कहीं लालूजी की ‘बड़की-बहु’ के भय से लालूजी का ‘बड़का-लाल’ महुआ से हसनपुर तो नहीं निकल गया !!

बालकृष्ण राव की कीर्ति - फिर क्या होगा उसके बाद? उत्सुक हो कर शिशु ने पूछा: माँ, क्या होगा उसके बाद? ‘रवि से उज्ज्वल शशि से सुंदर, नव किसलयदल से कोमलतर - वधू तुम्हारी घर आएगी - उस विवाह उत्सव के बाद’  - फिर क्या होगा उसके बाद  :: एक पूर्व मुख्य मंत्री, एक पूर्व उप-मुख्य मंत्री और एक पूर्व स्वास्थ मंत्री - तीन लोग - तीन लालटेन।   
बालकृष्ण राव की कीर्ति - फिर क्या होगा उसके बाद? उत्सुक हो कर शिशु ने पूछा: माँ, क्या होगा उसके बाद? ‘रवि से उज्ज्वल शशि से सुंदर, नव किसलयदल से कोमलतर - वधू तुम्हारी घर आएगी - उस विवाह उत्सव के बाद’  - फिर क्या होगा उसके बाद  :: एक पूर्व मुख्य मंत्री, एक पूर्व उप-मुख्य मंत्री और एक पूर्व स्वास्थ मंत्री - तीन लोग - तीन लालटेन।   

नितीश कुमार भी गजबे है। नाम भी नहीं लेते और लांछना भी लगा देते हैं। शब्दों को ऐसे सजाते हैं जैसे डाक बंगला चौराहे पर जलेबी छान रहे हों। गंगा किनारे स्थित नाथनगर और गोपालपुर विधान सभा क्षेत्रों में मदतताओं को सम्बोधित करते नितीश बाबू अपना और अपनी सरकार का ‘रिपोर्ट कार्ड’ और उपलब्धियों को गिनाते कहते हैं कि न्याय के साथ राज्य के प्रत्येक क्षेत्र और तबके का विकास हुआ है। वे पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और राबड़ी का नाम लिए बिना कहते हैं: “वर्ष 2005 से पहले तक तो कुछ लोग केवल अपने परिवार के विकास में ही लगे थे।”

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) उम्मीदवार के पक्ष में आयोजित चुनावी सभाओं को संबोधित करते हुए नितीश कुमार ने कहा कि वर्ष 2005 में उनकी सरकार बनने के बाद से उन्होंने प्रदेश में बढ़ते अपराध पर रोक लगाया और कानून का राज स्थापित किया। इसके बाद हर क्षेत्र में विकास कार्यों को तेजी से कराया गया, जिससे समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों तक बुनियादी सुविधाएं पहुंचाई गई। 

“हमारे शासन का मूल सिद्धांत न्याय के साथ विकास रहा है। सरकार इस सिद्धांत पर कार्य करते हुए पिछले पंद्रह साल में राज्य के हर क्षेत्र और हर तबके का न्याय के साथ विकास किया है। लेकिन, वर्ष 2005 के पहले तक कुछ लोग केवल अपने परिवार के ही विकास में लगे हुए थे,” नितीश कुमार ने कहा। 

उधर राजनितिक समीक्षकों का कहना है कि आगामी चुनाव में लालूजी का बड़का बेटा एक और जहाँ “महुआ” में महुआ मथ कर “हसनपुर” निकल गए, यह पक्का समझें कि “हसनपुर में हँसी उड़ाएंगे” ही लोगबाग। यहाँ से निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा निर्गत होने वाला “विजय प्रमाण-पत्र” प्राप्त करना उतना आसान नहीं होगा। लालू यादव के बड़े सुपुत्र तेजप्रताप यादव का महुआ में महिलाओं से शिकस्त मिलने की पूरी सम्भावना है। अपनी वर्तमान सीट महुआ को छोड़ कर समस्तीपुर की हसनपुर विधानसभा सीट से चुनावी रण में उतरे हैं लेकिन यादव बहुल इस सीट पर जदयू से वर्तमान विधायक राजकुमार राय की चुनौती के कारण उनकी जीत आसान होने के आसार नहीं हैं।

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लालू यादव की बड़की बहु ऐश्वर्या राय परसा विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से जदयू प्रत्याशी व पिता चन्द्रिका राय के पक्ष में प्रचार-प्रसार करती (फोटो: कमलाकांत पाण्डे के सहयोग से)।
लालू यादव की बड़की बहु ऐश्वर्या राय परसा विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से जदयू प्रत्याशी व पिता चन्द्रिका राय के पक्ष में प्रचार-प्रसार करती (फोटो: कमलाकांत पाण्डे के सहयोग से)।

