कोई एक तो सच नहीं बोल रहा है: जेटली-माल्या का आरोप-प्रत्यारोप, प्रवर्तन निदेशालय और सलमान खान वाला “वॉन्टेड फिल्म”

विजय माल्या
विजय माल्या

नई दिल्ली : वित्त मन्त्री अरुण जेलटी और शराब माफिया विजय माल्या का “आरोप” “प्रत्यारोप”, तू-तू मैं-मैं सुनकर २००९ में प्रभु देवा के निर्देशन में निर्मित “वॉन्टेड” फिल्म की याद ताज़ी हो जाती है। उम्मीद है, भारत ही नहीं विश्व के लोग भी इस फिल्म को देखे होंगे तभी तो बॉक्स ऑफिस में यह फिल्म कोई १२५ करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की थी।

इस फिल्म के एक संवाद में महान अभिनेता प्रकाश राज (गनी भाई) अपने कारोबार में लगातार सहयोगियों की हत्या के कारण, साथ ही, अपने कारोबार को बचाने के लिए मुंबई आते हैं। मुंबई आने का समस्त प्लाट मुंबई पुलिस के पुलिस कमिश्नर गोविन्द नामदेव और राधे (सलमान खान जो अंडरकवर होते हैं) रचते हैं, वैसे गनी भाई समझते हैं की वे “खुद” आये हैं।

भारतीय न्यायिक व्यवस्था, माफिया और राजनेताओं की साथ-गाँठ पर हथौड़ा-टाईप प्रहार करते हुए एक स्थान पर गनी भाई का संवाद होता है: “हम तो बिजनेसमैन हैं। हम कोर्ट में जज साहेब को कह देंगे की अमिताभ बच्चन मेरा दोस्त हैं। सचिन तेंदुलकर मेरा दोस्त हैं। सभी मेरा बिजनेस पार्टनर्स हैं। जबकि इन दोनों का मुझसे कोई लेना देना नहीं है, मैं जानता भी नहीं; लेकिन मुंबई पुलिस को भारतीय न्यायपालिका में इसे साबित करते-करते कई वर्ष लग जायेंगे।”

आज वित्त मन्त्री अरुण जेलटी और शराब माफिया विजय माल्या की बातें भी इसी तरह है। दोनों में कोई तो झूठ अवश्य बोल रहा है। कल तक वित्त मन्त्री अरुण जेलटी और शराब माफिया विजय माल्या की दोस्ती थी। वैसे भारतीय राजनीतिक समुद्र में शायद एक भी नेता नहीं होंगे – पंचायत से संसद तक – जिनका “वैसे-वैसे लोगों से सम्बन्ध नहीं होगा। कुछ तो स्वयं आपराधिक मामलों में फंसे हैं। यह बात तो भारत का निर्वाचन आयोग भी जानता है। लेकिन वह भी क्या करे ! इधर, वित्त मंत्री जेटली ने माल्या के बयान को झूठा करार देते हुए कहा कि उन्होंने 2014 के बाद उसे कभी मिलने का समय नहीं दिया था।

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बहरहाल, लन्दन में शराब कारोबारी विजय माल्या ने कहा कि वह पिछले साल भारत से भागने से पहले वित्त मंत्री से मिला था। माल्या जब भारत से भागा था, उस वक्त अरूण जेटली वित्त मंत्री थे।लंदन की अदालत में पेश होने पहुंचे माल्या से जब संवाददाताओं ने पूछा कि क्या उसे देश से भागने के लिए आगाह किया गया था, उसने कहा, ‘‘मैं भारत से रवाना हुआ क्योंकि मेरी जिनिवा में एक मुलाकात का कार्यक्रम था। रवाना होने से पहले मैं वित्त मंत्री से मिला था और निपटारे (बैंकों के साथ मुद्दे) की पेशकश दोहराई थी। यही सच्चाई थी।’’ माल्या ने मंत्री का नाम लिए बगैर यह कहा।
धोखाधड़ी और धन शोधन के आरोपों का सामना कर रहे 62 वर्षीय माल्या अपने प्रत्यर्पण के एक मामले के सिलसिले में अदालत पहुंचा था। किंगफिशर एयरलाइन के मालिक रहे माल्या ने अदालत में चल रहे अपने प्रत्यर्पण के मामले की सुनवाई के दौरान भोजनावकाश के दौरान सिगरेट का कश लेते हुए कहा , ‘‘मैंने पहले भी कहा था कि मैं एक राजनीतिक फुटबॉल हूं। इस बारे में मैं कुछ नहीं कर सकता। मेरी अंतरात्मा साफ है और मैंने लगभग 15,000 करोड़ रूपये की संपत्ति कर्नाटक उच्च न्यायालय की मेज पर रख दी थी।’’

