चौबे बाबा !! आप तो “स्वास्थ मंत्री” हैं, “बत्ती बुझाओ – ढ़िबरी जलाओ” से कोरोना वायरस ख़त्म कैसे करेंगे, आप भी “हाँ” में “हाँ” मिलाते हैं ?

चौबे बाबा !! आप तो “स्वास्थ मंत्री” हैं, “बत्ती बुझाओ – ढ़िबरी जलाओ” से कोरोना वायरस ख़त्म कैसे करेंगे, आप भी “हाँ” में “हाँ” मिलाते हैं ?
चौबे बाबा !! आप तो “स्वास्थ मंत्री” हैं, “बत्ती बुझाओ – ढ़िबरी जलाओ” से कोरोना वायरस ख़त्म कैसे करेंगे, आप भी “हाँ” में “हाँ” मिलाते हैं ?

कोरोना वायरस से लड़ने के लिए जिस तरह मंत्री माननीय नरेंद्र मोदीजी ने राष्ट्र के नाम सम्वोधन में  सामुहिक शक्ति का प्रदर्शन करने हेतु कहा की “बत्ती बुझाओ, मोमबत्ती, दीया, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाओ” –  ऐसा प्रतीत होता है कि आने वाले समय में देश में किसी भी तरह के त्रादसी के विरुद्ध भारत के लोगबाग अब इण्डिया गेट या गेटवे ऑफ़ इण्डिया पर मोमबती नहीं जलाएंगे – अपने-अपने घरों, दरवाजों और खिड़कियों पर बैठकर मोमबत्ती, दीया, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाया करेंगे – विरोध का, एकाग्रता का, एकता का यह एक जबरदस्त तरीका सिद्ध होगा। 

क्योंकि देश के स्वास्थ राज्य मंत्री अश्विनी चौबे जी “मोमबत्ती, दीया, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट” क्यों जलाएं कोरोना वायरस से निपटने के लिए’ कोई वैज्ञानिक कारण नहीं बताये। चौबे जी बिहार के एकमात्र ऐसे नेता (मंत्री) हैं जिनके कपड़ों में कभी सिलवट नहीं आता। अंगवस्त्र से जूता तक – एकदम कड़क, बिना किसी सिलवट के। यह संभव नहीं है अगर कोई मंत्री जनता के सुख-दुःख का साथी हो, चुनाब जितना अलग बात है। हाँ, गोल-गोल बातें करना तो कोई इनसे सीखे। एक स्वास्थ मंत्री होने के नाते  “बत्ती बुझाओ – ढ़िबरी जलाओ” का वर्तमान कोरोना वायरस से क्या सम्बन्ध है, इसका वैज्ञानिक कारण बताने के बजाय “हाँ-में-हाँ” मिला दिए और फेसबुक पर कुछ इस कदर लिखे:

“05 अप्रैल को रात 09 बजे 9 मिनट के लिए सभी देशवासी अपने घरों के बालकोनी , छत , दरवाजें पर दीया , मोमबत्ती , टॉर्च , मोबाइल फ्लैश लाइट जलाकर आकाश को जगमग करना है – माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी​ – लेकिन इस दौरान सभी लोग अपने घरों के सारे बिजली लाइट बंद कर दें – अंधकार से प्रकाश की ओर चलकर इस महामारी से जीतेगा भारत

​अमन कुमार जैन फेसबुक लिखते हैं: ​आदरणीय प्रधानमंत्री जी 🙏जहां तक मैं समझता हूं देशवासियों को अपनी एकता और अखंडता का परिचय देने के लिए इस तरह की बचकाना हरकतें करने की आवश्यकता नहीं है। थाली बजाना, घंटी बजाना, लाइट बंद करके मोमबत्ती जलाना इस तरह के टोटके तो निर्मल बाबा जैसे लोग अपने प्रवचनों में दिया करते हैं।​ देश का एक जिम्मेदार प्रधानमंत्री होने के नाते आपसे अनुरोध है की इस प्रकार की बातों से देशवासियों को उपहास का पात्र ना बनाएं​ – देशवासी आपसे ठोस कदमों की अपेक्षा करते हैं ।   

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‎​फेसबुक के “आई सपोर्ट योगी” पेज पर श्री कांत शर्मा लिखते हैं: ​इस देश का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोगों की मन स्थिति को उसी तरह जानते है जैसे एक अनुभवी वैद्य किसी की नब्ज पर हाथ रखकर पूरे शरीर की बीमारियां जान ​लें। प्रधानमंत्री को पता है कि लोग घर में बैठे-बैठे अवसाद ग्रस्त होते हैं, अकेलेपन का अनुभव कर रहे हैं, उबाऊ महसूस कर रहे हैं. कहीं ऐसा ना हो कि उनका मनोबल टूट जाए, हौसला कमजोर हो ​जाय। इसलिए प्रधानमंत्री ने सामूहिकता का एहसास दिलाने के लिए स्वयं को देश के साथ खड़े होने की भावना पैदा करने के लिए एक अनोखा प्रयोग किया ​हैं। इस देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं को अपनी जनता का संरक्षक होने, परिवार का बुजुर्ग होने और हितेषी राजनेता होने का हर पल एहसास कराते रहते ​हैं। 

फेसबुक पर ही ​जीतेन्द्र नारायण लिखते हैं: “प्रधानमंत्री जी आप धन्य ​हैं। देश की जनता के लिए आपकी चिंताएं देखकर मेरी आँखें भर आईं…बस भारत सरकार का एक हेल्पलाइन जारी करवा दीजिए जिसपर डायल कर हम मोमबत्ती, दीया और सरसों तेल मंगा सके…क्योंकि दुकान सब पर शाम-सुबह बहुत धक्का-मुक्की रहता है और दिन में पकड़े जाने पर पुलिस जमकर कुटाई करती है…!!!

