नई दिल्ली:इधर विश्व के 199 देशों के साथ भारत का सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय 18 सितंबर 2023 से 24 सितंबर 2023 तक अंतर्राष्ट्रीय मूक बधिर सप्ताह महा रहा है, उधर विश्व में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखने वाला रेल मंत्रालय ने रेलवे अधिनियम की धारा 124 और 124-ए के साथ पठित धारा 123 के तहत परिभाषित ट्रेन दुर्घटनाओं और अप्रिय घटनाओं में शामिल मृत और घायल यात्रियों के आश्रितों को भुगतान की जाने वाली अनुग्रह राहत की राशि को संशोधित करने का निर्णय लिया है। मृतक के मामले में अब यह राशि पांच लाख रुपये होगी, जबकि गंभीर रूप से घायल यात्रियों के मामले में अनुग्रह राशि 250000 निश्चित की गई है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अनुसार 18-24 सितम्बर के दौरान दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के अंतर्गत एक स्वायत्त संगठन और देश भर में भारतीय सांकेतिक भाषा के बारे में अनुसंधान, विकास, प्रशिक्षण एवं जागरूकता फैलाने वाले नोडल संस्थान सांकेतिक भाषा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र (आईएसएलआरटीसी) विभिन्न विषयों पर आधारित तमाम गतिविधियों का संचालन कर रहा है।
सूत्रों के अनुसार बधिर बच्चों के अधिकारों के बारे में जागरूकता, दुनिया भर में क्षमता निर्माण, ‘नथिंग विदाउट अस’ यानी ‘हमारे बिना कुछ भी नहीं’ के उद्देश्य को साकार करना, एजेंडे में बधिर लोगों को शामिल करना, सभी के लिए सांकेतिक भाषा के अधिकार प्राप्त करना और बधिर समुदायों के समावेशी विकास पर ध्यान केंद्रित करना आदि शामिल है। इसके अलावा आईएसएल दिवस यानी 23 सितंबर 2023 को विभाग ‘एक ऐसी दुनिया जहां बधिर व्यक्ति हर जगह और कहीं भी हस्ताक्षर कर सकते हैं’ विषय के तहत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करेगा।
इन कार्यक्रमों में वीडियो रिले सेवाएं, वित्तीय एवं बैंकिंग शर्तों पर हस्ताक्षर वीडियो, बोलने एवं और सुनने में अक्षम लोगों के लिए विशेष स्कूलों में आईएसएल पाठ्यक्रम के बारे में जानकारी शामिल है। साथ ही इसमें बधिर लोगों को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें परिवार के सदस्यों के साथ संचार में समर्थ बनाने के लिए स्व-शिक्षण आधारित आईएसएल का पाठ्यक्रम भी शामिल है।
उधर रेल मंत्रालय ने रेलवे अधिनियम 1989 की धारा 124 और 124-ए के साथ पठित धारा 123 के तहत परिभाषित ट्रेन दुर्घटनाओं और अप्रिय घटनाओं में शामिल मृत और घायल यात्रियों के आश्रितों और उन सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए जो मानवयुक्त समपार फाटक दुर्घटना में रेलवे की प्रथम दृष्टया जिम्मेदारी के कारण दुर्घटना का शिकार हुए, को भुगतान की जाने वाली अनुग्रह राहत की राशि को संशोधित करने का निर्णय लिया है। प्रारंभिक खर्चों की देखभाल के लिए तत्काल राहत के रूप में 50,000/- का नकद भुगतान किया जायेगा।
सूत्रों के अनुसार मृत्यु के मामले में राशि पांच लाख निर्धारित किया गया है । गंभीर रूप से घायल यात्रियों के लिए अनुग्रह राशि ढ़ाई लाख निश्चित की गई है, जबकि सामान्य घायल यात्री को 50000 अनुग्रह राशि मिलेगी। यह अनुग्रह राहत विशेष रूप से उन यात्रियों के लिए होगी जो रेलवे अधिनियम, 1989 की धारा 124/124-ए के साथ पठित धारा 123 के तहत परिभाषित ट्रेन दुर्घटनाओं या अप्रिय घटनाओं में गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। इनडोर रोगी के रूप में उपचार की अवधि शेष 11 महीने की अवधि तक अतिरिक्त अनुग्रह भुगतान के उद्देश्य से 30 दिनों से अधिक समय को रेलवे डॉक्टर द्वारा प्रमाणित करने की आवश्यकता होगी। यदि घायल रेलवे अस्पताल के अलावा किसी अन्य अस्पताल में इलाज करा रहा है तो इलाज को रेलवे डॉक्टर द्वारा प्रमाणित करना होगा।
प्रारंभिक खर्चों की देखभाल के लिए तत्काल राहत के रूप में 50,000/- का नकद भुगतान किया जाना है। शेष राशि का भुगतान अकाउंट पेयी चेक/आरटीजीएस/एनईएफटी/किसी अन्य ऑनलाइन भुगतान मोड द्वारा किया जाना चाहिए। यदि उचित समझा जाए तो रेलवे अनुग्रह राशि/उन्नत अनुग्रह की पूरी राशि अकाउंट पेयी चेक/आरटीजीएस/एनईएफटी/किसी अन्य ऑनलाइन भुगतान मोड द्वारा वितरित कर सकता है।
मानव रहित समपार पर दुर्घटना, अतिक्रमियों, ओएचई (ओवर हेड इक्विपमेंट) से करंट लगने वाले व्यक्तियों के मामले में सड़क उपयोगकर्ताओं को कोई अनुग्रह राहत स्वीकार्य नहीं होगी। ट्रेन दुर्घटनाओं और अप्रिय घटनाओं के मामले में अनुग्रह भुगतान को मुआवजे के लिए अंतिम दावे के समय ध्यान में नहीं रखा जाना चाहिए, सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए स्वीकार्य अनुग्रह राहत की राशि, जो रेलवे की प्रथम दृष्टया देनदारी के कारण दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं मानवयुक्त समपार फाटक दुर्घटना पर, देय मुआवज़े की राशि में गिना जाएगा, यदि टॉर्ट्स कानून के तहत रेलवे के खिलाफ कार्रवाई संभव है और वास्तव में अदालत द्वारा पुरस्कार दिया गया है।
अपने कर्तव्य का पालन करते समय चलती ट्रेन से मारे गए या घायल हुए रेलवे कर्मचारियों को भी अनुग्रह राशि दी जानी चाहिए, उदाहरण के लिए, ट्रैक पर काम कर रहे गैंग मैन का चलती ट्रेन से दुर्घटनावश कुचल जाना। महाप्रबंधक द्वारा नामित एक वरिष्ठ स्केल अधिकारी द्वारा मौके पर ही ऐसी पूछताछ करने के बाद भुगतान स्वीकृत/व्यवस्थित किया जाना चाहिए, जो घायल व्यक्तियों की चिकित्सा देखभाल आदि की तत्काल जरूरतों को पूरा करने के बाद मौके पर ही उचित रूप से किया जा सके। .