पुलिस कहती है ‘आत्महत्या के लिए उकसाने हेतु दबोची हूँ ‘अर्नब’  ‘अभ्युक्त’ को, लोग कहते हैं: ‘प्रेस की आज़ादी पर खतरा’

अर्नब गोस्वामी
अर्नब गोस्वामी

रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्नब गोस्वामी को मुंबई पुलिस क्या पकड़ी, दिल्ली के इण्डिया गेट से मुम्बई के गेटवे ऑफ़ इण्डिया तक का तापमान 56 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो गया है। मापक-यंत्र कब फट जायेगा, कोई नहीं कह सकता। हक़ीक़त यह है कि पर्यावरण दूषित होने के बाद भी राजधानी दिल्ली के रायसीना हिल पर भी तापमान 27 डिग्री सेल्सियस ही बता रहा है मौसम विभाग। 

रायसीना हिल पर बैठे केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गोस्वामी की गिरफ्तारी को प्रेस की आजादी पर हमला करार देते हुए कहा है कि इससे आपातकाल की याद ताजा हो गयी है। मुंबई में आज पुलिस द्वारा अर्नब की गिरफ्तारी के बाद केन्द्र सरकार के विभिन्न मंत्रियों और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने टि्वट कर इसकी निंदा की । अमित शाह ने टि्वट कर कहा: “कांग्रेस और इसके सहयोगियों ने एक बार फिर लोकतंत्र को शर्मसार किया है। रिपब्लिक टीवी और अर्नब गोस्वामी के खिलाफ राज्य शक्ति का दुरूपयोग व्यक्तिगत स्वतंत्रता और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला है। यह हमें आपातकाल की याद दिलाता है। स्वतंत्र प्रेस पर हमले का विरोध किया जाना चाहिए और किया जायेगा।”

अर्नब गोस्वामी को 53 वर्षीय इंटीरियर डिजाइनर को कथित रूप से आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि अलीबाग पुलिस की एक टीम ने गोस्वामी को यहां उनके घर से गिरफ्तार किया। अधिकारी ने बताया कि 2018 में एक आर्किटेक्ट और उनकी मां ने कथित तौर पर गोस्वामी के रिपब्लिक टीवी द्वारा उनके बकाया का भुगतान न किए जाने के कारण आत्महत्या कर ली थी। इस वर्ष मई में महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने आर्किटेक्ट अन्वय नाइक की बेटी अदन्या नाइक की नई शिकायत के आधार पर फिर से जांच का आदेश दिये जाने की घोषणा की थी। अदन्या ने आरोप लगाया है कि अलीबाग पुलिस ने गोस्वामी के चैनल द्वारा बकाया भुगतान ना करने के मामले में जांच नहीं की। उसका दावा है कि इस कारण ही उसके पिता और दादी ने मई 2018 में आत्महत्या कर ली थी। 

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उधर, शिव सेना नेता संजय राउत ने गोस्वामी को मुंबई में पुलिस हिरासत में लिये जाने का बचाव करते हुए कहा राज्य पुलिस कानून का पालन करती है। श्री राउत ने अर्नब के हिरासत में लिये जाने पर कहा महाराष्ट्र पुलिस कानून का पालन करती है। पुलिस के पास यदि किसी के खिलाफ कोई सबूत है तो वह उस पर कार्रवाई कर सकती है।उन्होंने कहा कि जब से राज्य में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में सरकार आई है किसी के खिलाफ कोई बदले की कार्रवाई नहीं की गई है। 

जबकि कांग्रेस ने गिरफ्तारी को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आक्रोश पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए इसे खेदजनक स्थिति बताया और कहा कि कानून को अपना काम करते रहना चाहिए। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने  कहा कि जो भाजपा एक टीवी संपादक की गिरफ्तारी पर आक्रोश व्यक्त कर रही है उसने देश के अन्य हिस्सों में पत्रकारों पर हुए हमले पर चुप्पी क्यों साधे रखी और वह पीड़ित पत्रकारों के साथ खड़ी क्यों नहीं हुई। ऐसी स्थिति में उनके मुंह से कोई शब्द क्यों नहीं निकलते है। उन्होंने कहा की वह पत्रकारिता को समझती हैं और गिरफ्तार टीवी संपादक जो पत्रकारिता कर रहे हैं वह शर्मनाक है और भाजपा के एजेंडा को पत्रकारिता के माध्यम से चलाने का काम कर रहे है। प्रवक्ता ने कहा कि इन संपादकों ने पत्रकारिता का मखौल बना कर दिया है। यह दुखद स्थिति है कि अपने स्टूडियो में कुछ लोगो को बिठाकर अनर्गल आरोप लगाते है और एक एजेंडा को थोपने का काम करते हैं। 

भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा मुंबई पुलिस द्वारा की गई गिरफ्तारी की कटु आलोचना की। नड्डा ने अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए इसे कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी निर्देशित ‘‘शर्मनाक कृत्य’’ करार दिया।

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नड्डा ने ट्वीट कर कहा, ‘‘प्रत्येक व्यक्ति जो प्रेस की आजादी और अभिव्यक्ति की आजादी में विश्वास करता है वह महाराष्ट्र सरकार की दादागीरी और अर्नब गोस्वामी को प्रताड़ित करने से गुस्से में है। असहमत होने वालों की आवाज दबाने का यह सोनिया और राहुल गांधी निर्देशित कृत्य का एक और उदाहरण है। शर्मनाक!’’

सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और विदेश मंत्री एस जयशंकर सहित कई केंद्रीय मंत्रियों ने भी ट्वीट कर महाराष्ट्र सरकार को आड़े हाथों लिया। जयशंकर ने इसे ‘‘प्रेस की आजादी पर हमला’’ बताया और ट्वीट कर कहा, ‘‘जो इस आजादी पर विश्वास करते हैं उन्हें आवाज उठानी चाहिए…।’’ प्रसाद ने गोस्वामी की गिरफ्तारी को ‘गंभीर रूप से निंदनीय, अनुचित और चिंताजनक’ करार दिया।

प्रसाद ने ट्वीट किया, ‘‘वरिष्ठ पत्रकार की गिरफ्तारी गंभीर तौर पर निंदनीय, अनुचित और चिंताजनक है। हमने 1975 में बेरहम आपातकाल का विरोध करते हुए प्रेस की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी थी।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने ‘संस्थानों पर हमलों के मनगढंत आरोपों के जरिये मोदी सरकार पर हमले किये हैं’ लेकिन जब महाराष्ट्र में उनकी ही सरकार प्रेस की आजादी ‘का खुलकर दमन’ कर रही है तो वे पूरी तरह चुप हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मतभेद हो सकते हैं, बहस हो सकती है और सवाल भी पूछे जा सकते हैं। लेकिन, क्योंकि वह सवाल पूछ रहे हैं इसलिए पुलिस के अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए अर्नब गोस्वामी जैसे कद के पत्रकार की गिरफ्तारी की हम सभी को निंदा करनी चाहिए।’’ (भाषा/वार्ता के सहयोग से)

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