बहरहाल, ‘तीक्ष-बुद्धि’ वाले पटेल और गोगाई का जाना काँग्रेस के लिए ‘शुभ-संकेत’ नहीं है 

"तीक्ष-बुद्धि" वाले अहमद पटेल

सन 1977 लोक सभा चुनाव में भारत के दो युवक राजनीतिक मानचित्र पर छा गए थे। एक थे बिहार के राम विलास पासवान और दूसरे थे गुजरात के अहमद पटेल। दोनों में जीवन पर्यन्त मित्रता रही। बिडम्बना देखिये विगत 8 अक्टूबर, 2020  को राम विलास पासवान की मृत्यु दिल्ली में हुई और उनके मित्र अहमद पटेल आज सुवह अपने मित्र की मृत्यु के ठीक 78-दिवस बाद 71-वर्ष की आयु में अपनी अनन्त यात्रा पर निकल गए। अपनी मृत्यु के दिन पासवान 74-वर्ष के थे।    

भारत के जो लोग कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल को “अख़बारों के समाचारों” से जानते हैं या फिर टीवी के न्यूनतम से अधिकतम पर्दे पर देखकर, सुनकर उनका आंकलन करते हैं वे शायद इस बात को पढ़कर क्षुब्ध हो जायेंगे कि भारतीय राजनीति में इस गुजराती पटेल के “मित्र कम दुश्मन अधिक थे, चाहे काँग्रेस पार्टी में हो अथवा कांग्रेस के दीवार के बाहर। वजह भी था – बहुत बातें वे अपने साथ लेकर चले गए जो उनके पार्थिव शरीर के साथ दफ़न हो जायेगा। 

बहरहाल, राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद , उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू , प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह , लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत विभिन्न केंद्रीय मंत्रियों और राजनीतिक दलों के नेताओं ने वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं राज्यसभा सांसद अहमद पटेल के निधन पर शोक व्यक्त किया है।  

राजपथ पर लोगबाग कहना शुरू का दिए हैं कि यदि अहमद पटेल की मृत्यु को आज एक स्केल मान लिया जाय, तो आज से काँग्रेस पार्टी का पतन भी प्रारम्भ हो गया है। पंचायत से संसद तक हज़ारों-लाखों लोग इसलिए कांग्रेस का झण्डा उठाकर चल रहे थे कि वे अहमद पटेल के रूप में कांग्रेस पार्टी में एक ऐसा व्यक्ति देख रहे थे जो पार्टी को बांध कर रखा था। वर्तमान समय में पार्टी के विधायक से सांसद तक छलाँग लगाने को तत्पर है या फिर पार्टी के शीर्ष पदों पर बैठे मोहतरम और मोहतरमा को पार्टी के हित में “नमस्कार” करने को कहने का अभ्यास तेज कर देंगे। वैसे भी पार्टी में दूसरी-पंक्ति के जितने भी नेतागण हैं वे पार्टी को नए तेवर से चलाने, दिशा-निर्देश देने के काबिल नहीं नहीं (कुछेक को छोड़कर) – आगे समय बताएगा। 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल का बुधवार सुबह साढ़े तीन बजे निधन हो गया। उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली। इलाज के दौरान उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था।  71 वर्षीय पटेल के पुत्र फैजल ने अपने पिता के निधन की पुष्टि करते हुए बताया कि पटेल ने तड़के करीब तीन बज कर 30 मिनट पर अंतिम श्वांस ली।

फैसल ने लिखा, “एक साथ कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था जिसकी वजह से उनका निधन हो गया। अपने सभी शुभचिंतकों से अनुरोध करता हूं कि इस वक्त कोरोना वायरस के नियमों का कड़ाई से पालन करें और सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर दृढ़ रहें और किसी भी सामूहिक आयोजन में जाने से बचें।”  पटेल अक्टूबर में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे। उन्होंने ट्वीट कर खुद के कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी दी थी। उनकी तबीयत अचानक बिगड़ने पर उन्हें 15 नवंबर को मेदांता अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने में उनकी भूमिका को हमेशा याद रखा जाएगा। मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘अहमद पटेल जी के निधन से व्यथित हूं। उन्होंने सार्वजनिक जीवन में एक लंबा समय बिताया और जन सेवा की। तेज दिमाग के लिए अपनी विशेष पहचान रखने वाले पटेल ने कांग्रेस को मजबूत बनाने में जो भूमिका निभाई उसे हमेशा याद रखा जाएगा। उनके पुत्र फैसल से बात की और अपनी संवेदनाएं प्रकट की। अहमद भाई की आत्मा को शांति मिले।’’  

