कोई तो “विभीषण” है उत्तर प्रदेश पुलिस में जिसने सूचना “लिक” किया, अपराधियों ने कानपुर में आठ पुलिसकर्मी गोलियों से भून डाला 

मृतक पुलिसकर्मी अस्पताल में - तस्वीर स्टेट्समैन के सौजन्य से 
मृतक पुलिसकर्मी अस्पताल में - तस्वीर स्टेट्समैन के सौजन्य से 

आज से छः माह पूर्व भारत सरकार का गृह मंत्रालय एक सांख्यिकी जारी किया था जिसमें देश के सम्पूर्ण राज्यों के कुल 15, 579 पुलिस थाना के क्रिया-कलापों  का अध्ययन कर देश के “बेहतरीन 10 थानों” की एक सूची  जारी किया था। आप यह जानकार हैरान हो जायेंगे की उस सूची में न तो बिहार का एक भी थाना था और न ही उत्तर प्रदेश का। 

यह सांख्यिकी इस बात का “सरकारी गवाह” है कि “सब कुछ अच्छा नहीं है देश-प्रदेश के पुलिस विभाग में जिसके कारण आज तड़के कानपुर शहर में आठ पुलिसकर्मी अपराधियों के गोली के निशाने पर आ गए। आठ  मृत्यु को प्राप्त किये। वजह चाहे जो भी हो, इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता है कि “कोई तो “विभीषण” है उत्तर प्रदेश पुलिस में जिसने सूचना “लिक” किया, अपराधियों ने कानपुर में आठ पुलिसकर्मी गोलियों से भून डाला।”   

अपर पुलिस महानिदेशक जय नारायण सिंह ने आज सुबह यह जानकारी देते बताया कि कानपुर के चौबेपुर क्षेत्र में हिस्ट्रीशीटर गुरुवार देर रात पुलिस उपाधीक्षक बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा के नेतृत्व में बिठूर,चौबेपुर, शिवराजपुर थानों की पुलिस टीमें अपराधी विकास दुबे को पकड़ने विकरु गांव पहुंची थी। घेराबंदी करते हुए बदमाश की गिरफ्तारी के लिए जाल बिछाया। 

इसी बीच बदमाशों ने छत पर चढ़कर पुलिस पर गोलीबारी शुरू दी। इस घटना में पुलिस उपाधीक्षक बिल्हौर देवेंद्र कुमार मिश्र के अलावा शिवराजपुर के थाना प्रभारी महेश यादव,मंधना चौकी प्रभारी अनूप कुमार, शिवकराजपुर थाने में तैनात उपनिरीक्षक नेबूलाल,चौबेपुर थाने में तैनात कांस्टेबल सुल्तान सिंह ,बिठूर थाने में तैनात कांस्टेबल राहुल,जितेंद्र और बबलू शहीद हो गये। इस घटना में सात पुलिसकर्मियों के घायल होने की सूचना है। सभी को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है।  

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इस घटना को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपराधियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। योगी आदित्यनाथ ने शहीद पुलिस कर्मियों को भावभीनी श्रद्धांजलि देते कहा कि पुलिसकर्मियों का बलिदान व्यर्थ नही जाएगा। उन्होंने कहा कि कर्तव्य पक्ष पर अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले पुलिसकर्मियों ने अपरिमित साहस और अद्भुत कर्तव्यनिष्ठा के साथ अपने दायित्वों को निर्वहन किया। 

श्री योगी ने ट्वीटकर कहा जनपद कानपुर में ‘कर्तव्य पथ’ पर अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले आठ पुलिसकर्मियों को भावभीनी श्रद्धांजलि। शहीद पुलिसकर्मियों ने जिस अपरिमित साहस व अद्भुत कर्तव्यनिष्ठा के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन किया, उ.प्र. उसे कभी भूलेगा नहीं। उनका यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।   

उत्तर प्रदेश के कानपुर में दुस्साहिक वारदात को अंजाम देने वाला विकास दुबे जुर्म की काली दुनिया का वह शातिर है जो राजनीतिक संरक्षण के बूते उत्तर प्रदेश के टाप मोस्ट अपराधियों की सूची में अपना नाम दर्ज कराने की तमन्ना रखता है। पुलिस गुरूवार रात हत्या के एक मामले में उसे गिरफ्तार करने चौबेपुर के विकरू दुबे गयी थी जहां बदमाशों ने पुलिस टीम को घेरकर छतों से गोलीबारी शुरू कर दी। अपराधियों द्वारा पुलिसबल पर इस कदर का प्रहार अप्रत्याशित था।   

उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा कि सुरक्षा बलों पर धोखे से वार करने वाले हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे और उसके साथियों को पुलिस छापे की जानकारी मुहैया कराने वाले मुखबिर का जल्द पता लगा लिया जायेगा।

कानपुर के चौबेपुर में एक दुस्साहिक वारदात में पुलिसकर्मियों के साथ-साथ गांव वालों से भी बातचीत कर घटना की जानकारी ली हर फिर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि हिस्ट्रीशीटर की तलाश में कानपुर देहात तथा पास के जिलों में लगातार छापेमारी चल रही है। जिले की सीमाओं को सील करने के साथ हर वाहन की चेकिंग की जा रही है और हर हाल में हिस्ट्रीशीटर बदमाश उनकेे साथियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।   

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बहरहाल, कल रात कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के घर पहुंची पुलिस की टीम पर हुई अनगिनत फायरिंग के बाद पुलिस ने गांव को चारों ओर से घेर लिया है। ड्रोन से इलाके की निगरानी की जा रही है। गांव में आरएएफ तैनात कर दी गई है। 

सुचना अनुसार हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे वर्ष 2001 में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला हत्याकांड का मुख्य आरोपी है। वर्ष 2000 में कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र स्थित ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या में भी विकास का नाम आया था। कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र में ही वर्ष 2000 में रामबाबू यादव की हत्या के मामले में विकास पर जेल के भीतर रहकर साजिश रचने का आरोप है।

केबिल व्यवसायी दिनेश दुबे की हत्या के मामले में भी विकास आरोपी है। 2001 में कानपुर देहात के शिवली थाने के अंदर घुस कर इंस्पेक्टर रूम में बैठे तत्कालीन श्रम संविदा बोर्ड के चैयरमेन, राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त भाजपा नेता संतोष शुक्ल को गोलियों से भून दिया था। कोई गवाह न मिलने के कारण केस से बरी हो गया।  

इस चुनाव में हरिकृष्ण श्रीवास्तव विजयी घोषित हुए थे। विजय जुलूस निकाले जाने के दौरान दोनों प्रत्याशियों के बीच गंभीर विवाद हो गया था। जिसमें विकास दुबे का नाम भी आया था और उसके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ था। यहीं से विकास की भाजपा नेता संतोष शुक्ला से रंजिश हो गई थी। इसी रंजिश के चलते 11 नवंबर 2001 को विकास ने कानपुर के थाना शिवली के अंदर संतोष शुक्ला की गोली मारकर हत्या कर दी थी। {तस्वीर और लेख लिए पत्रिका, स्टेट्समैन और अन्य पत्रकार मित्रों को आभार}

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