एक राजनीतिक-युग का अन्त, बंगाल टाईगर पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी नहीं रहे 

प्रणव मुखर्जी: आमी आश्चि
प्रणव मुखर्जी: आमी आश्चि

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का आज यहां एक सैन्य अस्पताल में निधन हो गया । मुखर्जी 84 वर्ष के थे। मुखर्जी को गत 10 अगस्त को अस्पताल में भर्ती कराया गया था ।  राजनीतिक जीवन के अंतिम पहर में अपने ही पार्टियों, यानि कांग्रेस, के नेताओं द्वारा दर-किनार किये गए बंगाल का टाईगर, जिसने जीवन में अपने सिद्धांतों के कारण ही “प्रणव” से “प्रणव मुखर्जी” बने – आज अनन्त यात्रा पर निकल गए।  मुखर्जी 2012 से 2017 तक देश के 13वें राष्ट्रपति थे और साल 2019 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।  

अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट किया, ‘‘भारी मन से आपको सूचित करना है कि मेरे पिता श्री प्रणब मुखर्जी का अभी कुछ समय पहले निधन हो गया। आरआर अस्पताल के डॉक्टरों के सर्वोत्तम प्रयासों और पूरे भारत के लोगों की प्रार्थनाओं और दुआओं के लिए मैं आप सभी को हाथ जोड़कर धन्यवाद देता हूं।’’

पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी को दिल्ली छावनी स्थित अस्पताल में गत 10 अगस्त को भर्ती कराया गया था और उसी दिन उनके मस्तिष्क में जमे खून के थक्के को हटाने के लिए उनकी सर्जरी की गई थी। मुखर्जी को बाद में फेफड़े में संक्रमण हो गया। 

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प्रणब मुखर्जी के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत प्रमुख हस्तियों ने शोक व्यक्त किया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट किया, ‘पूर्व राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी के स्वर्गवास के बारे में सुनकर हृदय को आघात पहुंचा। उनका देहावसान एक युग की समाप्ति है। श्री प्रणब मुखर्जी के परिवार, मित्र-जनों और सभी देशवासियों के प्रति मैं गहन शोक-संवेदना व्यक्त करता हूँ।’ 

उन्होंने आगे लिखा, ‘भारत के प्रथम नागरिक के रूप में, उन्होंने लोगों के साथ जुड़ने और राष्ट्रपति भवन से लोगों की निकटता बढ़ाने के सजग प्रयास किए। उन्होंने राष्ट्रपति भवन के द्वार जनता के लिए खोल दिए। राष्ट्रपति के लिए ‘महामहिम’ शब्द का प्रचलन समाप्त करने का उनका निर्णय ऐतिहासिक है। असाधारण विवेक के धनी, भारत रत्न श्री मुखर्जी के व्यक्तित्व में परंपरा और आधुनिकता का अनूठा संगम था। 5 दशक के अपने शानदार सार्वजनिक जीवन में, अनेक उच्च पदों पर आसीन रहते हुए भी वे सदैव जमीन से जुड़े रहे। अपने सौम्य और मिलनसार स्वभाव के कारण राजनीतिक क्षेत्र में वे सर्वप्रिय थे।

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इससे पहले, प्रणब मुखर्जी का स्वास्थ्य और खराब हो गया था।  प्रणब मुखर्जी कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए गए थे और उनकी हाल ही में ब्रेन सर्जरी की गई थी. प्रणब मुखर्जी को खराब स्वास्थ्य के कारण 10 अगस्त को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनके मस्तिष्क में खून का थक्का जमने के बाद सर्जरी की गई थी, इसी वक्त उनके कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी मिली थी. अस्पताल ने बताया था कि उनके स्वास्थ्य में गिरावट दर्ज की गई क्योंकि उन्हें फेफड़े में संक्रमण की वजह से सेप्टिक शॉक लगा है। सेप्टिक शॉक एक ऐसी गंभीर स्थिति है, जिसमें रक्तचाप काम करना बंद कर देता है और शरीर के अंग पर्याप्त ऑक्सीजन प्राप्त करने में विफल हो जाते हैं।

हे माँ दुर्गे !!! आमि ाश्चि 

सेना के अनुसंधान एवं रेफरल अस्पताल ने बताया था कि 84 वर्षीय मुखर्जी का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने कहा कि वह गहरे कोमा में हैं और वेंटिलेटर पर हैं। पूर्व राष्ट्रपति को 10 अगस्त को यहां अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उनकी मस्तिष्क की सर्जरी की गई थी। बाद में उनके फेफड़ों में भी संक्रमण हो गया था। अस्पताल ने एक बयान में कहा था, ‘कल से श्री प्रणब मुखर्जी के स्वास्थ्य में गिरावट हुई है। फेफड़े में संक्रमण की वजह से उन्हें सेप्टिक आघात आया है और अभी उनका इलाज विशेषज्ञों की एक टीम कर रही है। वह अब भी गहरे कोमा में हैं और वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं।’ मुखर्जी 2012 से 2017 के बीच 13वें राष्ट्रपति थे।

