भारत के 31 वें गृह मंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी के 11 वें राष्ट्रीय अध्यक्ष को गवाह मानकर बिहार विधान सभा चुनाव में 43 सीट जीतकर तीसरे नम्बर की जनता दल (युनाइटेड) पार्टी के अध्यक्ष नितीश कुमार सातवीं बार प्रदेश के मुख्य मंत्री पद का शपथ लिए। दुर्भाग्य वश वे अपने पुराने सहकर्मी और सड़क-वाले मित्र सुशील कुमार मोदी को अपने साथ नहीं रख सके। उनके स्थान पर भारतीय जनता पार्टी के नेता तार किशोर प्रसाद एवं रेणु देवी को उप-मुख्य मंत्री बने हैं।
राजनीतिक विशषज्ञों का कहना है कि सन 1974 के जय प्रकाश नारायण आंदोलन के बाद से सुशील मोदीजी, उनका पद और कद इतना विशाल हो गया था कि दिल्ली के पार्टी आला-कमान को उसे दो-फांक में बांटकर दो लोगों को समायोजित किया गया है। राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह में नीतीश समेत 15 मंत्रियों को राज्यपाल फागू चौहान ने शपथ दिलाई।
नितीश कुमार और उनके मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों को को राजभवन में आयोजित एक सादे समारोह में राज्यपाल फागू चौहान ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। भाजपा नेता और कटिहार से नव निर्वाचित विधायक श्री तारकिशोर प्रसाद जी और बेतिया से नव निर्वाचित विधायक श्रीमती रेणु देवी जी को एनडीए के शीर्ष नेतृत्व की पहल से उप-मुख्य मंत्री बना गया है। श्रीमती रेणु देवी जी को बिहार की पहली महिला उपमुख्यमंत्री बनने का गौरव प्राप्त हुआ है।
बिहार में हाल में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनाव में राजग को 125 सीटें मिलीं, जिनमें से नीतीश कुमार की जदयू को 43 सीटें मिलीं और भाजपा को जदयू से 31 सीटें अधिक (74 सीट) हासिल हुईं। नीतीश कुमार ने 2010 और 2015 में चुनावी जीत के बाद गांधी मैदान में बड़ी संख्या में आम लोगों एवं गणमान्य लोगों की मौजूदगी के बीच शपथ ली थी, लेकिन इस बार कोविड-19 महामारी के कारण यह संभव नहीं हो पाएगा।
बीजेपी के प्रदेश कार्यालय पर मौजूद गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने के लिए सुशील कुमार मोदी नहीं पहुंचे हैं। बता दें, इस बार सुशील मोदी को पार्टी ने उप-मुख्य मंत्री नहीं बनाया है। रविवार को हुई एनडीए की बैठक में बीजेपी विधानमंडल दल का नेता तारकिशोर प्रसाद और उपनेता रेणु देवी को चुना गया था। जिसके बाद सुशील मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा था कि पद कोई भी छीन सकता है लेकिन कार्यकर्ता का पद कोई नहीं छीन सकता।
उधर, नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के शपथ ग्रहण समारोह का राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने बहिष्कार किया। राजद के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर शपथ ग्रहण समारोह के बहिष्कार के पार्टी के निर्णय की जानकारी दी गई है । ट्वीट में कहा गया है, “राजद शपथ ग्रहण का बायकॉट करता है। बदलाव का जनादेश राजग के विरुद्ध है। जनादेश को ‘शासनादेश’ से बदल दिया गया । बिहार के बेरोजगारों, किसानो, संविदाकर्मियों, नियोजित शिक्षकों से पूछे कि उनपर क्या गुजर रही है। राजग के फर्ज़ीवाड़े से जनता आक्रोशित है। हम जनप्रतिनिधि हैं और जनता के साथ खड़े हैं।”
एक अन्य ट्वीट में राजद की ओर से कहा गया है, “बिहार में दो मजबूरों की मजबूर सरकार बन रही है । एक शक्तिविहीन, शिथिल और भ्रष्ट प्रमाणित हो चुके मजबूर मुख्यमंत्री। दूसरा चेहराविहीन और तन्त्र प्रपन्च को मजबूर वरिष्ठ घटक दल। इनकी मजबूरी हैं- (1) राजद का जनाधार और (2) तेजस्वी प्रसाद यादव को अपना सर्वाधिक प्रिय नेता स्वीकार कर चुका बिहार।” राजद के साथ ही कांग्रेस और वामपंथी पार्टियों ने भी नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनी राजग सरकार के शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार किया।