21 अगस्त 1949 को गुजरात के भरूच जिले की अंकलेश्वर तहसील के पिरामण गांव में जन्मे अहमद पटेल को सियासी बिसात का होनहार माना जाता था। अहमद पटेल तीन बार लोकसभा सांसद और चार बार राज्यसभा सांसद रहे। उन्होंने अपना पहला चुनाव वर्ष 1977 में भरूच लोकसभा सीट से लड़ा था।  अहमद पटेल 1977 में चुनाव जीतकर सबसे युवा सांसद बने थे। उस दौरान उनकी उम्र महज 26 साल थी। इस चुनाव के बाद उनकी जीत का अंतर लगातार बढ़ता चला गया।

सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार रहे श्री पटेल का जन्म 21 अगस्त 1949 को गुजरात में भरुच ज़िले के पिरामल गांव में हुआ था। उस वक्त भरूच कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था। वह पहली बार 1977 में 26 वर्ष की आयु में भरूच से लोकसभा का चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे। श्री पटेल यहां से तीन बार लोकसभा सांसद चुने गए। पार्टी में धीरे-धीरे उनका कद बढ़ता गया और 1985 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के संसदीय सचिव बनाए गए। 

श्री पटेल को 1986 में गुजरात कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया। वह 1988 में गांधी-नेहरू परिवार द्वारा संचालित जवाहर भवन ट्रस्ट के सचिव बनाए गए। वह सोनिया और राजीव दोनों के विश्वासपत्र रहे। वह तीन बार लोकसभा सांसद के अलावा पांच बार राज्यसभा सांसद भी रह चुके थे। पर्दे के पीछे से राजनीति करने वाले श्री पटेल को 2018 में कांग्रेस पार्टी का कोषाध्याक्ष नियुक्त किया गया था। 

भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल के निधन पर शोक व्यक्त किया और उनके परिजनों तथा समर्थकों के प्रति संवेदना व्यक्त की। नड्डा ने ट्वीट किया, ‘‘वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल जी के निधन से गहरी पीड़ा हुई है। दुख की इस घड़ी में मैं कामना करता हूं कि ईश्वर उनके परिवार के सदस्यों और समर्थकों को पीड़ा सहन करने की शक्ति दें।’’

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दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने  अहमद पटेल के निधन पर बुधवार को शोक व्यक्त करते हुए उनके परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की। केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘ अहमद पटेल जी के निधन की खबर सुन स्तब्ध हूं। उनके परिवार, दोस्तों और समर्थकों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।’’

तरुण गोगाई

उधर असम के तीन बार मुख्यमंत्री रहे गोगोई का 85 वर्ष की आयु में निधन हो गया था जबकि 71 वर्षीय पटेल बुधवार तड़के कोरोना से जंग हार गये। गोगोई पूर्वोत्तर मे कांग्रेस के प्रमुख नेता थे। गोगोई का जाना पार्टी के लिये बड़ा झटका माना जा रहा है। राजनीति में करीब पांच दशक तक सक्रिय रहे श्री गोगोई पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी के शासन में 1971 में पहली बार संसद पहुंचे और फिर राजनीति की सीढ़ियां चढ़ते चले गये। उन्होंने इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी और अब राहुल गांधी के साथ काम किया।

बहरहाल, तीन बार लोकसभा और चार मर्तबा राज्यसभा सांसद रहे श्री पटेल लंबे वक्त से वर्तमान पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार थे और फिलहाल कांग्रेस के खंजाची थे। श्री राजीव गांधी की हत्या के बाद जब सोनिया गांधी ने पार्टी की बागडोर संभाली उसके बाद अंतिम समय तक श्री पटेल उनके (सोनिया गांधी ) के सबसे विश्वासपात्रों में रहे और पार्टी को किसी भी झंझावात से निकालने में अहम भूमिका निभाई थी।

श्री कोविंद ने ट्वीट के जरिए अपने शोक संदेश में कहा, “कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल के निधन के बारे में जानकर दुख हुआ। श्री पटेल न केवल दक्ष सांसद थे, बल्कि उनमें कुशल रणनीतिकार का कौशल और जननेता का जादू भी समाहित था।” उन्होंने कहा, “अपने मैत्री भाव के कारण पार्टी के बाहर भी उन्होंने दोस्त बनाए थे। उनके परिजनों और दोस्तों को मेरी संवेदनाएं।”  

