अवधेश सिंह साहब चुनावी मैदान में हैं। भाजपा की शक्ति उन्हें दलदल से निकालने में लगी है मगर भाजपा की शक्ति काश हाजीपुर को बेहतर व्यवस्था देने योग्य होती। 2020 का हाजीपुर आज भाजपा के दौर में ऐसे मोड़ से गुजर रहा है जहां किसी नेता की हत्या होती है तो सुराग सामने नहीं आता। आज क्या जेपी नड्डा के आने से हाई प्रोफाइल हो जायेगा शहर? तो सुन लीजिये यह चमक सिर्फ भाजपा के कार्यकर्ता तक ही सीमित है। वैशाली में भाजपा का ऐसा हाल है कि इस पार्टी के कुछ नेता को लगता है कि जिला में इस बार खाता खुलना भी मुश्किल है। नित्यानंद राय जैसे नेता पैरवी और दोस्ती तक ठीक हैं। नेतागिरी के वेश में भी ठीक हैं मगर शहर के लास्ट मैन तक इनकी निगाहें सरकारी सिस्टम के जरिये कभी पहुँचने वाली नहीं। आज के पीढ़ी में पैसा के दम पर लोकतंत्र को खिरीदा और बेचा जा सकता है। मतलब जनता की वोट को और नेतागिरी के सीट को। अवधेश सिंह साहब हाजीपुर को इतना गर्त में ले गए कि चुनाव के समय इन्हें दिख रहा है शहर की तस्वीर और वोटर के मिजाज देखकर नित्यानंद राय पर ऐसा असर हुआ कि अपना आपा तक खो बैठे हैं। वैशाली की जनता को भाजपा के पास नोट के दम पर खरीदना ही विकल्प है। मोदी जी सामने आओ साहब और बताओ हाजीपुर के लिए क्या सब ग्राउंड लेवेल पर पार्टी कर रही है। (सीकेएन शेखर वाजपेयी के सौजन्य से)
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