स्थानीय मतदाताओं का कहना है कि बड़का यादवजी महुआ से इसलिए कूच किये की उन्हें इस बात का भय गर्दन के ऊपर तक है कि कहीं उन्हें स्थानीय महिला मतदाता तो पछाड़ेंगीं ही, कहीं अलग रह रही लालू यादव जी की बड़ी पुतोहु और तेजप्रताप जी की अर्धांगिनी ऐश्वर्या राय कहीं चिटकिनी मारकर पटक न दे। वजह यह है कि महुआ सीट से परसा विधानसभा क्षेत्र लगा हुआ है जो एश्वर्य राय के पिता चंद्रिका राय का गढ़ माना जाता है । तेज प्रताप और एश्वर्य का विवाह 2018 में हुआ था लेकिन यह ज्यादा दिन नहीं चल पाया। अभी दोनों के विवाह के विवाद का मामला आदालत में है।

एश्वर्य राय परसा विधानसभा क्षेत्र में अपने साथ लालू परिवार के कथित बुरे बर्ताव का मुद्दा उठा रही हैं और अपने लिये न्याय मांग रही हैं । वैसे तेज प्रताप के लिये हसनपुर आसान सीट नहीं है। इस सीट पर उनका मुकाबला नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के उम्मीदवार एवं वर्तमान विधायक राजकुमार राय से है जो 2010 से ही इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

यादव बहुल इस सीट पर पप्पू यादव की जनाधिकार पार्टी ने भी यादव जाति के उम्मीदवार अर्जुन यादव को मैदान में उतारा है। पिछले चुनाव में भी वे बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव में उतरे थे । इस सीट पर दूसरे चरण में तीन नवंबर को मतदान होगा । इस सीट पर कुल आठ उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं ।

तेज प्रताप यादव अपने चुनाव प्रचार-प्रसार में - लालटेन याद रखना 
तेज प्रताप यादव अपने चुनाव प्रचार-प्रसार में – लालटेन याद रखना 

वैसे तेज प्रताप इस सीट पर जीत दर्ज करने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं । वह स्थानीय युवाओं के साथ क्रिकेट खेलने, खेतों में ट्रैक्टर चलाने, लोगों के साथ सत्तू और लिट्टी चोखा खाने और बांसुरी बजाने जैसे प्रचार के अनोखे तरीकों से लोगों को लुभाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं । हसनपुर विधानसभा सीट पर करीब 65 हजार यादव मतदाता हैं जबकि मुस्लिम वोटरों की संख्या करीब 25 हजार है, सवर्ण मतदाताओं की संख्या लगभग 20 हजार है । यहां पासवान मतदाताओं की संख्या करीब 18 हजार, कुशवाहा मतदाताओं की संख्या 16 हजार और अति पिछड़े मतदाताओं की संख्या 13 हजार है ।

जदयू उम्मीदवार 2010 में राजद के एम-वाई समीकरण के मुकाबले अन्य जातियों की गोलबंदी के सहारे जीते थे। वर्ष 2015 में राज्य की बदली राजनीतिक तस्वीर के बाद एमवाई और अतिपिछड़ा समीकरण के चलते उन्हें फिर जीत मिली थी।इस बार तस्वीर एक बार फिर 2010 वाली है। ऐसे में जदयू एम-वाई के मुकाबले अन्य जातियों की गोलबंदी के फॉर्मूले को साधने के लिये पूरा जोर लगा रहा है ।

तेज प्रताप यादव ने का कहना है कि लोगों का कहना है कि यहां कोई विकास नहीं हुआ है, रास्ते टूटे-फूटे है और शिक्षा एवं स्वास्थ्य की व्यवस्था नहीं है । यहां विकास चाचा ने कोई काम नहीं किया है और मैं यहां विकास करने ही आया हूं ।’’ राजद उम्मीदवार ने कहा कि राज्य में नीतीश कुमार की सरकार ने कोई काम नहीं किया है और यहां की जनता इस बार उन्हें सत्ता से हटा देगी।” उन्होंने कहा कि उन्होंने महुआ विधानसभा में बहुत विकास किया है और अब हसनपुर का विकास करने आए हैं ।

वहीं, जदयू उम्मीदवार और वर्तमान विधायक राजकुमार राय ने कहा कि तेज प्रताप को हसनपुर के मुद्दों की समझ नहीं है और उनके साथ के लोगों को इस विधानसभा का रास्ता तक पता नहीं है। उन्होंने कहा कि जिन्हें क्षेत्र के बारे में जानकारी नहीं हो, वे विकास क्या करेंगे । कुछ ही दिन पहले यहां चुनाव प्रचार करने आए महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार एवं राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा था ‘‘एकजुट रहियेगा और बंटियेगा नहीं। तेजस्वी ने कहा था, ‘‘एकजुट होकर वोट करियेगा और दातून के चक्कर में पूरा पेड़ हीं नहीं उखाड़ दीजियेगा ।’’  (पीटीआई/भाषा के दीपक रंजन और यूनीवार्ता के सौजन्य से)    

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