सत्येंद्र जैन जेल में, सिसोदिया के घर पर सीबीआई का छापा; केजरीवाल कहते हैं: ‘आप के नेताओं को परेशान किया जा रहा है’

दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री का आवास: सीबीआई कर्मी अंदर, पत्रकार बंधु बाहर और तस्वीर: न्यू इण्डियन एक्सप्रेस के सौजन्य से 

नई दिल्ली: इधर आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के अधीन 2017 में दर्ज मुकदमे के सिलसिले में कारावास में बंद हैं, आज सीबीआई ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आवास और 20 अन्य स्थानों पर शुक्रवार को छापा मारा। इस कार्रवाई से आम आदमी पार्टी और केंद्र सरकार के बीच तनाव बढ़ गया है। 

सूत्रों के अनुसार, सीबीआई ने पिछले साल नवंबर में लाई गई दिल्ली आबकारी नीति बनाने और उसके क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं के संबंध में एक प्राथमिकी दर्ज करने के बाद सिसोदिया और भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी आरव गोपी कृष्ण के परिसरों के अलावा 19 स्थानों पर शुक्रवार को छापा मारा। उधर ‘आप’ का आरोप है कि कि सीबीआई ‘‘ऊपर से मिले’’ आदेशों पर काम कर रही है। सात राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में 21 स्थानों पर छापेमारी की गई। दो अन्य लोक सेवकों के परिसरों पर भी छापेमारी की गई।

सीबीआई के दलों की देशभर में छापेमारी और सिसोदिया के मध्य दिल्ली स्थित आवास के बाहर ‘आप’ समर्थकों का जमावड़ा लगने के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है और एजेंसी को उन्हें परेशान करने के लिए ‘‘ऊपर से’’ आदेश दिए गए हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने एक ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ हमारी राह में, हमारे अभियान में कई रोड़े अटकाए जाएंगे। सिसोदिया के खिलाफ यह पहली छापेमारी नहीं है, पहले भी छापेमारी की गई है। मेरे और मेरे कई मंत्रियों के खिलाफ छापे मारे गए हैं, लेकिन उनमें कुछ भी नहीं निकला और इस बार भी कुछ नहीं निकलेगा।’’

सिसोदिया को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ शिक्षा मंत्री बताते हुए केजरीवाल हाथ में समाचार पत्र ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ लिए नजर आए, जिसके पहले पन्ने पर ‘‘दिल्ली की शिक्षा क्रांति’’ के बारे में एक लेख प्रकाशित हुआ है। सिसोदिया दिल्ली के आबकारी और शिक्षा सहित कई विभागों का कार्यभार संभालते हैं। केजरीवाल ने कहा: ‘‘यह देश के लिए गर्व की बात है कि मनीष सिसोदिया का नाम दुनिया के सबसे ताकतवर देश के सबसे बड़े अखबार के पहले पन्ने पर है। एक तरह से उन्हें दुनिया का सबसे बेहतरीन शिक्षा मंत्री घोषित किया गया है। सबसे बड़े अखबार ने दिल्ली की शिक्षा क्रांति के बारे में लिखा और सिसोदिया की तस्वीर भी लगाई।’’

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केजरीवाल ने इस मौके पर अपने ‘मेक इंडिया नंबर वन कंट्री’ अभियान का भी जिक्र किया, जिसकी घोषणा उन्होंने बुधवार को की थी और लोगों से कहा था कि ” लोग 9510001000 नंबर पर मिस कॉल देकर इस अभियान का हिस्सा बन सकते हैं। हम देश को राजनीतिक दलों के भरोसे नहीं छोड़ सकते। हमें एक साथ आना होगा।’’ इस बीच सिसोदिया ने कहा कि दिया ने कहा कि साजिशें ना उन्हें तोड़ सकेंगी और न ही अच्छी शिक्षा के लिए काम करने के उनके संकल्प को बाधित कर पाएंगी।

दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री का आवास और सीबीआई का छापा। तस्वीर: हिंदुस्तान टाइम्स के सौजन्य से

सिसोदिया ने ट्वीट किया: ‘‘सीबीआई आई है। उनका स्वागत है। हम कट्टर ईमानदार हैं। लाखों बच्चों का भविष्य बना रहे हैं। बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे देश में जो अच्छा काम करता है उसे इसी तरह परेशान किया जाता है। इसलिए हमारा देश अभी तक नंबर-एक नहीं बन पाया।’’ सिलसिलेवार ट्वीट में सिसोदिया ने कहा कि “वह जांच में पूर्ण सहयोग देंगे। हम सीबीआई का स्वागत करते हैं। जांच में पूरा सहयोग देंगे ताकि सच जल्द सामने आ सके। अभी तक मेरे खिलाफ कई मामले बनाए गए, लेकिन कुछ नहीं निकला। इसमें भी कुछ नहीं निकलेगा। देश में अच्छी शिक्षा के लिए मेरा काम रोका नहीं जा सकता।’’

