असंवैधानिक चुनावी बॉन्ड प्रकरण के बीच भारत का चुनाव आयोग 18 वीं लोकसभा के लिए चुनाव 19 अप्रैल से एक जून के बीच सात चरणों में होने का ऐलान किया

मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार

विज्ञान भवन (नई दिल्ली) : बहरहाल, सर्वोच्च न्यायालय में चल रहे ‘असंवैधानिक चुनावी बॉन्ड’ प्रकरण के मध्य ‘वोटरों को लुभाने के लिए पैसों का इस्तेमाल न हो,’ अपनी प्रतिबद्धता के साथ भारत का चुनाव आयोग 18 वीं लोक सभा के लिए सात चरणों में आम चुनाव की घोषणा कर दिया है। चुनाव का पहला चरण 19 अप्रैल से शुरू होगा। ‘चुनावी बॉन्ड’ प्रकरण में ‘भारत का चुनाव आयोग’ के साथ-साथ वे सभी राजनीतिक पार्टियां जो आगामी चुनाव में अपनी-अपनी टोपी उछालने जा रहे हैं, सम्मिलित हैं। वैसे ‘चुनावी बॉन्ड’ को सर्वोच्च न्यायालय ‘असंवैधानिक’ घोषित कर दिया है। 

विज्ञान भवन में खचाखच भरे प्रेस कांफ्रेंस में मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इस बार चुनाव 19 अप्रैल से एक जून के बीच सात चरणों में होंगे और मतगणना चार जून को होगी और 18वीं लोकसभा के गठन के लिए चुनाव कार्यक्रम घोषित होने के साथ ही देश में आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है। इसके साथ ही सरकार ऐसा कोई नीतिगत फैसला नहीं कर सकेगी, जो मतदाताओं के फैसले को प्रभावित कर सके।

कुमार ने बताया कि लोकसभा चुनाव 2024 में कुल 97 करोड़ पंजीकृत मतदाता हैं। इनमें से 49.7 करोड़ पुरुष, 47.1 करोड़ महिलाएं और 48 हजार ट्रांसजेंडर शामिल हैं। साल 2019 के चुनाव में मतदाताओं की कुल संख्या 90 करोड़ थी। ऐसे मतदाताओं की संख्या 1.8 करोड़ है, जो पहली बार मतदान करेंगे और मतदाता सूची में 85 साल से अधिक उम्र के 82 लाख और सौ साल से अधिक उम्र के 2.18 लाख मतदाता शामिल हैं।

चुनाव का समय आ गया है

देशभर में मतदाता लिंगानुपात 948 है और 12 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में पुरुष मतदाताओं की तुलना में महिला मतदाताओं की संख्या अधिक है। उन्होंने कहा कि देश में 10.5 लाख से अधिक मतदान केंद्र होंगे और 55 लाख इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का इस्तेमाल होगा। कुमार ने कहा कि आयोग ने 17 लोकसभा, 16 राष्ट्रपति चुनाव और 400 से अधिक विधानसभा चुनाव कराए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 11 राज्यों के चुनाव शांतिपूर्ण और हिंसा मुक्त रहे और लगभग एक भी सीट पर दोबारा चुनाव नहीं हुआ। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भी सात चरणों में मतदान हुआ था।

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आयोग हिंसा मुक्त चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है। लोकसभा चुनाव की घोषणा के लिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कुमार ने कहा कि चुनाव अधिकारी देशभर में 10.5 लाख मतदान केंद्र स्थापित करने की तैयारी कर रहे हैं। दो नये निर्वाचन आयुक्तों ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू के साथ मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, ”हम पूरी तरह तैयार हैं और मैं मतदाताओं से अनुरोध करता हूं कि वे स्याही (मतदान वाली) लगवाएं।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘यह हम सभी के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है।’’ उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग राष्ट्रीय चुनाव इस तरह से कराने का वादा करता है कि वैश्विक मंच पर भारत का गौरव बढ़े। कुमार ने कहा, ”सभी राज्यों में आकलन के बाद हम एक यादगार, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने को लेकर आश्वस्त हैं।’’

भारत के चुनाव आयोग के अधिकारी

* पहला चरण (21 राज्यों की 102 सीटों के लिए चुनाव होगा)
20 मार्च को गज़ेट नोटिफिकेशन जारी होगा। 19 अप्रैल को मतदान होगा। 

* दूसरा चरण (13 राज्यों की 89 सीटों के लिए चुनाव होगा) 
28 मार्च को गज़ेट नोटिफिकेशन जारी होगा। 26 अप्रैल को मतदान होगा। 

* तीसरा चरण (12 राज्यों की 94 सीटों के लिए चुनाव होगा) 
12 अप्रैल को गज़ेट नोटिफिकेशन जारी होगा।  07 मई को मतदान होगा। 

* चौथा चरण (10 राज्यों की 96 सीटों के लिए चुनाव होगा) 
18 अप्रैल को गज़ेट नोटिफिकेशन जारी होगा। 13 मई को मतदान होगा। 

* पांचवा चरण (8 राज्यों की 49 सीटों के लिए चुनाव होगा) 
26 अप्रैल को गज़ेट नोटिफिकेशन जारी होगा। 20 मई को मतदान होगा। 