शराब कारोबारी ने कहा, ‘‘मैं निश्चित रूप से बलि का बकरा हूं, मैं बलि का बकरा जैसा महसूस कर रहा हूं। दोनों ही राजनीतिक दल मुझे पसंद नहीं करते।’’ माल्या ने मुंबई के आर्थर रोड जेल स्थित बैरक 12 के वीडियो का व्यंग्यपूर्ण लहजे में जिक्र करते हुए उसे बहुत ही प्रभावशाली बताया। दरअसल, इसे उसके लिए ही बनाया गया है।

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माल्या पिछले साल अप्रैल में अपनी गिरफ्तारी के बाद से एक प्रत्यर्पण वारंट पर जमानत पर है। वह 9,000 करोड़ रूपये की धोखाधड़ी और धन शोधन के आरोपों को लेकर भारत प्रत्यर्पित किए जाने का एक मुकदमा लड़ रहा है। प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई लंदन की अदालत में पिछले साल चार दिसंबर को शुरू हुई थी।

बहरहाल, देश से बाहर जाने से पहले वित्त मंत्री अरूण जेटली से मुलाकात करने संबंधी भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के दावे को लेकर कांग्रेस ने आज सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि जेटली से ‘विदाई लेकर’ माल्या भारत से भागा था।पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ‘‘भगोड़ों का साथ, लुटेरों का विकास” भाजपा का एकमात्र लक्ष्य है।उन्होंने कहा, ‘‘मोदी जी, आपने ललित मोदी, नीरव मोदी ‘हमारे मेहुल भाई’,अमित भटनागर जैसों को देश के करोड़ों रूपये लुटवा, विदेश भगा दिया। विजय माल्या, तो श्री अरुण जेटली से मिलकर ,विदाई लेकर, देश का पैसा लेकर भाग गया है? चौकीदार नहीं,भागीदार है!‘‘

इधर, विजय माल्या द्वारा भारत छोड़ने से पहले केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से अपनी मुलाकात का दावा करने के बाद विपक्षी पार्टियों ने मोदी सरकार को आड़े हाथ लिया। हालांकि, जेटली ने माल्या के बयान को ‘‘तथ्यात्मक तौर पर गलत’’ करार दिया। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को माल्या के ‘‘अत्यंत गंभीर आरोपों’’ की स्वतंत्र जांच के आदेश तुरंत देने चाहिए और जेटली को जांच जारी रहने के दौरान अपना पद छोड़ देना चाहिए।

आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने माल्या की ओर से किए गए खुलासे को ‘‘बिल्कुल चौंकाने वाला’’ करार दिया और सवाल किया, ‘‘वित्त मंत्री ने अब तक इस सूचना को छुपाए क्यों रखा?’’
केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नीरव मोदी के देश छोड़कर जाने से पहले उससे मिलते हैं। विजय माल्या के देश छोड़कर जाने से पहले वित्त मंत्री उससे मिलते हैं। इन बैठकों में क्या पकाया जा रहा था? जनता यह जानना चाहती है।’

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भाजपा के पूर्व नेता एवं पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि न सिर्फ वित्त मंत्री जेटली बल्कि पूरे भाजपा नेतृत्व को माल्या से अपने संबंधों पर बेदाग सामने आना चाहिए।

कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ‘‘माल्या ने दो चीजें कही हैं। पहली कि उसने वित्त मंत्री से व्यवस्थित ढंग से मुलाकात की थी और दूसरी यह कि उसने मामले को सुलझाने की पेशकश की थी। इस मामले का पूरा खुलासा होना चाहिए। व्यापक स्पष्टीकरण आना चाहिए और व्यापक जांच होनी चाहिए।’’ उन्होंने सवाल किया, ‘‘जब बैंकों को मालूम था, वित्त मंत्रालय को मालूम था, पूरी सरकार को मालूम था और माननीय प्रधानमंत्री को मालूम था कि माल्या पर इतना बड़ा कर्ज बकाया है। ऐसे में उसे देश से बाहर क्यों जाने दिया गया। यह बुनियादी सवाल है जिसका उत्तर पूरा देश जानना चाहता है।’’

माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि माल्या के भारत से भागने के वाकये ने एक बार फिर इस बात की पुष्टि कर दी कि मोदी सरकार ‘‘बड़े डिफॉल्टरों को जनता के पैसे लूट कर भागने देती है। असल मुद्दा यह है कि लुकआउट नोटिसों के बाद भी वह कैसे भाग गया?’’

राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि समूची मोदी सरकार घोटालेबाजों और भगोडों से ‘‘मिली हुई है।’’ तेजस्वी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘उन्होंने हजारों करोड़ रुपए लूटने की साजिश रची। प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को इसका जवाब देना चाहिए।’’ (भाषा के सहयोग से)

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