जय हो !! बागियों की संख्या बिहार के राजनीतिक बाज़ार में बढ़ रहे हैं

जमुई जिले की सभी चार - जमुई, झाझा, चकाई और सिकंदरा (सुरक्षित) सीट पर - बागी ही बागी   
जमुई जिले की सभी चार - जमुई, झाझा, चकाई और सिकंदरा (सुरक्षित) सीट पर - बागी ही बागी   

पहले सामाजिक-आर्थिक उपेक्षा के कारण लोगबाग “बागी” होते थे, मध्यप्रदेश का चम्बल घाटी गवाह है। लेकिन अब लोगबाग “पंचायत, विधान सभा, लोक सभा में टिकट नहीं मिलने के कारण बागी हो जाते हैं और इन बागियों को आगामी 28 अक्टूबर से प्रारम्भ होने वाले चुनाव में प्रदेश के विधान सभा क्षेत्रों में देखे जा सकते हैं। बहरहाल, बिहार में टिकट कटने से बागी हुए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेता 28 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा के प्रथम चरण के चुनाव में जमुई जिले की सभी चार जमुई, झाझा, चकाई और सिकंदरा (सुरक्षित) सीट पर निर्दलीय या किसी अन्य पार्टी के टिकट पर मैदान में उतर आए हैं और मुकाबले को त्रिकोणीय बना रहे हैं। इस बार जमुई सीट पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री जय प्रकाश यादव के भाई और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रत्याशी विजय प्रकाश यादव और भाजपा के टिकट पर पहली बार चुनावी रण में निशाना साधने उतरीं पूर्व केंद्रीय मंत्री दिग्विजय सिंह की पुत्री एवं अंतर्राष्ट्रीय शूटर श्रेयसी सिंह के बीच सीधी टक्कर मानी जा रही है। लेकिन, भाजपा से टिकट नहीं मिलने से बागी हुए पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह के पुत्र अजय प्रताप राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के सहारे इस सीट पर मुकाबले को त्रिकाणीय बना रहे हैं। वर्ष 2015 के चुनाव में निवर्तमान विधायक विजय प्रकाश ने श्री सिंह को 8240 मत के अंतर से पराजित किया था। इस विधानसभा क्षेत्र में दो लाख 94 हजार 650 मतदाता 12 पुरुष और दो महिला समेत 14 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। एक लाख 56 हजार 322 पुरुष और एक लाख 38 हजार 317 महिला तथा 11 अन्य शामिल हैं।  

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