प्रधान मंत्री का बनारस ‘कोरोना बम’ हो रहा है, संक्रमित लोग बेख़ौफ़ ‘सांढ़’ जैसा भ्रमण-सम्मलेन कर रहे हैं 

गदौलिया चौक, बनारस में दांत के डाक्टर 

अंततः बनारस में सडकों के नुक्कड़ों पर “दांत” के डाक्टरों की सर्वाधिक उपस्थिति जैसा ही अब कोरोना निरोधक डाक्टर और उनकी दबाइयाँ चतुर्दिक उपलब्ध हैं। परिणाम यह हो रहा है कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति बनारस में सांढ़ जैसा  सड़कों पर खुलेआम, बिना किसी रोक-टोक के भ्रमण-सम्मलेन कर रहे हैं। 

“आईसोलेशन” का अर्थ इन महानुभावों के लिए “आई” (मैं) “सो” (इसलिए) “लेशन” (सुलेशन या रिलेशन जो भी समझें आप) – यानि ये सभी संक्रमित लोग-बाग़ जब तक अंतिम सांस नहीं खींच लें, तब तक बाबा विश्वनाथ की नगरी में सांढ़ जैसा चलते-फिरते रहेंगे। चाहे प्रशासन के अधिकारीयों को, खाकी वर्दीधारियों को, नेताओं को – या फिर जो भी समझदार लोगबाग हैं (स्वयंभू-समझदार सहित) – जिन्हे जो समझना हो, जो करना को कर लें।  

लेकिन स्थानीय लोगों का मानना है कि इन संक्रमित लोगों को सांढ़ जैसा घूमने, व्यवसाय करने से कोई नहीं रोक सकता हैं। यानि, कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोक पाने नाकाम वाराणसी प्रशासन के लिए अब वाराणसी में खुलेआम घूम रहे कोरोना बम प्रशासन के माथे पर चिंता की लकीरें खींच गया है।  

लोगों का मानना है कि प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में कोरोना संक्रमण के विस्तार पर रोक-थाम के लिए स्थानीय प्रशासन को मुस्तैद किया गया था। परिणामस्वरूप, कई कोरोना संक्रमितों को होम आइसोलेशन में रखा गया था, लेकिन ये संक्रमित घर पर आइसोलेशन में ना जाकर सडको पर जगह जगह बेख़ौफ़ घूम रहे है।   

स्थानीय लोगों का कहना है कि उनका शहर बनारस बिल्ली के माथे जैसा ही है। यानि, शहर के किसी कोने में कोरोना संक्रमण की बात होने के साथ ही, दूसरे कोने में बिजली जैसा पहुँच जाती है। लेकिन, विगत दिनों से बारम्बार खबर आ रही है की जिन-जिन लोगों को कोरोना संक्रमण हुआ था, वे शहर के किसी भी सरकारी अस्पताल अथवा निजी अस्पताल में न जाकर, प्रशासन को बिना सूचना दिए, स्थानीय झोला-छाप चिकित्सकों से ईलाज करा रहे हैं।  

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परिणाम यह हुआ है कि रातो-रात , सप्ताह के अंदर बाबा रामदेव का कोरोनिल सम्पूर्ण बाजार में पसर गया है। यानि बाबा रामदेव का ही नहीं, स्थानीय दवाखानों का, चिकित्सकों का चांदी-ही-चांदी।  पैसों की जो भी बारिश हो, इस बात से इंकार सकता है कि शहर में कोरोना संक्रमित लोग एकदम “बम” जैसा फ़ैल  गए हैं और शहर में संक्रमित लोगों की संख्या बहुत अधिक हो सकती है। 

राकेश एक व्यापारी हैं और कोरोना पीड़ित  होने के  वावजूद, अपने कारोबार में लगा रहा है। यह होमियोपैथिक दबाये खा रहा है। दूसरे व्यापारी हैं श्यामलाल शर्मना. . यूए कोरोना संक्रमित होते हुए भी सुंदरपुर में दूकान चला। पिछले दिनों दबा मंडी में एक बड़ा कारोबारी कोरोना पीड़ित हुआ था और पूर्वांचल के कई जिलों में कोरोना का व्यापार किया। इसी तर्ज कुछ निजी कंपनियों में कार्य करने वाले लोग, जो कोरोना से संक्रमित हैं, अपने कार्यों पर आ जा रहे हैं।    

कई ऐसे लोग है जो कोरोना संक्रमित होते हुए भी डाक्टरों के पास ना जाकर खुद से अपनी चिकित्सा कर रहे है और बाबा रामदेव की कोरोनिल तो वही विभिन्न अंगेजी दवाइयों का सहारा ले रहे है। बाबा रामदेव के पतंजलि स्टोर पर इन दिनों कोरोनिल खरीदने वालो की तादात लगातार बढ़ रही है। जो खुद से अपना इलाज कर रहे है।  एक दवा विक्रेता ने बताया कि उसने कई ऐसे कोरोना पीड़ितों को दवा दिया है जो पीड़ित होते हुए भी घूम रहे है। ऐसे घूम रहे कोरोना बम से पूरे शहर में लगातार खतरा बढ़ता जा रहा है और प्रशासन अपनी नाकामी पर पीठ थपथपा रहा है।   

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