“इंदिरा गाँधी इंस्टीच्यूट ऑफ़ मेडिकल साइन्स, पटना के नाम को भी “वैक्सीनेशन” किया जा सकता है, यानि “नाम परिवर्तन” 

दिल्ली ऐम्स में कोरोना-19 वैक्सीनेशन का पहला डोज लिया प्रधान मंत्री 

ईश्वर न करें बात गलत हो।  लेकिन दिल्ली के रायसीना हिल और राजपथ पर इस बात की चर्चा है कि प्रधान मंत्री बिहार के राजनीतिक मुखिया और बख्तियारपुर के कुमार साहेब श्री नितीश कुमार के “सम्मानार्थ” कोरोना – 19 से सुरक्षा के लिए “वैक्सीन टीकाकरण” की शुरुआत आज, यानी 1 मार्च से करने का निर्णय लिए थे। नितीश कुमार का जन्म 1, 1951 को बख्तियारपुर में हुआ था। 

लेकिन आश्चर्य तो यह है कि अब तक कई घंटे बीत गए प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को कोविड – 19 से सुरक्षा के लिए कोरोना वैक्सीन लगाए, लेकिन देश के स्वास्थ राज्य मंत्री, बिहार के राजनीतिक मुखिया श्री नितीश कुमार के पक्कम-पक्का मित्र और बिहार के बक्सर संसदीय चुनाव क्षेत्र के सांसद “भ्रमणकारी” माननीय श्री अश्विनी कुमार चौबे जी भारतीय सोसल मीडिया पर अब तक कोरोना वैक्सीन लेते टीकाकरण सम्बन्धी तस्वीर नहीं चिपकाये हैं। श्री चौबे बाबा प्रधान मंत्री के “जबरदस्त टाईप वाले फोल्लोवर” हैं। 

इतना ही नहीं, कोरोना – 19 के कारण बिहार राज्य में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 54 अधिकारियों की किल्लत हो गयी है। प्रदेश के मुखिया माननीय नितीश कुमार, जो अपने जन्मदिन के अवसर पर आज कोरोना – 19 वैक्सीन का टीका लगवाए, रायसीना हिल पर स्थित सम्बंधित मंत्री और मंत्रालय से बारम्बार “अनुरोध” कर रहे हैं। सवाल यह है कि रायसीना हिल सुनेगा या नहीं ? वे इस बात से चिंतित हैं कि कहीं “आईएएस अधिकारीयों की किल्लत वाला कोरोना रोग प्रदेश के विकास का टेंटुआ नहीं दबाड़े ।  वैसे यह सुनने में आ रहा है कि पटना वाला “इंदिरा गाँधी इंस्टीच्यूट ऑफ़ मेडिकल साइन्स ऐम्स के नाम को भी “वैक्सीनेशन” किया जायेगा।  यानि, “कुछ शब्द कटने वाले हैं, कुछ नए शब्द जुटने वाले हैं,” जिसे हम सभी नाम-परिवर्तन” के रूप में जानते हैं।  

माननीय केंद्रीय स्वास्थ राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे जी प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदीजी के “जबरदस्त श्रेणी वाले फॉलोवर” हैं, चाहे श्री मोदी के जैकेट का सवाल हो, द्वितीय वस्त्र का सवाल हो, कोरोना-मास्क का सवाल हो, सफ़ेद-दाढ़ी बढ़ाने का सवाल हो। हाँ, खोजी पत्रकार लोग इस बात की तहकीकात कर रहे हैं इस बात से आस्वस्त होने के लिए कि “आखिर वह कौन सा वजह रहा जिसके कारण श्री चौबे बाबा दाढ़ी कटवा लिए ?” 

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ख़बरों के मुताबिक देश में कोरोना टीकाकरण का दूसरा चरण शुरू होने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र माेदी ने आज सुबह सवेरे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पहुंचे जहां उन्हें भारत बायोटेक द्वारा विकसित वैक्सीन , कोवैक्सीन की पहली डोज दी गयी। विगत 75 सालों में, यहाँ तक कि सूचना-प्रसारण से सम्बंधित नई नई तकनीकियों के विकास के वाबजूद, प्रधान मंत्री कार्यालय की सूचना पहले तो अधिकारीगण “छान-छान कर” देते थे; अब सम्मानित प्रधान मंत्री स्वयं “ट्वीट” कर देते हैं। आज हम ये किये, आज हम उनसे मिले, आज हम ये करेंगे, यानि सम्पूर्ण समय-सारिणी खुद जारी करते हैं। 

आज के ट्वीट में प्रधानमंत्री ने अपने टीकाकरण की जानकारी दी और कोरोना के खिलाफ अभियान में सहयोग की अपील करते हुए लोगों से वैक्सीन लगवाने की अपील भी किये । उन्होंने लिखा: “आज एम्स जाकर वैक्सीन का पहला डोल लिया। कोरोना के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को मजबूत करने में हमारे डॉक्टर और वैज्ञानिकों ने जिस तेजी से काम किया वह असाधारण है। मैं सभी योग्य लोगों से अपील करता हूं कि वे वैक्सीन लगवाएं। हमें साथ मिलकर देश को कोरोना मुक्त बनाना है।”

