालय बनाने के अभियान में जुटी है। प्रधानमंत्री ने आज 40 एकलव्य आवासीय विद्यालयों के उद्घाटन और 25 नए विद्यालयों की आधारशिला रखने का जिक्र करते हुए कहा कि एकलव्य विद्यालयों को सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाना चाहिए और उच्च स्तर की शिक्षा प्रदान की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार ने प्रत्येक विद्यालय का बजट भी लगभग दोगुना कर दिया है।उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सही प्रयास किए जाने पर सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि आदिवासी युवा आगे बढ़ेंगे और देश को उनकी क्षमताओं से लाभ मिलेगा।