चौबे बाबा !! मिथिला में “ललका पाग”  विशुद्ध रूप से “दूल्हा” पहनता है, बधाई हो !!!

मिथिला-अंगिका नेताओं का मिलन और ललका पाग
मिथिला-अंगिका नेताओं का मिलन और ललका पाग

गोपाल जी ठाकुर बिहार के दरभंगा संसदीय क्षेत्र से लोक सभा पहुंचे हैं, अतः दरभंगा के सांसद हैं । वे भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष के रूप में कार्य कर रहे हैं।  वे बिहार विधान सभा के भी सदस्य थे। बेनीपुर निर्वाचन क्षेत्र से 2010 में चुने गए थे। सज्जन व्यक्ति हैं। अखबार-टीवी में प्रचार-प्रसार में विस्वास भी रखते हैं। जन्म 15 अक्टूबर, 1969 को है, स्वाभाविक है कि यह माह उनके 51 वां जन्म वर्ष का महीना है। इस उम्र में भी “केश” और “मूंछों” में अभी तक “सफ़ेदी” का प्रकोप नहीं हुआ है। इनकी सजन्नता इस तस्वीर से ही लगा सकते हैं कि अपना “ललका पाग” उतार कर, स्वयं “खाली सर” केंद्रीय स्वास्थ राज्य मंत्री अश्विनी चौबे जी को पहना दिए हैं। चौबे जी दरभंगा लोकसभा अंतर्गत 81-अलीनगर विधानसभा में पाली रणपरती,अलीनगर में जनसभा को संबोधित करेंगे। चौबे बाबा का वजन “वस्त्र से”, हाथ में बंधे “धागा-माला-रुद्राक्ष” से, तिलक से कोई चार किलो अधिक जरूर होता है। वैसे गोपाल जी बाबू, चौबे बाबा को “पाग” पहनाए बेहतर है, वे “टोपी” नहीं पहनते हैं।

चौबे बाबा !!  मिथिला में “ललका  पाग’  विशुद्ध रूप  केवल विवाह या विवाह से संबद्ध लोकाचारों में दूल्हा पहनता है। लेकिन अब अपनी संरचनात्मक असुविधा के कारण दूल्हे भी इसे खानापूर्ति या रस्मअदायगी के लिए धारण करते हैं। ऐसे में ‘पाग’ को पूरी मिथिला की सांस्कृतिक पहचान मानना शायद सही नहीं होगा। उसमें पूरे मैथिल-समाज की भागीदारी नहीं होगी।

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