बिहार के नए उप-मुख्य मन्त्री की उम्र ‘खजूर’ के पेड़ से ‘तार’ के पेड़ पर ‘छलाँग’ लगाई, 5 साल में 12 साल की वृद्धि

नए उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद
नए उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद

उम्र के मामले में “घपलावाजी” करना भारत के नयी बात नहीं है, राजनीति में तो बिलकुल नहीं। राजनीति में जैसे-जैसे नेतागिरी में अनुभव बढ़ता जाता है, उम्र स्वतः कम होते जाता है। यही कारण है कि 60 से ऊपर उम्र वाले नेतालोग स्वयं को “युवकों” की श्रेणी से बाहर नहीं जाने देते हैं। बाहर गए तो “धप्पा” – वैसे भी किसकी मजाल है जो नेताजी पर “ऊँगली” उठा दे। केंद्र में जेनेरल वी के सिंह एकदम तरोताजा दृष्टांत हैं भले ही विवाद आठ-दस वर्ष पुराना हो।

बहरहाल, बिहार के नए उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद की उम्र तो “फ्लेक्सिबल” है। कभी चार दसक के होते हैं तो पांच साल बाद महज एक साल ही उम्र अधिक हो पता है। उसी तरह जैसे “कछुआ चल रहा हो। वैसे कटिहार के लोग इतने “शिथिल” तो नहीं होते। स्थानीय लोगों का कहना है कि उप-मुख्य मंत्री अपने उम्र में किस खाद का इस्तेमाल करते हैं कि कभी वह पांच साल में एक साल बढ़ती है तो कभी पांच साल में 12 साल।

चुनाव कार्यालय का दस्तावेज – राजीव रंजन कुशवाहा जी के सौजन्य से

चुनाव कार्यालय में दाखिल किये गए दस्तावेजों में जो आकाश-पाताल जैसा “गोलमाल” दिख रहा है, बिहार के लोग-बाग़ नए मुख्य मंत्री नितीश कुमार से उनका इस्तीफा मांगने लगे हैं। पिछले दिनों शपथ ग्रहण और कार्य प्रारम्भ करने के कोई तीन घंटे बाद प्रदेश के शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी इस्तीफा दे दिए। मेवालाल पर भागलपुर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति पद पर रहते हुए नियुक्ति में घोटाले का आरोप है ।
 
उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद के विरुद्ध उपलब्ध दस्तावेजों के अनुसार 2005 में उनकी उम्र 48 वर्ष थी। पांच साल बाद दूसरे दस्तावेज के अनुसार उनकी उम्र महज़ 1 साल बढ़ी और 49 साल हुई। पुनः 2015 में दाखिल हलफनामे के अनुसार उनकी उम्र 3 साल बढ़कर 52 साल हुई। आश्चर्य की बात तो यह है कि 2015 और 2020 के बीच उनकी आयु छलांग लगाकर 64 साल हो गई, यानि पांच साल में 12 साल की वृद्धि।

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चुनाव कार्यालय का दस्तावेज – राजीव रंजन कुशवाहा जी के सौजन्य से

प्रदेश के राजीव रंजन कुशवाहा जी सोशल मीडिया पर सभी दस्तावेज प्रस्तुत किये हैं, साथ ही, इस बात पर भी जोड़ दिए हैं कि बिहार के नए उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद से भी इस्तीफा लिया जाना चाहिए और चुनाव आयोग को इसपर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ।

गणेश कुमार लिखते हैं: इनकी उम्र की जांच की जाए और इन्होंने हर एक चुनाव में जो भी दस्तावेज पेश किए हैं उसकी जांच कर निर्वाचन आयोग के साथ-साथ बिहार सरकार को भी इस पर उचित कार्रवाई करने की जरूरत है जब राज्य के उपमुख्यमंत्री ही अपने उम्र को इस प्रकार बढ़ा चढ़ाकर घटा बढ़ा कर बताएंगे तो राज्य की जनता को क्या संदेश जाएगा माननीय मुख्यमंत्री जी से विशेष आग्रह है कि इन पर भी उचित कार्रवाई करते हुए उनसे इस्तीफा की मांग करें।

चुनाव कार्यालय का दस्तावेज – राजीव रंजन कुशवाहा जी के सौजन्य से

ज्ञातब्य हो कि मेवालाल पर भागलपुर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति पद पर रहते हुए नियुक्ति में घोटाले का आरोप है । इसके साथ ही मंत्री पद की शपथ लेने के बाद भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के एक पूर्व अधिकारी ने राज्य के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर मांग की थी कि श्री मेवालाल की पत्नी नीता चौधरी की आग से झुलस कर हुई मौत के मामले की विशेष जांच दल (एसआईटी) से कराई जाए । इन दोनों मामलों को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमला कर रहा था । मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी मामला सामने आने के बाद अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) को जांच का आदेश दिया था।

चुनाव कार्यालय का दस्तावेज – राजीव रंजन कुशवाहा जी के सौजन्य से

जेडीयू कोटे से मंत्री पद से इस्तीफ़ा देने वाले मेवालाल चौधरी पर सहायक प्राध्यापक और जूनियर वैज्ञानिकों की नियुक्ति में अनियमितता बरतने के आरोप हैं.  मेवालाल चौधरी सबौर (भागलपुर) स्थित बिहार कृषि विश्वविद्यालय के साल 2010-2015 तक वाइस चांसलर रहे । नियुक्ति की अनियमितता को लेकर उन पर सबौर थाने में एफ़आईआर दर्ज है और फ़िलहाल वो ज़मानत पर हैं  ।

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