अजमेरी गेट (नई दिल्ली) दो साल पूर्व बीएल एग्रो के प्रबंध निदेशक आशीष खंडेलवाल ने कहा था कि उन्होंने नई दिल्ली के अजमेरी गेट के तरफ खुलने वाली प्लेटफार्म 14, 15 को ‘नरिश प्लेटफॉर्म’ और 16 को ’बैल कोल्हू प्लेटफॉर्म’ के रूप में “ब्रांड” किया है। कल रात 9:26 बजे भगदड़ से इन्हीं प्लेटफॉर्मों के बीच 17 यात्री मृत्यु को प्राप्त किये, इनमें 14 महिलाएं और 3 बच्चे हैं। 25 से ज्यादा लोग घायल हैं।
‘नरिश’ और ‘बैल कोल्हू’ के बीच अंतिम साँस लेने वाले यात्रियों के परिवारों के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी वेदना और संवेदना व्यक्त किये। उनकी वेदना और संवेदना व्यक्त करने के साथ मृतकों के प्रति सभी समर्पित हो गए। इतना ही नहीं, मोदी मंत्रिमंडल के रेल मंत्रालय के अभियंता से राजनेता और मंत्री बने अश्विनी वैष्णव दस-दस लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा किये।
घायलों में से 9 की हालत गंभीर बताई जा रही है। घायलों को लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल सहित अन्य अस्पतालों में भर्ती किया गया हहै। अस्पताल ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है। हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर लोग हादसे में घायल हुए अपने परिजनों की जानकारी ले सकेंगे – 9873617028 और 011 23501207.
दो वर्ष पूर्व आशीष खंडेलवाल ने कहा था कि वे 14-15 प्लेटफॉर्म को ‘नरिश’ और 16 प्लेटफॉर्म को ‘बैल कोल्हू’ इसलिए ब्रांड किया क्योंकि यहाँ से रवाना होने वाली ज्यादातर ट्रेनें बिहार और उत्तर प्रदेश के लिए हैं। ये वो दो राज्य हैं जहाँ उनके लक्षित दर्शकों का बड़ा हिस्सा रहता है। उनका कहना था कि यह विचारों का मिलन है। औसतन, प्रत्येक प्लेटफ़ॉर्म प्रतिदिन 13 से 23 ट्रेनों को संभालता है और पूरे स्टेशन पर यात्रियों की संख्या 2 लाख से ज़्यादा है। त्योहारों के मौसम में, यहाँ प्रतिदिन 6 लाख लोग आते हैं। यह हमारे लिए एक असामान्य खिड़की खोलता है जिससे हम अपने लक्षित बाजार में अनदेखे तरीके से गहराई तक पहुंच सकते हैं। कल रात इसी प्लेटफॉर्म से करीब 17 यात्री, जो पूरब किस दिशा की और अग्रसर थे, ईश्वर के पास पहुँच गए।
साल 2010 में नई दिल्ली के प्लेटफॉर्म नंबर 14 से 16 का निर्माण हुआ था। आधिकारिक रूप से साल 1980 तक यहाँ सात प्लेटफॉर्म थे, जिसकी संख्या 1995 में 10 हुई और फिर आज 16 जहाँ तक़रीबन पांच लाख यात्री नित्य सफर करते हैं।
कल रात का हादसा प्लेटफॉर्म नंबर 13, 14 और 16 के बीच हुआ। महाकुंभ जाने के लिए स्टेशन पर शाम 4 बजे से भीड़ जुटने लगी थी। रात को करीब 8:30 बजे प्रयागराज जाने वाली 3 ट्रेनें लेट हो गईं, जिससे भीड़ बढ़ी और भगदड़ मच गई।शुरुआत में नॉर्दर्न रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी ने भगदड़ की बात से इनकार किया। उन्होंने कहा कि कोई यह सिर्फ अफवाह है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ की घटना में लोगों की मौत होने पर रविवार को शोक व्यक्त किया और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। मुर्मू ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में लोगों की मौत होने के बारे में जानकर गहरा दुख हुआ। मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करती हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं।’’
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कहते हैं कि प्रयागराज स्पेशल ट्रेन, भुवनेश्वर राजधानी और स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस तीनों ही प्रयागराज जाने वाले थीं। दो ट्रेनें भुवनेश्वर राजधानी और स्वतंत्रता सेनानी लेट थीं। इन तीनों ट्रेनों की भीड़ प्लेटफॉर्म-14 पर थी। जब प्रयागराज स्पेशल ट्रेन यहां पहुंची, तभी घोषणा हुआ कि भुवनेश्वर राजधानी प्लेटफॉर्म नं. 16 पर आ रही है। सुनते ही 14 पर मौजूद भीड़ 16 की तरफ भागी। कई लोग टिकट काउंटर पर थे। इनमें 90% प्रयागराज जाने वाले थे। इससे भगदड़ मची। वैसे पिछले तो-तीन सप्ताहों से अधिक समय से कुंभ जाने वालों की भीड़ हो रही थी, पर स्टेशन प्रशासन ने कोई नियंत्रण कक्ष नहीं बनाया।
वैसे प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार स्टेशन पर इतनी भीड़ थी कि पैर रखने की जगह नहीं थी। ट्रेन में लोग ठूंसे हुए थे। चुनिंदा पुलिस वाले दिख रहे थे। पुलिस वाले लोगों से बोल रहे थे कि जान बचानी है तो लौट जाइए।
