#भारतकीसड़कों से #भारतकीकहानी (6) ✍️ – जश्ने आज़ादी का 75 वर्ष – एक निवेदन 🙏

आज़ादी के 75 वें वर्षगाँठ के अवसर पर भारत की सड़कों से-भारत की कहानी की इस श्रृंखला में मैं देश के तमाम लोगों से एक निवेदन करता हूँ। विगत दिनों जब देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदीजी देश की जनता से निवेदन किए कि वे सोशल मीडिया के अपने-अपने पन्नों पर, अपने “डीपी” के बदले, देश का तिरंगा लगाएं – लोगों ने स्वीकारा।

इस वीडियो को एक बार जरूर देखें। अपने जीवन के समय से 4 मिनट का बहुमूल्य समय अवश्य निकालें और आज़ादी के पूर्व और आज़ादी के बाद भी मातृभूमि की स्वतंत्रता और मातृभूमि की रक्षा के लिए जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति दिए हैं, दे रहे हैं आज भी शरहदों पर – उन्हें आधिकारिक तौर पर “शहीद” शब्द से अलंकृत किया जाय। क्योंकि भारत सरकार के गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और भारत के संसद में प्रस्तुत लिखित दस्तावेजों के अनुसार उनके लिए “शहीद” शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है, नहीं होता है।

आपसे निवेदन है कि जश्ने आज़ादी के इस 75 वें वर्षगाँठ के अवसर पर, आज से, अभी से प्रधानमंत्री महोदय को आप दो शब्द लिखकर प्रार्थना करें, निवेदन करें: “परतंत्र भारत से स्वतंत्र भारत तक, वे सभी क्रांतिकारियों से लेकर आज़ाद भारत में मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने-अपने प्राणों की आहुति दिए हैं, दे रहे हैं, भारत सरकार उन सभी हुतात्माओं को ‘शहीद’ शब्द से ‘आधिकारिक’ तौर पर अलंकृत करे।” शेष आप सभी ज्ञानी-महात्मा हैं।

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