​नरेन्द्र मोदी की पिछली सरकार में  मंत्री रहे उपेन्द्र कुश्वाहा लिखते हैं: गंभीरता पूर्वक कदम उठाकर देश की जनता को​ #कोरोना_संकट से बाहर निकाले @narendramodi सरकार। हम सबलोग सरकार का साथ दे रहे हैं और हर विकट परिस्थिति में साथ देंगे परंतु #April5 को #9baje9min #Diya #Mombatti, जैसे दकियानूसी कार्यक्रमों से लोगों के साथ मजाक न करे ।​ इस बात को उन्होंने नरेंद्र मोदी के ट्यूटर एकाउंट में भी टैग किया हैं। ​

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बिहार के ही एक उभरते राज नेता रजनीकांत पाठक लिखते हैं : “हमको मोमबत्ती से ज्यादा हवन पर भरोसा है।​ कोरोना गो​ – कोरोना ​ गो।”

​बहरहाल, सन 1964 में संत ज्ञानेश्वर फिल्म का यह गीत बहुत प्रसिद्द हुआ था, आज भी लोगों के होठों पर उपस्थित है ​। इस गीत के गीतकार थे भरत व्यास, संगीतकार लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल; गायक – लता मंगेशकर और मुकेश और गीत के बोल थे: “ज्योत से ज्योत जगाते चलो, प्रेम की गंगा बहाते चलो​”

अब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदीजी को “कोरोना वायरस” से लड़ने के लिए “बत्ती बंद करें-मोमबत्ती-दिया जलाएं” गीत के गीतकार-संगीतकार कौन हैं – यह  तो सार्वजनिक नहीं हुआ परन्तु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ​आज अपने एक वीडियो संदेश में देशवासियों से कहा कि 5 अप्रैल को वे कोरोनावायरस (कोविड-19) संक्रमण के खिलाफ सामूहिक ताकत का प्रदर्शन कर महाशक्ति का जागरण करें।उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में 130 करोड़ लोगों की सामूहिक ताकत का प्रदर्शन हो रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वीडियो संदेश जारी कर देशवासियों से आग्रह कर कहा, “सभी लोग 5 अप्रैल को रविवार रात नौ बजे 9 मिनट के लिए सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए अंधेरे में रोशनी कर कोविड-19 संक्रमण के खिलाफ सामूहिक ताकत का प्रदर्शन करें।”

उन्होंने देशवासियों से कोरोना महामारी के खिलाफ एकजुटता प्रदर्शित करने का आह्वान करते हुए कहा, “इस दौरान घर की सभी लाइटें बंद करके, घर के दरवाजे पर या बालकनी में खड़े रहकर मोमबत्ती, दीया, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाएं।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साथ ही जनता से अपील करते हुए कहा कि वे सभी सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखें और किसी भी कीमत पर इसके मानदंड़ों का उल्लंघन न करें।

उन्होंने कहा, “सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों को मत तोड़ें, कृपया इसे हर कीमत पर बनाए रखें, केवल इसी के माध्यम से हम कोविड-19 (कोरोनावायरस संक्रमण) को हरा सकते हैं।” प्रधानमंत्री मोदी ने सलाह देते हुए कहा कि इस आयोजन के समय किसी को भी, कहीं पर भी इकट्ठा नहीं होना है। उन्होंने कहा, “रास्तों में, गलियों या मोहल्लों में नहीं जाना है, अपने घर के दरवाजे, बालकनी से ही इस जागरण को करना है।”

प्रधानमंत्री ने देशव्यापी लॉकडाउन के पहले सप्ताह को सफल बनाने के लिए भी सभी देशवासियों का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि वर्तमान समय में हम सभी एक साथ हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “संकट की इस घड़ी में कोई व्यक्ति अकेला नहीं है, सभी साथ हैं। ऐसे निरंतर बातचीत से हमें शक्ति मिलती है। हम इस सब में एक साथ हैं।”

उन्होंने देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा, “आपने रविवार 22 मार्च को जिस प्रकार से कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हर व्यक्ति का धन्यवाद किया वो आज सभी देशों के लिए एक मिसाल बन गया है। आज कई देश इसको दोहरा रहे हैं।”

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने वीडियो संदेश में कहा, “हमें निरंतर प्रकाश की ओर जाना है और कोरोना संकट से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हमारे गरीब भाई-बहन के बीच जो निराशा पैदा हुई है, उसे दूर कर उन्हें आशा की तरफ ले जाना है।”

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