कल तक भारत ही नहीं, विश्व के सभी 195 देशों में 7.8 बिलियन लोगों के लहु के रंग “अलग-अलग-अलग-थलग” थे। कोई हिन्दू था तो कोई मुसलमान; कोई सिख था तो कोई ईशाई, कोई चीनी था तो कोई जापानी; कोई नेपाली था तो कोई असमी, कोई अमेरिकन था तो कोई फ़्रांसिसी…..परन्तु, “कोरोना वायरस” के रूप में मौत की अदृश्य परछाई जब सबों के माथे पर पड़ी; लहु के रंग एक हो गए – लाल और सभी एक-दूसरों के “दुश्मन” नहीं, “मित्रवत” हो गए । इस दृष्टि से कोरोना वायरस विश्व को एकबद्ध करने में सफल रहा। हां, कुछ जान-माल हुई , और हो भी सकती है – परन्तु विश्व में शांति हो, विश्व का कल्याण हो – कौन नहीं चाहता !
कल, यानि 22 मार्च को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक सम्पूर्ण देश में जनता कर्फ्यू रहेगा। यह महज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक गुजारिश पर क्योंकि वे भी चिंतित हैं – आपकी कोई क्षति नहीं हो। कोरोना वायरस के संकट को लेकर मोदी ने गुरुवार को देश के नाम संबोधन दिया और देश के लोगों से जनता कर्फ्यू का पालन करने के लिए कहा ।
हज़ारों साल पहले गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरितमानस में लिखा:
विनय न मानहि जलधि जड़, गए तीनि दिन बीति।
बोले राम सकोप तब, भय बिनु होइ न प्रीति।।
यह भले ही समुद्र के लिए अभिधा शक्ति के साथ प्रतीत हो परन्तु यह मनुष्य के सामान्य व्यवहार को इंगित करता है। क्या बिना परीक्षा के डर के हम उतना पढ़ सकते हैं जितना परीक्षा के डर से पढ़ते हैं? क्या दुर्घटनाओं को देखने के बाद हम अधिक सतर्क नहीं हो जाते (क्या जिस जीवन को आप अब बचाना चाहते हैं वह पहले आपका जीवन नहीं था)? आदि आदि।
वास्तव में हमें अपने कार्यों में भी तब तक बहुत प्रीति या लगाव नहीं होता जब तक उसकी विफलता का भय हमें न सताए। प्रीति का व्यापक अर्थ उस लगाव से है जो हमारे मन में भय का अनुगामी है। यही बात इस वाक्य में निहित है कि यदि आपको किसी कार्य के होने या न होने से कोई अन्तर नहीं पड़ता है तो आप के मन में उसके प्रति लगन नहीं होगी और तब आप अपना समय ही नष्ट करेंगे।
आगे की पंक्तियाँ हैं:
लछिमन बान सरासन आनू। सोषौं बारिधि बिसिख कृसानू।।
सठ सन बिनय कुटिल सन प्रीती। सहज कृपन सन सुंदर नीती।।
ममता रत सन ग्यान कहानी। अति लोभी सन बिरति बखानी।।
क्रोधिहि सम कामिहि हरि कथा। ऊसर बीज बएँ फल जथा।।
अस कहि रघुपति चाप चढ़ावा। यह मत लछिमन के मन भावा।।
अर्थ: हे लक्ष्मण! धनुष बाण ले आओ। मैं अग्नि बाण से समुद्र को सूखा दूँगा। क्योंकि सठ के साथ विनय, कुटिल के प्रति का कोई लाभ नहीं और कंजूस को नीति सुनाने से भी कोई लाभ नहीं है। ममतारत को ज्ञान कहानी सुनाना और लोभी से वैराग्य की बात करना, क्रोधी से शांति की बात करना और कामी को हरी कथा सुनना तो ऐसा ही है जैसे बंजर भूमि में बीज बोना। ऐसा कहकर राम जी ने धनुष उठता और यह बात लक्ष्मण जी को अच्छी लगी।
अर्थ यह हुआ कि यह बात केवल उन के लिए है जो भय के बिना मानते ही नहीं। जिनके लिए साम , दाम, दंड और भेद में से दंड ही उचित है। अब प्रश्न है कि समुद्र देव क्या शठता कर रहे थे।
कोई राजा किसी पहरेदार को अपना द्वाररक्षक बना दे और कहे कि किसी को आने -जाने मत देना और एक दिन वह राजा को ही रोक ले तो क्या उसे बुद्धिमान कहा जायेगा। अभिप्राय है कि किसी को भी मांगने पर समुद्र रास्ता नहीं देगा और देना भी नहीं चाहिए पर यदि समुद्र को बनाने वाला और समुद्र या जल के स्वाभाव को रचने वाला हे आ जाये तो तब तो अपने स्वाभाव में परिवर्तन कर लेना चाहिए।
समुद्र ने आगे कहा भी है कि जल को आपने ही बनाया है और स्वाभाव भी निश्चित किया है। अतः अब वही कीजिये जो आपको अच्छा लगे।
बहरहाल, दुनियाभर में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 9,000 के पार पहुंच गयी। इनमें से यूरोप में मरने वाले लोगों की संख्या 4,134 जबकि एशिया में 3,416 है। ईरान के स्वास्थ्य उपमंत्री अलीरेजा रिआसी ने बताया कि इसके साथ ही देश में इस संक्रमण से मरने वालों की संख्या बढ़कर 1,284 हो गयी है। देश में अभी तक कुल 18,407 लोग इस वायरस से संक्रमित हैं। ईरान ने देश में तेजी से फैलते कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर यह कदम उठाया है। लोगों को घरों से बाहर निकलने से हतोत्साहित करने के लिए ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता के. जहानपुर ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि वायरस से हर घंटे ईरान में 50 लोग संक्रमित हो रहे हैं और प्रत्येक 10 मिनट में एक व्यक्ति की मौत हो रही है।
वहीं संयुक्त अरब अमीरात ने फिलहाल विदेश गए अपने निवासियों के देश वापसी पर रोक लगा दी है। हालांकि राज्य ने अपने नागरिकों को वापस लौटने की अनुमति दे दी है। यूएई में अभी तक 113 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।
पीटीआई..भाषा की खबर के अनुसार, नेपाल ने यूरोप, पश्चिम एशिया और जापान से आने वाले सभी यात्रियों के देश में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। एक अधिकारी ने बताया कि यह यात्रा प्रतिबंध शुक्रवार से 15 अप्रैल तक लागू रहेगा। यह प्रतिबंध उन लोगों पर भी लागू होगा जो इन देशों के रास्ते होते हुए नेपाल आना चाहते हैं। नेपाल सभी विदेशी नागरिकों के लिए वीजा ऑन अराइवल पिछले ही सप्ताह रद्द कर चुका है। यह आदेश फिलहाल 30 अप्रैल तक प्रभावी है।
इधर, पाकिस्तान ने गुरुवार को भारत के साथ लगी अंतरराष्ट्रीय वाघा सीमा को दो सप्ताह के लिए बंद करने की घोषणा की है। देश में अभी तक कोरोना वायरस संक्रमण के 341 मामलों की पुष्टि हुई है।
जर्मनी में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या गुरुवार को बढ़कर 10,999 हो गयी है। यहां महज एक दिन में संक्रमण के 2,801 नए मामलों की पुष्टि हुई है।
कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर श्रीलंका ने 25 अप्रैल को होने वाले आम चुनाव को अनिश्चित काल तक के लिए स्थगित कर दिया है।