* छठा चरण (7 राज्यों की 57 सीटों के लिए चुनाव होगा) 
29 अप्रैल गज़ेट नोटिफिकेशन जारी होगा। 25 मई को मतदान होगा। 

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* सातवां चरण (13 राज्यों की 57 सीटों के लिए चुनाव होगा) 
07 मई को गज़ेट नोटिफिकेशन जारी होगा और 01 जून को मतदान होगा। 

देशभर में मतदाता लिंगानुपात 948 है और 12 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में पुरुष मतदाताओं की तुलना में महिला मतदाताओं की संख्या अधिक है। देश में 10.5 लाख से अधिक मतदान केंद्र होंगे और 55 लाख इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का इस्तेमाल होगा। कुमार ने कहा कि चुनाव अधिकारी देशभर में 10.5 लाख मतदान केंद्र स्थापित करने की तैयारी कर रहे हैं। दो नये निर्वाचन आयुक्तों ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू के साथ मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, ”हम पूरी तरह तैयार हैं और मैं मतदाताओं से अनुरोध करता हूं कि वे स्याही (मतदान वाली) लगवाएं।’’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आचार संहिता लगने के पूर्व दिल्ली के एक कार्यक्रम में

उन्होंने कहा कि पिछले 11 राज्यों के चुनाव शांतिपूर्ण और हिंसामुक्त रहे और लगभग एक भी सीट पर दोबारा चुनाव नहीं हुआ। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भी सात चरणों में मतदान हुआ था। उस चुनाव में कुल 91.2 करोड़ योग्य मतदाता थे, जिनमें लगभग 43.8 करोड़ महिला मतदाता और लगभग 47.3 करोड़ पुरुष मतदाता थे।कुल लगभग 61.5 करोड़ वोट डाले गए थे और 67.4 प्रतिशत मतदान हुआ था।

* कुल 96.8 करोड़ पंजीकृत वोटर -इनमें 47.1 करोड़ महिलाएं और 49.7 करोड़ पुरुष वोटर हैं
* इनमें 1.89 करोड़ पहली बार वोटर्स हैं और 19.74 करोड़ युवा वोटर्स, जिनकी उम्र 20 से 29 साल की है
* इसके अलावा 01 जनवरी 2024 को जिनकी उम्र 18 साल नहीं हुई थी, उनका भी नाम जोड़ा गया है
* इसमें 13.4 लाख ऐसे आवेदन है, जो 1 अप्रैल 2024 तक 18 साल के हो जाएंगे और वोट दे सकेंगे
* इसमें 88.4 लाख दिव्यांग, 82 लाख 85 साल से अधिक की उम्र के और 48 हज़ार ट्रांसजेंटर शामिल हैं
* 85 साल से अधिक की उम्र के लोगों के लिए घर से वोट करने की सुविधा की गई है, इसके लिए मतदान कर्मी उनके घर पर जाकर उनका वोट रिकॉर्ड करेंगे।

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ज्ञातव्य हो कि साल 2019 के चुनाव नतीजों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 303, कांग्रेस ने 52, तृणमूल कांग्रेस ने 22, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने 10, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने पांच, माकपा ने तीन और भाकपा ने दो सीटें जीती थीं।

बहरहाल, सर्वोच्च न्यायालय में चल रहे मुकदमे में प्रस्तुत दस्तावेजों के अनुसार ‘असंवैधानिक चुनाव बॉन्ड’ प्रकरण के तहत पार्टी चुनावी चंदा के रूप में बीजेपी को 6060.50 करोड़ रुपये, टीएमसी को 1609.50 करोड़ रुपये, कांग्रेस को 1421.90 करोड़ रुपये, भारत राष्ट्र समिति को 1214.70 करोड़ रुपये, बीजू जनता दल को 775.50 करोड़ रुपये, डीएमके को 639 करोड़ रुपये, वाईएसआर कांग्रेस को 337 करोड़ रुपये, टीडीपी को 218.90 करोड़ रुपये, शिवसेना को 159.40 करोड़ रुपये, आरजेडी को 72.50 करोड़ रुपये, आम आदमी पार्टी को 65.50 करोड़ रुपये, जनता दल सेक्युलर को 43.50 करोड़ रुपये, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा को 36.50 करोड़ रुपये, नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी को 30.50 करोड़ रुपये, जनसेना पार्टी को 21करोड़ रुपये, समाजवादी पार्टी को 14.10 करोड़ रुपये, जेडीयू को 14 करोड़ रुपये, जेएमएम को 13.50 करोड़ रुपये, शिरोमणि अकाली दल को 7.30 करोड़ रुपये, एआईएडीएमके को 6.10 करोड़ रुपये, सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट को 5.50 करोड़ रुपये, राष्ट्रीय जनता दल को 10.01करोड़ रुपये, महाराष्ट्र गोमंतक पार्टी को 0.60 करोड़ रुपये, जेके नेशनल कॉन्फ्रेंस को 0.50 करोड़ रुपये और नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी महाराष्ट्र प्रदेश को 0.50 करोड़ रुपये मिले। और चुनाव आयोग कहता है ‘वोटरों को लुभाने के लिए पैसे का इस्तेमाल न हो।’

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