बिहार में मुस्लिम वोट बैंक एक बड़ा वोट बैंक है। लगभग 17 फीसदी वोट माना जाता है उनका। इस वोट बैंक के रुझान को अपने पक्ष में मोड़ने के लिए बीजेपी के साथ होने के बावजूद नीतीश कुमार भी अपने स्तर पर तत्पर हो उठे हैं। आरजेडी के “माय समीकरण” के एक बार फिर जागृत हो उठने की स्थिति, बिहार के इस विधानसभा चुनावों में दिखाई देने लगी है। ऐसे में सेक्युलर छवि के साथ एनडीए की राजनीति करने वाले नीतीश अपनी आगे की राजनीति का भविष्य भी बिगड़े नहीं, इसके लिए चिंतित हो उठे हैं। नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जेडीयू, मुस्लिमों का समर्थन मांगती फिर रही है। ऐसे में सवाल ये भी कि जागरुक मुस्लिम मतदाता क्या नीतीश कुमार पर ऐतबार करेंगे? (नवेन्दु कुमार के सौजन्य से)
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