“गब्बर” !!! याचना में “स्पष्टता” आवश्यक है या फिर जो पैसे रक्षा, गृह मंत्रालय को देनी है, वह जनता से वसूल रहे हैं ?

अक्षय कुमार और प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी (ऊपर) भारत सरकार का एक दस्तावेज जिसके अनुसार
अक्षय कुमार और प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी (ऊपर) भारत सरकार का एक दस्तावेज जिसके अनुसार "एक्शन" में मारा गया कोई भी सैनिक "शहीद" है और सरकार उसे १५ लाख रुपये की मुआवजा उसके परिवारों को देती है

नई दिल्ली : क्या अभिनेता अक्षय कुमार भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय और गृह मंत्रालय की जबाबदेही को जनता के ऊपर डाल रहे हैं यानि “जो पैसे रक्षा मंत्रालय और गृह मंत्रालय को देनी है, वह जनता से वसूल कर देंगे?

अक्षय कुमार ने कुछ समय पहले भारत सरकार के गृह मंत्रालय के सहयोग से भारत के वीर नाम से एक वेबसाइट का निर्माण करवाया था, जिसके ज़रिए भारतीय सैनिकों और सुरक्षा बलों के परिवारों की मदद की जा सकती है।

अक्षय ने ट्विटर के ज़रिए अपील करते हुए लिखा है- पुलवामा एक ऐसी घटना है, जिसे ना हम भूल सकते हैं और ना ही भूलेंगे। हम सभी में रोष है और यही समय है कुछ करने का। इसलिए अभी कीजिए, पुलवामा के शहीदों के लिए दान कीजिए। उन्हें श्रद्धांजलि देने का इससे बेहतर समय कुछ और नहीं हो सकता और अपना समर्थन दिखाइए। अक्षय ने यह भी चेताया कि यही एक आधिकारिक वेबसाइट है। इसके अलावा किसी और फ़र्ज़ी साइट्स के शिकार ना बनें।

देश के विभिन्न एफ एम रेडियो के माध्यम से अक्षय कुमार का अपील श्रोताओं को सुनाया जा रहा है और देश के लोगों से हाथ जोड़कर याचना कर रहे हैं कि सैनिकों के परिवारों की मदद के लिए देश आगे आए। अगर इस याचना में “कोई अंदरूनी बात” नहीं है, या “हिड्डेन फ़ायदा” नहीं है, तो एक नागरिक होने के नाते अक्षय कुमार का यह पहल बहुत ही सराहनीय है क्योंकि “कोई गब्बर तो आगे आया। ”

लेकिन अगर इस याचना के पीछे “कुछ और बात है” तो यह बेहद शर्मनाक और निंदनीय है। क्योंकि भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय और गृह मंत्रालय के लिखित सूचनानुसार:

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१. “मार्टियर” शब्द का इस्तेमाल इण्डियन आर्म्ड फोर्सेस के किसी भी कर्मी के लिए नहीं होता है।

२. इसी तरह यह “मार्टियर” शब्दों का प्रयोग सेन्ट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सेस या असम राईफल्स कर्मियों के लिए नहीं होता है जो किसी एक्शन में मरते हैं।

३. “मारे गए कर्मियों के परिवारों/आश्रितों को अन्य सुविधाओं के अलावे १५ लाख रुपये का एक्सग्रेसिआ भुगतान किया जाता है सरकार की और से।”

अब सबाल यह है कि क्या अभिनेता अक्षय कुमार “इसी १५ लाख रुपये का एक्सग्रेसिआ” का बंदोबस्त करने के लिए देश के लोगों से आह्वान किये हैं।” क्या अभिनेता अक्षय कुमार सरकार / गृह मंत्रालय की जबाबदेही को जनता के ऊपर डाल रहे हैं, यानि “जो पैसे सरकार /गृह मंत्रालय को देनी है वह जनता से वसूल कर देंगे – उनके विज्ञापन और वक्तब्य के अनुसार “मृत-कर्मियों के एकाउन्ट में १५ लाख रूपये जमा होते ही उनका एकाउन्ट और उनके बारे में विवरण जो गृह मंत्रालय के वेब साईट पर है, हटा दिया जायेगा।”

“यदि ऐसा नहीं है तो विज्ञापन में इस बात को स्पष्ट क्यों नहीं किया जा रहा है की भारत के लोगों के द्वारा मृत-सैनिकों के एकाउण्ट में जमा की गयी १५ लाख की राशि, सरकार द्वारा दी जाने वाली १५ लाख रुपये का एक्सग्रेसिआ भुगतान के अलावे है…………”

पूरे देश में शहीदों के परिवारों की आर्थिक मदद के लिए अभियान चलाये जा रहे हैं। लोग अपनी-अपनी क्षमताओं के अनुसार दान कर रहे हैं। बॉलीवुड ने भी इस दिशा में क़दम बढ़ाया है। अक्षय कुमार ने शहीद परिवारों की मदद की अपील देशवासियों से की है।

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भारत में सड़कों पर हादसा नहीं हो, इसके लिए जन-चेतना लाने के लिए भारत सरकार का सड़क और परिवहन मंत्रालय अक्षय कुमार को ब्रांड अम्बेसडर बनाया था। ये लोगों में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरुकता पैदा कर रहे हैं ! सरकार का मकसद देश में सड़क दुर्घटनाओं में मृ़तकों की बढ़ती संख्या में कमी लाना है।

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