लालू यादव के समय चुनाव प्रचार-प्रसार में “जलता हुआ लालटेन” कम दिखाई देता था और वह भी पुत्रद्वय के माथे पर। वजह भी था – दोनों बहुत छोटे थे और राजनीति के पाठशाला में पिता से ज्ञान अर्जित कर रहे थे। समय बदला। लालटेन पर “रंग” भी चढ़ा और जलता लालटेन के साथ प्रचार-प्रसार भी। खैर, पिछले विधान सभा चुनाव में राजद उन 94 सीटों पर, जिसके लिए आगामी 3 नबम्बर को दूसरे चरण का चुनाव होना है; 31 सीटों पर ठप्पा लगाकर विजय हुआ था। दूसरे चरण में ही महागठबंधनवाले मुख्यमंत्री पद के चेहरे तेजस्वी प्रसाद यादव, उनके बड़े भाई तेजप्रताप यादव सहित कई दिग्गजों की चुनावी किस्मत तय होनी है। दर्जनों बाहुबली और परिवार के िरिस्तेदार भी परीक्षा देने जा रहे हैं। इनमें पहला नाम रीतलाल यादव का है जो पटना की दानापुर सीट से राजद प्रत्याशी हैं। पूर्व सांसद आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद शिवहर सीट से चुनाव मैदान में हैं। पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह के बेटे और भाई की सीटें भी दूसरे चरण में शामिल हैं। उनके बेटे रंधीर कुमार सिंह छपरा से और भाई केदारनाथ सिंह बनियापुर से लड़ रहे हैं। जबकि पूर्व सांसद रामा सिंह की पत्नी बीना सिंह वैशाली की महनार सीट से चुनावी भाग्य आजमा रही हैं। इतना ही नहीं, समस्तीपुर जिले की हसनपुर और रोसड़ा (सुरक्षित) में केवल सियासी जंग नही है बल्किदिगज्जों का प्रतिष्ठा का प्रश्न भी बन गया है। हसनपुर का चुनाव कई मायनो में अहम है। यहाँ तेज प्रताप यादव राजद की पारम्परिक वैशाली जिले के महुआ सीट की जगह इस बार हसनपुर से ताल ठोक रहे हैं।
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