उधर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ के कारण हुई लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया है। श्री मोदी ने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना भी की। एक्स पर एक पोस्ट में, प्रधानमंत्री ने कहा: “नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ से व्यथित हूं। मेरी संवेदनाएं उन सभी लोगों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। अधिकारीगण इस भगदड़ से प्रभावित हुए सभी लोगों की सहायता कर रहे हैं।”
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने रात 11:55 बजे ट्वीट किया जहाँ उन्होंने लिखे कि: “नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ के कारण कई लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। इस घटना पर मृतकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना है।’ फिर 12:24 बजे अपने ट्वीट को एडिट करते हुए लिखा- ‘नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी है। इस स्थिति को संभालने के लिए मुख्य सचिव और पुलिस आयुक्त से बात की गई है।’ एलजी वीके सक्सेना ने मौतों और संवेदना जताने वाली बात हटा दी गई है। हालांकि, पीएम नरेंद्र मोदी ने 12:56 बजे ट्वीट किया- ‘नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ से दुखी। मेरी संवेदनाएं उन सभी के साथ हैं, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। मैं प्रार्थना करता हूं कि घायल जल्दी ठीक हों।”
उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) हिमांशु उपाध्याय ने बताया कि घटना के समय पटना जाने वाली मगध एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर खड़ी थी और नई दिल्ली-जम्मू उत्तर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म नंबर 15 पर खड़ी थी। भगदड़ की वजह बताते हुए उन्होंने कहा, “कुछ लोग सीढ़ियों से प्लेटफॉर्म नंबर 14 और 15 की ओर फुटओवर ब्रिज से उतर रहे थे, वे फिसल गए और दूसरों पर गिर गए।”
इस बीच, रेलवे के डीसीपी केपीएस मल्होत्रा ने विस्तार से बताया, “जब प्रयागराज एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर थी, तो वहां काफी लोग मौजूद थे… स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस और भुवनेश्वर राजधानी लेट थीं और इन ट्रेनों के यात्री भी प्लेटफॉर्म 12, 13 और 14 पर मौजूद थे। हमारी जानकारी के अनुसार, 1,500 जनरल टिकट बेचे गए थे, जिसकी वजह से भीड़ बेकाबू हो गई। प्लेटफॉर्म नंबर 14 और प्लेटफॉर्म नंबर 1 के पास एस्केलेटर के पास भगदड़ जैसी स्थिति थी।” अग्निशमन अधिकारियों के अनुसार, विभाग को रात करीब 9.55 बजे प्लेटफार्म 14 और 15 पर भगदड़ मचने की सूचना मिली, जिसके बाद चार दमकल गाड़ियों को मौके पर भेजा गया।
ज्ञातव्य हो कि 29 जनवरी को प्रयागराज के महाकुंभ में 30 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, 10 फरवरी 2013 को कुंभ के दौरान प्रयागराज स्टेशन पर भगदड़ मची थी। हादसे में 36 लोग मारे गए थे। बहरहाल, वैष्णव अपने ट्वीट पर लिखते हैं कि ““The entire team is working to assist all those who have been affected by this tragic incident. …. Situation under control at New Delhi railway station (NDLS) Delhi Police and RPF reached. Injured taken to hospital. Special trains being run to evacuate sudden rush. … special trains were used to evacuate this unprecedented sudden rush at New Delhi station. The rush has now reduced.”
उधर, हादसे से प्रभावित लोगों के लिए मुआवज़े का एलान हो गया है। भारतीय रेलवे की ओर से मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को ढाई लाख रुपये और मामूली रूप से घायल लोगों को एक लाख रुपये के मुआवज़े का एलान हुआ है।
सवाल यह उठता है कि रेलवे और रेलवे पुलिस को यह जानकारी कैसे नहीं हो सकी कि रेलवे स्टेशन पर अत्यधिक भीड़ हो चुकी है। लापरवाही का आलम यह भी रहा कि जो लोग इस घटना में घायल हुए थे, उनको अस्पताल पहुंचने में भी काफी देरी हुई, क्योंकि रेलवे स्टेशन पर केवल एक ही एंबुलेंस उपलब्ध थी जबकि इस माहौल में वहां पर एंबुलेंस की संख्या नहीं बढ़ाई गई।