अखबार ‘क्रांति की भाषा’ होती है, ‘आर्यावर्तइंडियननेशन.कॉम’ बिहार की बातों को उजागर करेगा, विस्वास है

शिखा झा, शिक्षिका - पटना
शिखा झा, शिक्षिका - पटना

मैं शिखा झा हूँ। पेशा से एक शिक्षिका। पटना के एक विद्यालय में पढ़ाती हूँ। विगत दिनों जब इन्टरनेट पर यह मालूम हुआ कि ‘आर्यावर्तइण्डियननेशन.कॉम’ नाम का एक समाचार वेबसाईट आने वाला है, मन में जिज्ञासा बढ़ा। इस नाम से परिचित हूँ। घर में बाबूजी और अन्य सभी सदस्यों से इस अखबार के बारे में सुनी थी। अखबार बंद हो गया, इस बात से भी अवगत थी। कहते हैं मंजिल चाहे जो हो, राहें आसान नहीं होती। इंसान कई बार ठोकर खाता है, गिरता है, संभलता है और फिर मंजिल तक पहुंच पाता है। सवाल सिर्फ यह है कि हम किस तरह किसी समस्या को लेते हैं और उसे समाधान करते हेतु यत्न करते हैं। कॉम

आज एक ऐसे समय में जहां पत्रकारिता और सत्य लगातार ठुकराया जा रहा है, असत्य सत्य को ढकता जा रहा है और सत्ता की चाटुकारिता पत्रकारिता को बदनाम कर दिया है। इस समय ‘आर्यवर्तइण्डियननेशन.कॉम’ नामक समाचार वेबसाईट का बिहार में आना बहुत मायने में सार्थक लगता है। यह नाम बिहार के घर-घर में आज भी जीवित है। यह अलग बात है कि ये दोनों अखबार मुद्दत पहले बंद हो गया। यह नाम बिहार के घरों का एक पर्यायवाची भी है।

ऐसे वक्त में सत्य की निष्पक्ष प्रस्तुति समाज और देश की आवश्यकता है। ‘आर्यावर्तइण्डियननेशन.कॉम बिहार के लोगों के लिए मुख बने, प्रदेश की समस्याओं को उजागर करे, महिलाओं की बातों को तबज्जो दे, हम सभी उम्मीद करते हैं। हम सभी लोग इस बात से बहुत प्रसन्न हैं कि जो नाम प्रदेश के लोगों के मानसपटल पर धूमिल हो गया था, आज पुनः जीवित हो गया है। यह अपने पुराने तेवर को पुनः स्थापित कर लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में सकारात्मक भूमिका अदा करेगा, विस्वास रखती हूँ। अखबार क्रांति की भाषा होती है। वह शब्दों से लोगों के मन को उद्वेलित कर हमें परिष्कृत करता है। हमें आशा है और पूर्ण विश्वास है कि ‘आर्यावर्तइंडियननेशन.कॉम’ वर्तमान समय की समस्या का समाधान बनेगा।

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जय आर्यावर्तइण्डियननेशन.कॉम
शिखा झा, शिक्षिका
पटना

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