चुनाव की हवा चलते ही धनबाद चुनावी-बुखार से ग्रसित हो जाता है – “कोयला: तुमि धन्य आचे – तुमि पोईसा – तुमि पॉवर”

धनबाद समाहरणालय
धनबाद समाहरणालय

मनोज मिश्र

धनबाद : कभी लाल गढ़ रहा धनबाद लोकसभा क्षेत्र पिछले कई चुनावों से भगवामाय होता रहा है। यदा-कदा कांग्रेस के हाथ को भी जनता का साथ मिलता रहा है। 17वीं लोकसभा की तैयारी सभी राजनीतिक दलों ने शुरू कर दी है। ऐसे में चर्चा है कि आखिर इस सीट से कौन उम्मीदवार चुनाव जीतेगा। राजनीतिक सूत्रों की मानें, तो भाजपा भी अपना उम्मीदवार बदल सकती है।

चर्चाओं का बाजार गर्म है। एक तरफ चुनावी मैदान मारने की रणनीति बन रही है, तो दूसरी तरफ उम्मीदवारी को लेकर माथा पेंची। चुनावी फीवर में राजनीतिक दलों के नेता से लेकर आम जनता के बीच घमासान मचा हुआ है। धनबाद में भाजपा के नेता, विधायक और सांसद एक-दूसरे की पगड़ी उछालने में जुट गए हैं। कोई किसी को गंजेड़ी कह रहा है तो कोई किसी को भिंडरावाला। वहीं दूसरी ओर सांसद का सपना देख रहे संभावित प्रत्याषी खुद को सर्वश्रेष्ठघोषित कर रहा है। यह सब लोकसभा और विधानसभा चुनाव से पहले एक-दूसरे को नीचा दिखाने के लिए किया जा रहा है ताकि अपनी राजनीतिक रोटी सेंकी जा सके। गली-मुहल्ले, चौक -चैराहे से लेकर घर घर तक आगामी लोकसभा को लेकर दलीले दी जा रही है।

सोशल साइट पर तो महभारत जारी है। संभावित उम्मीदवारों को लेकर फेसबुक, ट्वीटर, और वाट्सग्रुप में घमासान मचा हुआ है। संभावित उम्मीदवार के पक्ष व विपक्ष में वकालत का दौर जारी है। वहीं आम लोग, चुटकी लेने और समाजिक लोकहित की समस्या गिनाने की होड़ में शामिल हो गये हैं। मीडिया भी मिशन 2019 को लेकर डिजाइनिंग पत्रकारिता के साथ मसाला पड़ोसने में पीछे नहीं है।

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धनबाद संसदीय सीट पर कांग्रेस और मार्क्स कॉर्डिनेशन कमिटी का लंबे वक्त तक दबदबा रहा लेकिन 1991 के बाद से स्थिति में काफी परिवर्तन हुआ। 1991, 1996, 1998, 1999 तक लगातार बीजेपी ने यह सीट अपने नाम की। लेकिन कांग्रेस ने 2004 में यहां वापसी की। 2009 में फिर बीजेपी के खाते में यह सीट गई और पार्टी के पशुपतिनाथ सिंह सांसद बने। साल 2014 में 16वीं लोकसभा के दौरान मोदी लहर में भाजपा ने एकबार फिर पषुपतिनाथ सिंह पर भरोसा किया और वे जीते। 17वीं लोकसभा में बीजेपी अपनी जीती सीट खोना नहीं चाहती। वहीं कांग्रस एवं मार्क्स कॉर्डिनेशन कमिटी धनबाद में वापसी चाहती है।

धन-बल के साथ जनता को लुभाने का दांव-पेंच भी षुरू हो चूका है। इसके इतर, अगर हम आगामी 2019 के लोकसभा व विधानसभा चुनाव की बात करें तो धनबाद जिले के सभी छह विधानसभा क्षेत्रों में आधी आबादी और 20-29 साल का युवा किंग मेकर की भूमिका निभाएंगे। यानि काॅलेज छात्र-छात्राओं की भूमिका लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दौरान सबसे महत्वर्पूण होगी। लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दौरान प्रत्याशी के जीत-हार का फैसला 20-29 साल के युवाओं पर निर्भर होगा। साथ ही ग्रामीण मतदाताओं की भूमिका भी सबसे अहम होगी।

कारण, धनबाद जिले के छह विधानसभा 38सिंदरी, 39निरसा, 40धनबाद, 41झरिया, 42टुंडी एवं 43बाघमारा की कुल मतदाताओं की संख्या 1867092 में 853245 महिला मतदाता है। जबकि 20-29 साल के युवा मतदाताओं की संख्या 32.39 प्रतिषत यानि कुल मतदाताओं की संख्या 1867092 में से 604833 है। वहीं धनबाद जिले के सभी छह विधानभा क्षेत्र में शहरी मतदाता के मुकाबले ग्रामीण मतदाताओं की संख्या भी अधिक है। शहरी और ग्रामीण मतदाताओं का अनुपात 1395ः2378 है। आंकड़ो से साफ है कि आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनाव में आधी आबादी व युवा मतदाताओं को लुभाने के साथ ग्रामीण बहुल इलाके में सभी राजनीतिक दलों को कड़ी मेहनत करनी होगी।

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सल 2019 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव में युवा और आधी आबादी उम्मीदवारों के तकदीर का फैसला करेंगे। जिले के सभी छह विधानसभा में आधी आबादी मतदाताओं की संख्या लगभग पुरूष के बराबर की है। वहीं 20 से 39 साल के युवा मतदाताओं की संख्या कुल मतदाता के आधे से अधिक है। युवाओं की संख्या 58.74 प्रतिषत है। यानि कुल मतदाताओं की संख्या 167092 में से 1096847 मतदाता युवा हैं। जिसमें 20-29 साल के युवा मतदाताओं का प्रतिशत सबसे अधिक 32.39 है। वहीं 30-39 साल के युवाओं की भागेदारी 492014 है जो कि कुल मतदाताओं का 26.35 प्रतिशत है। वहीं मतदाता प्रतिशत के पांचवे स्थान पर 18-19 साल के बीच के मतदाता हैं । इनकी संख्या 87234 है जो कुल मतदाता के 4.67 प्रतिशत है। इस हिसाव से देखें तो कुल युवा मतदाताओं का 63.41 प्रतिशत है। आंकड़ो से साफ है कि 18-39 साल तक के युवाओं को लुभाने की भरपूर कोशिश सभी राजनीतिक दलों को करनी होगी।

वहीं तीसरे नंबर पर 40-49 साल के कुल 323206 मतदाता है जो कुल मतदाता के 17.31 प्रतिशत हैं। चौथे स्थान पर 50-59 साल के मतदाता हैं। इनकी संख्या 212840 है जो कुल मतदाता के 11.40 प्रतिशत है। वहीं 60-69 साल के मतदाताओं की संख्या 105703 कुल मतदाता के 05.66 प्रतिशत और 70-79 साल के मतदाताओं की संख्या 34172 यानि कुल मतदाता के 01.83 प्रतिशत है। 80 से उपर मतदाताओं की संख्या 7090 यानि कुल मतदाता के 0.38 प्रतिशत है।

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