दरभंगा से कुछ की किलोमीटर दूर स्थित मधुबनी जिला के पंडौल प्रखंड के सरिसब-पाही गाँव में दशकों पुराने सरकारी अस्पताल भवन का जीर्णोद्धार किया गया। नए-नए डाक्टर भी आये। नई – नई कुर्सियां भी आयी, टेबुल आया; लेकिन दुर्भाग्य से इस कोरोना वायरस संक्रमण काल में भवन का मुख्य द्वार नहीं खुला। दरवाजे पर लटका यह ताला प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था के बारे में बहुत कुछ कहता है। सवाल यह है कि हम कुछ विकल्प निकलते हैं अथवा नहीं, ताकि अपनो का जीवन बच सके, सांस रुकने से रुक सके।
लेकिन, मिथिला के प्रसिद्ध गाँव “सरिसब पाही ने कोविड संकट काल में अपने अनोखे पहल से नायाब उदाहरण पेश कर रही है। मधुबनी जिला के पंडौल प्रखंड के सरिसब-पाही गांव के स्थानीय युवाओं ने अपने ही क्षेत्र के महानगरों में रहनेवाले लोगों के सहयोग से कोविड संक्रमित मरीजों की प्राथमिक इलाज के लिए “आत्मनिर्भर केंद ” का गठन कर लिया है।इस नेक करतब को बुद्धिजीवियों ने गांव जागे तो देश जागे की अप्रतिम मिशाल बताया है।
ग्राम पंचायत के एक “बाढ़ राहत भवन” में कोविड सुरक्षा सह तत्काल प्राथमिक सहायता केंद विकसित किया है। समाज के प्रबुद्ध लोगों की उपस्थिति में इस केंद्र विधिवत प्रारम्भ किया गया। इस कोविड सेंटर में तत्काल सभी आवश्यक उपकरण, 4 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर , ऑक्सीमीटर, डिजिटल टेम्परेचर स्कन्नेर, पी॰पी॰ई॰ कीट, मास्क व ज़रूरी दवाइयां संग्रह की गई है। स्थानीय अयाची युवा संगठन के द्वारा कोविड काल में ग्रामीण लोगों में फ़र्स्ट ऐंड सलाह के साथ साथ अन्य सेवा उपलब्ध करना ही मुख्य उद्देश्य है।
इलाके के बहुत सारे चिकित्सक जो देश ही नहीं विदेश में कार्यरत है इस पहल के लिए निःशुल्क चिकित्सीय परामर्श दे रहें है।इस पहल के लिये कुछ बुद्धिजीवियों ने इलाके के कोविड संक्रमित मरीजों को तत्काल सुविधापूर्ण व्यवस्था को खाका तैयार किया और सरिसब पाही के मुखिया राम बहादुर चौधरी ने विक्की मंडल के साथ साथ अन्य युवाओं के सराहनीय प्रयास से जमीनी स्तर पर इस मुहिम क़ो गति प्रदान किया है। ग्रामीण क्षेत्र में कोविड केयर सेंटर निर्माण में समाज के सभी तबका के लोगों ने आर्थिक सहयोग प्रदान किया।
इस पहल में इसी गांव के मूल निवासी लोगों ने प्रारम्भिक समय से ही अमूल्य भागीदारी प्रदान किया। स्थानीय युवाओं के इस अनुपम पहल की जानकारी प्राप्त होने पर इसी इलाके के अन्य लोगों ने स्थानीय लोगों से सम्पर्क किया और यथा सम्भव मदद करने का भरोसा दिया।जल्द ही 4 ऑक्सीजन कॉन्सेन्ट्रेटर ऑक्सीमीटर ,पीपी किट जल्दी उपलब्ध करवा दिया है। कोविड सुरक्षा बचाव व रोकथाम के ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोगों के बीच जागरूकता की इस नायाब मिसाल की चहुंओर प्रशंसनीय हो रही है।जिले के पंडौल प्रखंड के सरिसब-पाही पंचायत में बुद्धिजीवियों-समाजसेवियों ने अपने आपसी निधि संचय कर कोविड बचाव सुरक्षा व रोकथाम सभी आयामों की व्यवस्था कर ली है।
इस पहल के संयोजक और पंचायत के मुखिया राम बहादुर चौधरी ने बताया कि सरिसब पाही शिक्षा व आर्थिक दृष्टिकोण से सबल है।परन्तु स्वास्थ्य विभाग की कथित अकर्मण्यता के कारण पंचायत का एपीएमसी बंद है।इलाज के लिए 20 किमी मधुबनी मुख्यालय ही सहारा है।खासकर कोविड संक्रमण के समय यहां के 10 गांवों हाटी,बिठ्ठो,रामपुर , इशहपुर,कल्याणपुर,लालगंज,लोहना,पाही, भट्टपूरा, कोइलखाहा में कोई चिकित्सा सुविधा नही है।इसी कारण ग्रामीणों के साथ विमर्श कर कोविड संक्रमितों की फ़र्स्ट एड इलाज को युवाओं के सहयोग छोटा प्रयत्न किया गया है।