“लॉकडाउन” – “नो भागमभाग प्लीज़” !!! 

"लॉकडाउन" - नो भागमभाग प्लीज 

कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 21 दिनों के बंद (लॉकडाउन) की घोषणा किए जाने के बाद देश के कई हिस्सों में लोगों के बीच अफरा-तफरी की स्थिति देखी गई और राशन की दुकानों तथा स्टोरों पर लोगों की भीड़ नजर आई​, लेकिन जैसे ही स्थानीय व्यवस्था और प्रशासन प्रधान मंत्री के आदेश को अक्षरसः प्रभावशाली करने को ठानी, प्रभावकारी हो गया ​।

दिल्ली ही नहीं, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सहित देश के सम्पूर्ण राज्यों में, यानि दिल्ली के राजपथ से गाँव के पंचायतों तक लोगबाग “करुणा लाओ – कोरोना भगाओ” सिद्धांत को अक्षरसः लालू कर रहे हैं।  ​आख़िर जिन्दगी का सवाल है। जिन्दा रहेंगे तब ही न राजनीति करेंगे और कोरोना तो जाति, धर्म, सम्प्रदाय, व्यवसाय, देखकर दबोचेगा नहीं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक भारत में कोरोना वायरस के 562 मामलों की पुष्टि हो चुकी है और नौ लोगों की मौत हुई है। पहले मरने वालों की संख्या 10 बताई गई थी, हालांकि दिल्ली में जिस दूसरे मरीज की मौत हुई थी उसकी जांच में कोरोना वायरस की पुष्टि नहीं हुई।​ महाराष्ट्र में एक और तमिलनाडु में भी एक व्यक्ति की मौत हुई। दोनों राज्यों के अधिकारियों ने इन मौतों की वजह कोरोना वायरस को बताया है, हालांकि कोरोना से मरने वालों के अखिल भारतीय आंकड़े में अभी इन मौतों को शामिल नहीं किया गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार रात राष्ट्र के नाम संबोधन में देशवासियों से अपील की कि लोग घरों में रहें। उन्होंने कहा कि अगर देश कोरोना के खिलाफ लड़ाई हार गया तो 21 साल पीछे चला जाएगा।

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बहरहाल, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने निजी सुरक्षा एजेंसियों से कहा है कि वे कोरोना वायरस महामारी के चलते 21 दिनों के देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान गार्डों की छंटनी या उनके वेतन में कटौती न करें। गृह मंत्रालय ने निजी सुरक्षा उद्योग के केंद्रीय संघों, सीआईआई, फिक्की, एसोचैम और अन्य को लिखे पत्र में कहा कि भारत कोविड-19 के प्रकोप के चलते एक असाधारण हालात का सामना कर रहा है।

इस महामारी और बंद के चलते आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं और दुकानें, मॉल और अन्य प्रतिष्ठान बंद होने के कारण निजी सुरक्षा एजेंसियां ​​प्रभावित हो सकती हैं। गृह मंत्रालय ने कहा है, “यह निजी सुरक्षा उद्योग के लिए मानवीय दृष्टिकोण अपनाने का वक्त है” और उन्हें अपने कर्मचारियों को छंटनी से बचाना चाहिए।  

लॉकडाउन - पेड़ की सम्पूर्ण परछाई पर एक पहड़ेदार 
लॉकडाउन – पेड़ की सम्पूर्ण परछाई पर एक पहड़ेदार 

देश में 21 दिनों के लॉकडाउन की मोदी की घोषणा के बाद देश के कई हिस्सों में जरूरी वस्तुओं की खरीद के लिए अफरा-तफरी की स्थिति पैदा होने पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों से कहा कि वे खाने-पीने की चीजों की कमी से संबंधित अफवाहों पर अंकुश लगाएं।​ सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों को भेजे पत्र में मंत्रालय ने कहा कि लोगों की चिंताओं को दूर किया जाए तथा शांति एवं सौहार्द बनाए रखा जाए और लोगों को खाने-पीने की वस्तुओं, दवाओं और अन्य जरूरी वस्तुओं की उपलब्धता के बारे में सूचित किया जाए।

विभिन्न राज्यों से मिली जानकारी के मुताबिक सड़कें वीरान रहीं, लेकिन लोग बाजारों में खरीददारी के लिए अफरा-तफरी की स्थिति में देखे गए। हालांकि केंद्र एवं राज्य सरकारों की ओर से लोगों से सामाजिक दूरी बनाए रखने और अपने घरों में रहने की बार-बार अपील की जा रही है।

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कोलकाता में भीड़ के जमा होने पर पूरी तरह पाबंदी लगने के बावजूद शहर के कुछ हिस्सों में लोग अगले कई दिनों के लिए जरूरी वस्तुओं की खरीद के लिए बाजारों की तरफ जाते दिखे। कई जगहों पर लोग अतिरिक्त एलपीजी सिलेंडर के लिए कतारों में भी नजर आए।​ 

दिल्ली में मदर डेयरी की कई दुकानों और राशन की स्थानीय दुकानों के बाहर भी लोगों की कतारें देखी गईं। हालांकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि बंद के दौरान जरूरी वस्तुओं की उपलब्धता और सेवाएं सुनिश्चित की जाएंगी और ऐसे में लोगों को अफरा-तफरी में आने की जरूरत नहीं है।

उपराज्यपाल अनिल बैजल की मौजूदगी में केजरीवाल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम बंद के दौरान जरूरी वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सब्जी विक्रेताओं, राशन दुकानदारों के लिए ई-पास जारी करेंगे।’’ बैजल ने कहा, ‘‘हम दिल्ली में बंद का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करेंगे।’’ केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि सरकार बाजार में जरूरी वस्तुओं की उपलब्धता पर नजर बनाए हुए है। उन्होंने बंद के दौरान उत्पादकों एवं व्यापारियों को मुनाफाखोरी को लेकर भी आगाह किया।

पासवान ने ट्वीट किया, ‘‘सरकार कोरोना के खतरे से उत्पन्न स्थिति में तमाम आवश्यक वस्तुओं की बाजार में उपलब्धता पर लगातार नजर बनाए हुए है और वह सभी राज्य सरकारों के संपर्क में है, ताकि कहीं भी किसी चीज की किल्लत न हो। सभी उत्पादकों और व्यापारियों से भी अपील है कि इस घड़ी में मुनाफाखोरी से बचें।’’

केंद्र सरकार ने मलेरिया रोधी दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से पाबंदी लगा दी है ताकि बाजार में इसकी पर्याप्त उपलब्धता हो सके।’’

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भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि कोरोना वायरस के संदिग्ध या पुष्ट मामलों को देख रहे स्वास्थ्यकर्मियों और पुष्ट मरीजों के संपर्क में अति जोखिम वाले लोगों को हाइड्रॉक्सी-क्लोरोक्वीन दी जानी चाहिए। (​भाषा के सहयोग से)​

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