​उपराष्ट्रपति एम वेंकैय्या नायडू ने लिखा की “​भारत के पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी जी का निधन का राष्ट्र के लिए बड़ी क्षति है। देश ने एक दूरदृष्टा वरिष्ठ नेता खोया है।​ एक गांव से उठ कर आपने अपनी क्षमता, कठिन परिश्रम, समर्पण और अनुशासन के सहारे देश का शीर्षस्थ पद को सुशोभित किया।राष्ट्र के प्रति आपकी सेवाओं के सम्मान में आपको शीर्षस्थ सम्मान भारत रत्न से अलंकृत किया गया। भारत की संसद ने आपके योगदान के लिए आपको सर्वश्रेष्ठ सांसद के सम्मान से सम्मानित किया।  

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प्रधान नरेंद्र मोदी ने प्रणब मुखर्जी के निधन पर दुख व्यक्त किया. पीएम मोदी ने लिखा कि प्रणब मुखर्जी के निधन पर पूरा देश दुखी है, वह एक स्टेट्समैन थे. जिन्होंने राजनीतिक क्षेत्र और सामाजिक क्षेत्र के हर तबके की सेवा की है. प्रणब मुखर्जी ने अपने राजनीतिक करियर के दौरान आर्थिक और सामरिक क्षेत्र में योगदान दिया. वह एक शानदार सांसद थे, जो हमेशा पूरी तैयारी के साथ जवाब देते थे.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी ट्वीट कर प्रणब मुखर्जी को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि प्रणब मुखर्जी को देश के हर तबके का सम्मान प्राप्त था. उनका निधन एक निजी क्षति है, जिनके पास सार्वजनिक जीवन के हर क्षेत्र का ज्ञान था। राजनाथ सिंह ने लिखा कि प्रणब मुखर्जी का जीवन बेहद साधारण था, इसी तरह उन्होंने देश की सेवा की।   

गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर प्रणब मुखर्जी के निधन पर दुख व्यक्त किया. उन्होंने लिखा कि भारत रत्न प्रणब मुखर्जी एक शानदार नेता थे, जिन्होंने देश की सेवा की. प्रणब जी का राजनीतिक करियर पूरे देश के लिए गर्व की बात है. अमित शाह ने लिखा कि प्रणब मुखर्जी ने अपने जीवन में देश की सेवा की, उनके निधन के बाद देश के सार्वजनिक जीवन को बड़ी क्षति हुई है।

प्रणब मुखर्जी का जन्म 11 दिसंबर, 1935 को पश्चिम बंगाल के बीरभूम में हुआ था, शुरुआती पढ़ाई भी उन्होंने गृह जिले से ही की थी. लेकिन बाद में कोलकाता में राजनीतिक शास्त्र की पढ़ाई करने आ गए।  करीब 6 दशक तक के अपने राजनीतिक जीवन में प्रणब मुखर्जी ने हर वो मंत्रालय और पद संभाला है, जो राजनीतिक जीवन में काफी बड़ा माना जाता है। 

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प्रणब मुखर्जी 1969 से पांच बार राज्यसभा के सांसद चुने गए, फिर 2004 में उन्होंने चुनावी राजनीति में कदम रखा और लोकसभा सांसद भी चुने गए।  इंदिरा गांधी की मदद से राजनीति में प्रवेश करने वाले प्रणब मुखर्जी कांग्रेस का सबसे बड़ा और भरोसेमंद चेहरा भी बने। 

साल 1973 में प्रणब मुखर्जी पहली बार केंद्रीय मंत्री बने, उसके बाद लगातार वो इंदिरा गांधी की सरकार, फिर राजीव गांधी की सरकार में मंत्री बनते रहे।  1980 में प्रणब मुखर्जी का राज्यसभा में कांग्रेस का नेता बना दिया गया और प्रधानमंत्री के बाद उनकी ही धमक पार्टी में दिखी। 

साल 2012 में प्रणब मुखर्जी को राष्ट्रपति बनाया गया, वो 2017 तक इस पद पर रहे. इस दौरान शुरुआती साल में मनमोहन सिंह और अंतिम वर्षों में नरेंद्र मोदी के साथ उन्होंने काम किया।  नरेंद्र मोदी और प्रणब मुखर्जी की जोड़ी हमेशा चर्चा में रही, अंत में मोदी सरकार ने ही उन्हें भारत रत्न से नवाजा. 2019 में जब प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न दिया गया।  

प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट किया की ​पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न श्री प्रणब मुखर्जी जी के निधन का समाचार सुनकर अत्यंत दुःख हुआ। वह प्रज्ञावान और कार्य क्षमता वाले थे। उनके परिवार, मित्रों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। ॐ शांति 

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