#भारतकीसड़कों से #भारतकीकहानी (3) ✍️ दिल्ली की पुरानी जेल

#रंगदेबसंती का बॉक्स ऑफिस पर 100 करोड़ कमाना और सम्मानित #पद्मश्रीआमिरखानसाहब का #अल्फ्रेडपार्क से #अनभिज्ञ होना

विगत दिनों #सोनी टीवी पर कौन बनेगा करोड़पति श्रृंखला का प्रारंभिक दिन था। हॉट सीट पर अन्य महामानवों के अलावे #पद्मश्रीआमिर खान बैठे थे। सामने शहंशाह #अमिताभबच्चन थे। एक प्रश्न आया था एक पार्क के बारे में। एक वीडियो दिखाया गया। वीडियो उसी स्थान का था जहाँ आज़ादी के आंदोलन के महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर स्वयं को अंग्रेजों के हाथ सौंपने से बेहतर माँ भारतभूमि को सौंपना श्रेयस्कर समझे। वीडियों में इलाहाबाद विश्वविद्यालय का एक भवन भी दिख रहा था। अपने अंतिम गोली का उपयोग उन्होंने स्वयं पर किया और चिरनिद्रा में सो गए।

उस वीडियो को आमिर साहब दो बार देखे। बच्चन साहब #व्यंगात्मक ना सही, परन्तु #कुछअलगतेवरमें, यह कहने में पीछे भी नहीं रहे #परफेक्शनमैन को एक बार वीडियो और दिखाया जाय, और फिर जो जबाब (अल्फ्रेड पार्क) पर आमिर खान साहब ‘हाँ’ ‘ना’ के बीच ‘हामी’ भरे। उत्तर सही था।

वे यह भी कहे कि उनकी फिल्म #रंगदेबसंती में एक दृश्य था कि #चंद्रशेखरआज़ाद आज़ादी के आंदोलन के दौरान एक पेड़ के नीचे स्वयं को गोली मार लिए थे। सन 2006 की यह चर्चित फिल्म बहुत बेहतरीन फिल्म थी। बॉक्स ऑफिस पर यह फिल्म 100 करोड़ के आस-पास कमाई की। परन्तु सम्मानित आमिर खान साहब अल्फ्रेड पार्क नहीं देखे थे। भारत में ऐतिहासिक फिल्मों का निर्माण कुछ ऐसे ही होता है – यह दुखद है ।

मुझे विश्वास है आमिर खान साहब ही नहीं, बल्कि बॉलीवुड के दर्जनों अभिनेता-अभिनेत्रियां जो विगत 75 वर्षों में आज़ादी की क्रांति, क्रांतिकारियों पर बनी फिल्मों में किरदार की भूमिका निभाए होंगे, ऐतिहासिक स्थानों का जिक्र किये होंगे, दिखाए होंगे – वास्तविक क्रांतिकारियों और उनके परिवार, परिजनों को नहीं देखे होंगे, जानते भी नहीं होंगे, पहचानते भी नहीं होंगे।

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दिल्ली की ऐतिहासिक #पुरानीजेल उन्ही ऐतिहासिक स्थानों में एक हैं जहाँ 14 क्रांतिकारियों को फांसी लगी थी, #भगतसिंह #बटुकेश्वरदत्त एसेम्ब्ली बम कांड के बाद यहीं बंद थे – भारत का 90+ फीसदी लोग नहीं जाते होंगे। दिल्ली के अधिकांश लोग भी शायद ही इसे जानते होंगे। यह भी बहुत दुखद है। यह अलग बात है कि सरकारी कोषों से, चाहे आईटीओ की सरकार हो या रायसीना हिल की – अरबों, खरबों रुपये खर्च हुए होंगे अब तक इसके रख-रखाव और प्रचार-प्रसार पर। यह भी बहुत दुखद है 😪

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