दिल्ली :माने या नहीं। अप्रत्यक्ष रूप से प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने राज्यों को हिदायत दी है कि कोविड – 19 टीकाकरण अभियान में “हड़बड़ी का वियाह और कनपट्टी में सिन्दूर” जैसा आयोजन नहीं करें। यानि, राज्यों को सलाह दी गई है कि वे 10 फीसदी आरक्षित/बर्बाद खुराकों और रोजाना प्रत्येक सत्र में औसतन 100 टीकाकरण को ध्यान में रखते हुए टीकाकरण सत्रों का आयोजन करें। राज्यों से यह भी कहा गया है कि प्रत्येक टीका केंद्र पर हड़बड़ी में तय सीमा से ज्यादा संख्या में लोगों को न बुलाएं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आगामी 16 जनवरी को देशव्यापी कोविड-19 टीकाकरण अभियान की शुरुआत करेंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री इस दौरान वीडियो कांफ्रेंस के जरिए देश के विभिन्न हिस्सों के कुछ स्वास्थ्यकर्मियों के साथ संवाद भी कर सकते हैं।सूत्रों ने बताया कि इस मौके पर प्रधानमंत्री को-विन (कोविड वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क) एप्प भी लांच कर सकते हैं। को-विन भारत सरकार द्वारा विकसित कोविड-19 टीकाकरण वितरण कार्यक्रम का डिजिटल प्लेटफॉर्म है जिसके जरिए देश भर में टीकाकरण वितरण कार्यक्रम की निगरानी की जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री 16 जनवरी को देशव्यापी कोविड-19 टीकाकरण अभियान की शुरुआत करेंगे। यह विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान होगा। इसलिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने राष्ट्रपति कार्यालय से विमर्श के बाद यह निर्णय लिया है कि पोलियो टीकाकरण दिवस, जिसे ’पोलियो रविवार’ के रूप में मनाया जाता है, को बदलकर 31 जनवरी कर दिया जाए।’’ मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री से संवाद के लिए कुल 2934 टीकाकरण केंद्रों में से सीमित टीकाकरण केंद्रों का चयन किया गया है। इस सिलसिले में अधिकारियों को कहा गया है कि डिजीटल माध्यम से दोतरफा संवाद को सफल बनाने के लिए वे आवश्यक इंतजामात करें।
सूत्रों के मुताबिक राजधानी दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और सफदरजंग अस्पताल के अधिकारियों ने कहा है कि वे दोतरफा संवाद के लिए आवश्क वे सभी इंतजामातों के साथ तैयार हैं। देश में कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण अभियान के पहले दिन 16 जनवरी को करीब तीन लाख स्वास्थ्य कर्मियों को 2,934 केंद्रों पर टीके लगाए जाएंगे। प्रत्येक टीकाकरण सत्र में अधिकतम 100 लाभार्थी होंगे।
सरकार द्वारा खरीदी गई कोविशील्ड और कोवैक्सीन टीके की 1.65 करोड़ खुराकें उनके स्थस्थ्यकर्मियों के आंकडों के अनुसार राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को आवंटित की गई है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘इसलिए किसी भी राज्य से भेदभाव का कोई सवाल ही नहीं है। यह आरंभिक स्तर पर दी गई खुराक है। इसलिए कम आपूर्ति किए जाने को लेकर जताई जा रही चिंताए निराधार और दुर्भाग्यपूर्ण हैं।’’
राज्यों को सलाह दी गई है कि वे 10 फीसदी आरक्षित/बर्बाद खुराकों और रोजाना प्रत्येक सत्र में औसतन 100 टीकाकरण को ध्यान में रखते हुए टीकाकरण सत्रों का आयोजन करें। राज्यों से यह भी कहा गया है कि प्रत्येक टीका केंद्र पर हड़बड़ी में तय सीमा से ज्यादा संख्या में लोगों को न बुलाएं। मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को टीकाकरण सत्र स्थलों को बढ़ाने की सलाह दी है और उनके रोजाना संचालन की बात कही है ताकि टीकाकरण प्रक्रिया स्थिर हो सके और आगे सुचारू रूप से बढ़ सके।
ज्ञात हो कि पहले चरण में तीन करोड़ लोगों का टीकाकरण किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। इनमें स्वास्थ्यकर्मी और अग्रिम पंक्ति के कर्मचारी शामिल हैं। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 टीके ‘कोविशील्ड’ और भारत बायोटेक के स्वदेश में विकसित टीके ‘कोवैक्सीन’ को देश में सीमित आपात इस्तेमाल के लिये भारत के औषधि नियामक की ओर से पिछले दिनों मंजूरी दी गई थी।
भारत में टीकाकरण अभियान के लिए 2360 लोगों को राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षण दिया गया है। इनमें राज्य टीकाकरण अधिकारी, प्रशीतन श्रृंखला अधिकारी, आईईसी अधिकारी तथा अन्य भागीदार शामिल हैं। इसके अलावा 61 हजार से ज्यादा कार्यक्रम प्रबंधन, दो लाख टीकाकरण कर्मी तथा तीन लाख 70 हजार अन्य कर्मियों को राज्य, जिला और खण्ड स्तर पर प्रशिक्षित किया जा चुका है। (भाषा के सहयोग से)