इतना ही नहीं, प्रधान मंत्री पैरा-मेडिकल कर्मियों का इतना ख्याल रखते हैं कि उन्होंने इस बात को भी उजागर किया की उन्हें सिस्टर पी निवेदिता और सिस्टर रोसम्मा अनिल ने वैक्सीन लगायी। वैसे यदि देखा जाय तो विगत 75-वर्षों में बहुत कम प्रधान मंत्री हुए जो चिकित्सा के क्षेत्रों में डाक्टरों को छोड़कर अन्य चिकित्साकर्मियों को इतना महत्व दिया। वे इस बात को तबज्जो दिए की प्रचार-प्रसार में पैरा-मेडिकल कर्मियों का भी उतना ही स्थान मिलना चाहिए, जितना अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक या अन्य आला-डाक्टरों को। वैसे ये आला डाक्टर/अधिकारी तो अख़बारों में, रेडियो पर, टीवी में विज्ञापन द्वारा भी अपना नाम प्रचारित-प्रसारित करने की आर्थिक क्षमता रखते हैं। लेकिन पैरा-मेडिकल कर्मी अगर माननीय स्वास्थ राज्य मंत्री के तरह प्रधान मंत्री का देखा-देखी करने लगे तो सबों के घरों में “चूल्हा-चौका” बंद हो जायेगा। वैसे भी प्रधान मंत्री महोदय गैस सिलिंडर का दाम ऐम्स की ऊंचाई से भी अधिक तो कर ही दिए हैं। 

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इस्सस – दुखः हव जी – नितीश जी पटना में कोरोना-19 वैक्सीनेशन का पहला डोज लेते हुए 

इतना ही नहीं, बिहार प्रदेश के मुखिया चाहे जिस वजह से भी हो (कहते हैं चुनावी वायदे है) अपने प्रदेश में सभी लोगों को कोरोना वैक्सीन मुफ्त में लगाएंगे। सूत्रों के अनुसार, सरकार ने फैसला किया है कि आज, यानि नितीश कुमार अपने जन्मदिन के अवसर (एक मार्च) से निजी अस्पतालों में भी लगाई जाने वाली कोविड-19 वैक्सीन का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी। इसका निर्णय नितीश की एक बैठक में ले लिए। आज से देश के निजी अस्पतालों में 60 साल से ज्यादा आयु के लोग और 45 साल से ज्यादा गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों को कोविड-19 टीका वैक्सीन लगाया जाना है केंद्र सरकार ने वैक्सीन के प्रत्येक डोज़ की कीमत अधिकतम ढाई सौ रुपए रखी है मगर बिहार में यह लोगों को मुफ्त में मिलेगा। 

इतना ही नहीं, बंगाल चुनाव के मद्दे नजर प्रधान मंत्री इस मौके पर असमी गमछा पहने हुए थे। इस  गमछा को वे “असम की महिलाओं के आशीर्वाद का प्रतीक” मानते हैं। उन्होंने इससे पहले भी कई मौकों पर यह गमछा पहना है। अब देखना यह है कि बक्सर के सांसद महोदय कब असमी गमछा को ओढ़कर कोरोना-19 टीकाकरण कराते हैं। बहरहाल, आज से कोरोना की रोकथाम के लिए देश में टीकाकरण का दूसरा चरण शुरू हो रहा है। इस चरण में 60 वर्ष से अधिक आयु के तथा सहरोगों से पीड़ित 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का टीकाकरण किया जायेगा। पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों तथा अग्रिम पंक्ति के कोराेना यौद्धाओं को टीका लगाया गया था। 

इधर, बिहार के मुखिया माननीय श्री नितीश कुमार बाबू की अगुआई वाला विधान सभा में प्रदेश की सरकार स्वीकार किया कि राज्य में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 54 अधिकारियों की कमी है और इसकी पूर्ति के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध भी किया गया है । विधानसभा में ऑल इंडिया मजलिस-ए- इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एएमआईएम) के अख्तरुल ईमान के तारांकित प्रश्न का सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से उत्तर देते हुए ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने स्वीकार किया कि राज्य में 54 आईएएस अधिकारियों की कमी है । बिहार सरकार ने केंद्र सरकार से सिविल सेवा परीक्षा 2020 के आधार पर 54 पदाधिकारियों को आवंटित करने का अनुरोध किया है । इसके अतिरिक्त प्रोन्नति कोटा के विरुद्ध चयन वर्ष 2018 के 22, चयन वर्ष 2019 के 15 तथा चयन वर्ष 2020 के 16 पदों पर नियुक्ति कार्यवाही प्रक्रियाधीन है । उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण इसमें देरी हुई है ।

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इससे पूर्व श्री यादव ने कहा कि बिहार संवर्ग के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा के 359 पद स्वीकृत हैं । इन पदों में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए सुरक्षित 78 पद, प्रशिक्षण सुरक्षित 6 पद, राज्य प्रतिनियुक्ति सुरक्षित 48 पद, कनीय स्तर के 32 पद और प्रोन्नति कोटा के 109 पद भी सम्मिलित हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में 202 आईएएस पदाधिकारी कार्यत है।उनमें से शीर्ष वेतनमान (मुख्य सचिव स्तर) में 11 पदाधिकारी, अधिसमय से ऊपर वेतनमान (प्रधान सचिव स्तर) में 15, अधिसमय वेतनमान (सचिव स्तर) में 27, अधिसमय वेतन से नीचे के वेतनमान (विशेष सचिव, अपर सचिव, संयुक्त सचिव स्तर) में 118 और कनीय पद पर 31 पदाधिकारी हैं । इसके अतिरिक्त आईएएस के विभिन्न स्तरों में 31 पदाधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं । उन्होंने कहा कि वर्तमान में 14 आईएएस पदाधिकारियों को एक से अधिक विभागों का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। राज्य में पदस्थापित आईएएस पदाधिकारी विधि व्यवस्था का संधारण और विकासात्मक कार्यों का निष्पादन भली-भांति कर रहे हैं ।

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