महिलाओं के सम्मानार्थ “सुश्री” या फिर “श्रीमती” ही होंगी भारत का 16 वां  उपराष्ट्रपति 2022 में

विजय चौक से एक नजर रायसीना हिल पर
विजय चौक से एक नजर रायसीना हिल पर

मैं, अमुक ———————————कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची सत्यनिष्ठा से प्रतिज्ञा करती हूँ, श्रद्धा और निष्ठा रखूंगी तथा जिस पद को मैं ग्रहण करने  वाली हूँ उसके कर्तव्यों का श्रद्धापूर्वक निर्वहन करुँगी।” 

घबराएं नहीं। सम्भव ही नहीं, पूरा विस्वास रखें की आज के दिन, अगले दूसरे साल, यानि सन 2022 में भारत के दूसरे सर्वश्रेष्ठ कार्यकारिणी के पद पर, अर्थात 16 वे उपराष्ट्रपति के रूप में भारत की एक महिला होंगी, जो संसद के ऊपरी सदन की अध्यक्षा भी होंगी।

आज़ादी के 75 वें वर्ष समाप्ति से पूर्व एक इतिहास की रचना भी हो जाएगी। वजह: स्वतंत भारत में कोई भी महिला उपराष्ट्रपति नहीं बनीं हैं। 

भारत के वर्तमान उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू का कार्यकाल 2022 के अगस्त महीने में समाप्त होने वाला है। श्री  नायडू 5 अगस्त, 2017 को भारत के 15 वें उपराष्ट्रपति के रूप में चयनित हुए थे, जिन्होंने 17 अगस्त, 2017 को देश के दूसरे सबसे बड़े कार्यकारणी पद का कार्यभार संभाले थे। 

रायसीना हिल के सूत्र के अनुसार, “वैसे राजनीतिक गलियारे में ”महिला अभ्यर्थी” की खोज राजनेतागण अपने-अपने तरह से प्रारम्भ कर दिए हैं। लेकिन अंतिम चयन तो प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी यानि, भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी पार्टियों का ही होगा। वर्तमान में भाजपा में “उपराष्ट्रपति हेतु महिला अभ्यर्थी” दिख तो रहीं हैं, परन्तु आगामी 2024 लोक सभा चुनाव को भी मद्दे नजर रखना होगा, जिससे देश की महिला मतदाताओं को अपनी प्रतिष्ठा पर भी नाज हो।” 

स्वतंत्र भारत में सर्वपल्ली राधाकृष्णन पहले व्यक्ति थे जो उपराष्ट्रपति बने। श्री राधाकृष्णन के बाद जाकिर हुसैन (13 मई, 1962 – 13 मई, 1967), वी वी गिरी,  (13 मई, 1967 – 3 मई  1969), गोपाल स्वरुप पाठक (1 सितम्बर, 1969 – 1 सितम्बर, 1974), बी डी जेट्टी (1 सितम्बर, 1974  – 25 जुलाई, 1977), मोहम्मद हिदायतुल्लाह (25 अगस्त, 1977  –  25 जुलाई, 1982), आर वेंकटरमन (25 अगस्त, १९८२ – 25 जुलाई, 1987), शंकर दयाल शर्मा (3 सितम्बर, 1987  –  24 जुलाई,  1992), के आर नारायणन (21 अगस्त 1992  – 24 जुलाई 1997), कृष्णकांत (21 अगस्त 1997  – 27 जुलाई,  2002), भैरों सिंह शेखावत (19 अगस्त 2002  – 21 जुलाई, 2007), मोहम्मद हामिद अंसारी (2007 – 2017) और एम वेंकैय्या  नायडू (6 अगस्त 2017 क्रमशः)  

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संवैधानिक रूप से उपराष्ट्रपति का निर्वाचन संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से मिलकर बनने वाले निर्वाचकगण के सदस्यों द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा होगा और ऐसे निर्वाचन में मतदान गुप्त होगा।

उपराष्ट्रपति संसद के किसी सदन का या किसी राज्य के विधान-मंडल के किसी सदन का सदस्य नहीं होगा और यदि संसद के किसी सदन का या किसी राज्य के विधान-मंडल के किसी सदन का कोई सदस्य उपराष्ट्रपति निर्वाचित हो जाता है तो यह समझा जाएगा कि उसने उस सदन में अपना स्थान उपराष्ट्रपति के रूप में अपने पद ग्रहण की तारीख से रिक्त कर दिया है।

उपराष्ट्रपति, राज्य सभा का पदेन सभापति होगा और अन्य कोई लाभ का पद धारण नहीं करेगा। परंतु जिस किसी अवधि के दौरान उपराष्ट्रपति, अनुच्छेद 65 के अधीन राष्ट्रपति के रूप में कार्य करता है या राष्ट्रपति के कृत्यों का निर्वहन करता है, उस अवधि के दौरान वह राज्य सभा के सभापति के पद के कर्तव्यों का पालन नहीं करेगा और वह अनुच्छेद 97 के अधीन राज्य सभा के सभापति को संदेय वेतन या भत्ते का हकदार नहीं होगा।  

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