राहुल को ‘जमानत’ और सिसोदिया को ‘न्यायिक हिरासत’

राहुल गांधी अब जमानत पर। तस्वीर पीटीआई के सौजन्य से

सूरत (गुजरात) : लोकसभा की सदस्यता गंवाने वाले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ‘मोदी उपनाम’ टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि मामले में अपनी दोषसिद्धि और सजा को चुनौती देते हुए यहां सोमवार को सत्र अदालत में एक अपील दायर की और उन्हें जमानत दे दी गई। गांधी को ‘मोदी उपनाम’ के संदर्भ में उनकी 2019 की टिप्पणी के लिए निचली अदालत ने दो साल की जेल की सजा सुनाई थी। अब 13 अप्रैल को अगली सुनवाई होगी। उधर, दिल्ली के कथित आबकारी घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की एक विशेष अदालत ने पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत की अवधि सोमवार को 17 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दी।

निचली अदालत के फैसले को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सूरत की सत्र अदालत में चुनौती दी है। न्यायालय के आदेश के अनुसार, राहुल गांधी का अगली सुनवाई में मौजूद रहना जरूरी नहीं है। वैसे, अदालत ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि मामले में प्रतिवादियों से 10 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने को कहा है।  कांग्रेस नेता सुनवाई के लिए सूरत कोर्ट पहुंचे थे। 

राहुल गांधी के साथ उनकी बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी उपस्थित थी। साथ ही कांग्रेस शासित तीन राज्यों के मुख्यमंत्री और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता भी उपस्थित थे। सूरत में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा की कोर्ट ने मोदी सरनेम को लेकर राहुल गांधी की ओर से की गई एक टिप्पणी के संबंध में दायर आपराधिक मानहानि के मुकदमे में उन्हें 23 मार्च को दोषी करार देते हुए दो साल के कारावास की सजा सुनाई थी। 

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हालांकि, अदालत ने राहुल गांधी को उसी दिन जमानत भी दे दी थी और उनकी सजा के अमल पर 30 दिन के लिए रोक लगा दी थी, ताकि वह ऊपरी अदालत में अपील दाखिल कर सकें। ज्ञातव्य हो कि विगत 24 मार्च को सुबह 8.26 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रमजान की शुरुआत पर अपनी शुभकामनाएं देते अपने एक ट्वीट में कहा कि “रमजान की शुरुआत की शुभकामनाएं”, और कुछ घंटे बाद केरल की वायनाड संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत द्वारा वर्ष 2019 के मानहानि के एक मामले में सजा सुनाये जाने के मद्देनजर लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराया गया और यह भी कहा कि उनकी अयोग्यता संबंधी आदेश 23 मार्च से प्रभावी होगा। 

लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि उन्हें (राहुल गांधी) संविधान के अनुच्छेद 102 (1) और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 धारा 8 के तहत अयोग्य घोषित किया गया है। विगत 23 मार्च को देश भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव का शहादत दिवस मनाता है। मानहानि के मामले में सूरत की अदालत ने कल राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी। राहुल गांधी पर 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी सरनेम को लेकर विवादित टिप्पणी का आरोप लगा था। राहुल के खिलाफ गुजरात भाजपा के विधायक पूर्णेश मोदी ने मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। 

लोकसभा सचिवालय की तरफ से इस बारे में सात पंक्तियों की एक अधिसूचना जारी की गई है। इसमें कहा गया है कि सूरत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत की तरफ से दोषी करार दिए जाने के बाद केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य किया जाता है। यह अयोग्यता उन पर दोष साबित होने के दिन यानी 23 मार्च 2023 से लागू रहेगी। यह निर्णय संविधान के अनुच्छेद 102 (1) (e) के प्रावधानों और जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा आठ के तहत लिया गया है। 

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लोकसभा महासचिव उत्पल कुमार सिंह के नाम से जारी हुई इस अधिसूचना की एक-एक प्रति राहुल गांधी, राष्ट्रपति सचिवालय, प्रधानमंत्री सचिवालय, राज्यसभा सचिवालय, चुनाव आयोग, केंद्र सरकार के सभी मंत्रालय और विभाग, केरल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी, लाइजन अधिकारी, संपदा निदेशालय, संसद भवन एनेक्सी, एनडीएमसी सचिव, दूरसंचार लाइजन अधिकारी और लोकसभा सचिवालय के सभी अफसरों और शाखाओं को भेजी भी प्रेषित की गई है।

अधिसूचना में कहा गया है कि ‘‘सूरत की एक अदालत द्वारा मानहानि के एक मामले में सजा सुनाये जाने के मद्देनजर केरल की वायनाड संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे राहुल गांधी को 23 मार्च 2023 से अयोग्य ठहराया जाता है।’’ उल्लेखनीय है कि सूरत की एक अदालत ने ‘‘मोदी उपनाम’’ संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें बृहस्पतिवार को दो साल कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने, हालांकि गांधी को जमानत दे दी तथा उनकी सजा के अमल पर 30 दिनों तक के लिए रोक लगा दी, ताकि कांग्रेस नेता फैसले को चुनौती दे सकें। 

जनप्रतिनिधि कानून के मुताबिक किसी भी सांसद या विधायक को अगर किसी मामले में दो या दो साल से ज्यादा की सजा सुनाई जाती है तो उनकी सदस्यता रद्द हो जाएगी। साथ ही वह छह साल तक चुनाव लड़ने के लिए भी अयोग्य हो जाते हैं। ऐसे में अगर राहुल गांधी को ऊपरी अदालत से राहत नहीं मिली तो राहुल गांधी 2024 का लोकसभा चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे, जो कि उनके लिए बड़ा झटका होगा। 

ज्ञातव्य हो कि 2019 लोकसभा चुनाव के लिए कर्नाटक के कोलार में एक रैली में राहुल गांधी ने कहा था, कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है? इसी को लेकर भाजपा विधायक व गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। उनका आरोप था कि राहुल ने अपनी इस टिप्पणी से समूचे मोदी समुदाय का मान घटाया है। वायनाड से लोकसभा सदस्य राहुल ने 2019 के आम चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में आयोजित जनसभा में इस मामले से जुड़ी टिप्पणी की थी। 

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उधर, दिल्ली के कथित आबकारी घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में यहां की एक विशेष अदालत ने पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत की अवधि सोमवार को 17 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दी। विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल ने अदालत में सिसोदिया को पेश किये जाने के बाद उनकी हिरासत की अवधि 14 दिनों के लिए बढ़ा दी। सिसोदिया की न्यायिक हिरासत सोमवार को समाप्त होने वाली थी।

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