श्री नायडू ने कहा, “राज्य सभा के सदस्य श्री अहमद पटेल जी के निधन का समाचार पाकर स्तब्ध हूं। वरिष्ठ सांसद श्री पटेल अपने संसदीय अनुभव, सद्भाव और सौहार्दपूर्ण सम्बन्धों के लिए जाने जाते थे। ईश्वर दिवंगत पुण्यात्मा को शांति तथा उनके परिजनों को धैर्य प्रदान करें।”

श्री मोदी ने ट्वीट संदेश में कहा है,”अहमद पटेल जी के निधन से दुखी हूं। उन्होंने सार्वजनिक जीवन में लंबे समय तक समाज की सेवा की। अपनी तीक्ष्ण बुद्धि के लिए जाने जाने वाले श्री पटेल का कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने में योगदान हमेशा याद किया जाएगा।” उन्होंने कहा , “पुत्र फैजल से बात कर अपनी संवेदनाएं प्रकट की। भगवान से प्रार्थना है की अहमद भाई की आत्मा को शांति प्रदान करें।”

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श्री शाह ने कहा , “कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल जी के निधन की सूचना अत्यंत दुःखद है। अहमद पटेल जी का कांग्रेस पार्टी और सार्वजनिक जीवन में बड़ा योगदान रहा। मैं दुःख की इस घड़ी में उनके परिजनों और समर्थकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूँ। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें।”

श्री बिरला ने अपने शोक संदेश में कहा, “वरिष्ठ राजनीतिज्ञ एवं राज्यसभा सांसद श्री अहमद पटेल का निधन दुखद है। वह सभी से मधुर संबंध रखने वाले व्यक्तित्व थे और सभी दलों के नेताओं से उनकी सद्भावना रही।” उन्होंने कहा, “उनके निधन से उत्पन्न शून्य की पूर्ति असम्भव है। मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिजनों के साथ हैं।”

श्रीमती गांधी ने यहां जारी शोक संदेश में कहा , “श्री अहमद पटेल के रूप में मैंने अपना एक ऐसा सहयोगी खो दिया है जिसका जीवन कांग्रेस को समर्पित रहा है। उनकी ईमानदारी, समर्पण और काम के प्रति जो निष्ठा रही है वह उन्हें दूसरों से अलग नेता के रूप में स्थापित करती है।” उन्होंने कहा , “मैंने एक ऐसा निष्ठावान सहयोगी और मित्र खो दिया है जिसका विकल्प संभव नहीं है। मैं उनके निधन से सदमे में हूं और पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करती हूं।”

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने श्री पटेल के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा , “यह दुख भरा दिन है। श्री अहमद पटेल कांग्रेस पार्टी के पिलर थे। उन्होंने कांग्रेस में ही श्वांस ली, कांग्रेस के लिए ही जिए और संकट काल में पार्टी के साथ खड़े रहे। वह पार्टी की संपत्ति थे। हम उनको हमेशा याद करेंगे। पीड़ित परिवार के प्रति मेरी संवेदना।”

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, “अहमद जी अत्यंत समझदार और अनुभवी नेता थे। मैं उनसे हमेशा विचार विमर्श करती और उनकी सलाह लिया करती थी। वह हमारे सच्चे मित्र थे। उनके निधन से कांग्रेस को गहरी क्षति हुई है। भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।”

कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, “निशब्द..जिन्हें हर छोटा बड़ा, ,दोस्त, साथी..विरोधी भी…एक ही नाम से सम्मान देते- हमद भाई! जिन्होंने सदा निष्ठा एवं कर्तव्य निभाया,वह जिन्होंने सदा पार्टी को ही परिवार माना,वह जिन्होंने सदा राजनीतिक लकीरें मिटा दिलों पर छाप छोड़ी,अब भी विश्वास नहीं..अलविदा, अहमद जी।”

केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने श्री पटेल के निधन पर गहरा शोक शोक व्यक्त करते हुए कहा , “कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, कुशल सांसद, सौम्य एवं शानदार व्यक्ति अहमद भाई के निधन से स्तब्ध हूँ। उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदना।”

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी , तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव , पुड्डुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी तथा अन्य प्रमुख नेताओं ने श्री पटेल के निधन पर गहन शोक व्यक्त किया है।  

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