नई दिल्ली : आप विश्वास करें अथवा नहीं लेकिन केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) देश के 75 शहरों में फैले अपने 460 कल्याण केंद्रों के माध्यम से अपने लगभग 41.2 लाख लाभार्थियों को, जो मुख्य रूप से केंद्र सरकार के कर्मचारी और पेंशनभोगी हैं, व्यापक स्वास्थ्य देखभाल करता है। सांख्यिकी के अनुसार ये सीजीएचएस कल्याण केन्द्र प्रतिदिन लगभग 55000 से 60000 लाभार्थियों को समग्र स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं प्रदान करते हैं। इसके अलावा सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों सहित कई सूचीबद्ध स्वास्थ्य सेवा का भी देखभाल करता है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने यह बात आज केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार के साथ केन्द्र सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) के वरिष्ठ प्रशासनिक चिकित्सा अधिकारियों के लिए आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते कहा कि हमें अपना दृष्टिकोण बदलना होगा क्योंकि हम काम करने के लिए अपने घरों से बाहर निकलते हैं। एक सकारात्मक दृष्टिकोण और स्वस्थ मानसिक ढांचा समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ स्वस्थ और प्रगतिशील राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण निर्माण खंड हैं।
डॉ. मनसुख मांडविया ने पारस्परिक संचार और शिकायत निवारण के लिए एक मजबूत उपाय के रूप में “संवाद” के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि वे संगठन और व्यक्ति जो सीखने की स्थिति में हैं वे हमेशा प्रगति करेंगे। हम हमेशा एक “विद्यार्थी भाव” से ही लाभान्वित होंगे। जहां हम ज्ञान, नई अंतर्दृष्टि और एक-दूसरे से सीखने के लिए स्वतंत्र हैं। डॉ. मांडविया ने कहा कि सहानुभूति, देखभाल और संयत कौशल हमारी तकनीकी और नैदानिक क्षमताओं में बढोत्तरी और कुशलता लाते हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सकारात्मक दृष्टिकोण से कई चुनौतियों का समाधान किया जाता है। उन्होंने काम के प्रति अपने दृष्टिकोण को बढ़ाने के लिए सुझावों का महत्व बताने के लिए अपने अनुभव साझा किए।
सीजीएचएस की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने कहा कि एक संगठन के रूप में सीजीएचएस ने अपने नेटवर्क का काफी विस्तार किया है और अब देश के 75 शहरों में इसके लगभग 450 वेलनेस सेंटर काम कर रहे हैं। इस अवधि के दौरान इसमें कई परिवर्तन हुए हैं ताकि स्वास्थ्य क्षेत्र में विकास के साथ तालमेल स्थापित किया जा सके। इन परिवर्तनों में सेवाओं का डिजिटलीकरण और अनेक नए स्वास्थ्य तरीकों को अपनाना शामिल है। उन्होंने कहा कि इन परिवर्तनों की योजना और कार्यान्वयन पूरे कार्यबल के लगातार प्रयासों और कड़ी मेहनत के कारण ही संभव हो पाया है।
उन्होंने यह भी कहा कि सीजीएचएस में अभी हाल में शुरू की गई ‘सीजीएचएस पंचायत’ जैसी अच्छी प्रशासन प्रक्रियाओं को अपनाया गया है। इस तरह की प्रकियाएं- जैसे कि वेलनेस सेंटर, पैनल की प्रक्रिया, बिल प्रतिपूर्ति आदि सीजीएचएस सेवा प्रणाली के विभिन्न पहलुओं का मूल्यांकन करने में मदद करती हैं। विभिन्न शहरों में सीजीएचएस के सभी हितधारकों जैसे कर्मचारियों और लाभार्थियों के साथ उनकी शिकायतों के निवारण के लिए और स्वागत योग्य सुझाव प्राप्त करने के लिए विचार-विमर्श बैठकें आयोजित की जाती हैं। स्वास्थ्य संसाधन – मानव और सामग्री दोनों ही समाज के लिए अनमोल संपत्ति हैं और एक मजबूत स्वास्थ्य देखभाल प्रशासन और प्रबंधन प्रणाली उनके प्रभावी उपयोग को सुनिश्चित करती है। उन्होंने माननीय प्रधानमंत्री के स्किल, रि-स्किल और अप-स्किल मंत्र पर भी जोर दिया।
सीजीएचएस ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत एक प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान एनआईएचएफडब्ल्यू के सहयोग से सीजीएचएस में कर्मचारियों की विभिन्न श्रेणियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किये हैं। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम ऐसे वरिष्ठ प्रशासनिक चिकित्सा अधिकारियों के लिए शुरू किया गया है जो विभिन्न सीजीएचएस कार्यालयों/कल्याण केंद्रों में प्रशासनिक पदों पर आसीन हैं या उनके निकट भविष्य में इन पदों पर आसीन होने की संभावना है। यह प्रशिक्षण 1 अगस्त से 6 अगस्त 2022 तक आयोजित किया जाएगा और जिसमें लगभग 70 अधिकारियों को दो बैचों में प्रशिक्षित किया जाएगा। छह दिवसीय व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य सीजीएचएस विज़न और मिशन के अनुरूप समग्र विकास के लिए सीजीएचएस में वरिष्ठ प्रशासनिक चिकित्सा अधिकारियों की क्षमता निर्माण करना है, जिसमें न केवल प्रशासनिक और प्रबंधकीय कौशलता का उन्नयन शामिल है, बल्कि बेहतर और अधिक मानवीय व्यक्तित्व का सृजन करना भी शामिल है।
इस कार्यक्रम में श्री आलोक सक्सेना, अपर सचिव, केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस), डॉ. निखिलेश चंद्र, निदेशक, सीजीएचएस, सुश्री निधि केसरवानी, निदेशक, एनआईएचएफडब्ल्यू और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।