सिसोदिया ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा, ‘‘ये लोग दिल्ली में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में शानदार काम से परेशान हैं। इसीलिए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री और शिक्षा मंत्री को पकड़ा है, ताकि शिक्षा एवं स्वास्थ्य के अच्छे काम रोके जा सकें। हम दोनों के ऊपर झूठे आरोप हैं। अदालत में सच सामने आ जाएगा। मुझे तुम्हारी साजिशें तोड़ न सकेंगी। मैंने दिल्ली के लाखों बच्चों के लिए ये स्कूल बनाए हैं। लाखों बच्चों की जिंदगी में आई मुस्कान मेरी ताकत है।’’

आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह ने सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई की कार्रवाई को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए उन पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तथा उनके कार्य करने के तरीकों की ‘‘बढ़ती लोकप्रियता’’ के कारण पार्टी व उसके नेताओं को बदनाम करने के लिए जांच एजेंसी का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। वहीं, सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के बारे में शुक्रवार को कहा कि दिल्ली के ‘एक्साइज’ (आबकारी) मंत्री ‘एक्सक्यूज’ (बहाना बनाने वाले) मंत्री बन गए हैं।

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उन्होंने कहा, ‘‘आज का मामला शराब के कारोबार के लाइसेंस और इसमें शामिल भ्रष्टाचार से जुड़ा है। संबंधित मंत्री मनीष सिसोदिया हैं। उन्होंने सीबीआई को जांच सौंपे जाने के दिन आबकारी नीति को पलट दिया। यह कदम क्यों उठाया गया, क्योंकि शराब के कारोबार के लाइसेंस जारी करने में भ्रष्टाचार किया गया है।’’ मंत्री ने कहा कि सीबीआई जांच के डर से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और सिसोदिया को, छापेमारी को राष्ट्रीय राजधानी में शिक्षा सुविधाओं से जोड़ना पड़ा।

दूसरी ओर कांग्रेस ने कहा कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ संघीय एजेंसियों के ‘‘निरंतर दुरुपयोग’’ से उनकी विश्वसनीयता कम होती है और इससे भ्रष्टाचारियों को बच निकलने का अवसर भी मिलता है। कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने ट्वीट किया, ‘‘एजेंसी के निरंतर दुरुपयोग का एक बड़ा नुकसान यह भी होता है कि जब एजेंसी सही काम भी करती है, तब भी उसके कदम को शक की दृष्टि से देखा जाता है। ऐसे में, भ्रष्ट लोग दुरुपयोग की दुहाई देकर बच निकलते हैं और जो ईमानदारी से जनता के मुद्दे उठाते हैं, वे दुरुपयोग का शिकार होते रहते हैं।’’

सीबीआई आई है। उनका स्वागत है। हम कट्टर ईमानदार हैं। तस्वीर: न्यूज18 के सौजन्य से

ज्ञातव्य हो कि दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने आबकारी नीति 2021-22 के क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की सिफारिश की थी। उन्होंने इस मामले में 11 आबकारी अधिकारियों को निलंबित भी किया है। सिसोदिया ने खुद भी कथित अनियमितताओं की सीबीआई से जांच कराने की मांग की थी।

अधिकारियों के अनुसार, दिल्ली के मुख्य सचिव की जुलाई में दी गई रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई जांच की सिफारिश की गई थी, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन अधिनियम 1991, कार्यकरण नियम (टीओबीआर)-1993, दिल्ली उत्पाद शुल्क अधिनियम-2009 और दिल्ली उत्पाद शुल्क नियम-2010 का प्रथम दृष्टया उल्लंघन पाए जाने की बात कही गई थी। रिपोर्ट में पाया गया था कि निविदा जारी करने के बाद ‘‘शराब कारोबार संबंधी लाइसेंस हासिल करने वालों को अनुचित लाभ’’ पहुंचाने के लिए ‘‘जानबूझकर और घोर प्रक्रियात्मक चूक’’ की गई। उन्होंने बताया कि रिपोर्ट की एक प्रति मुख्यमंत्री को भी भेजी गई है।

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आरोप है कि राजकोष को नुकसान पहुंचाकर निविदाएं जारी की गईं और इसके बाद शराब कारोबार संबंधी लाइसेंस हासिल करने वालों को अनुचित वित्तीय लाभ पहुंचाया गया। सूत्रों ने दावा किया कि आबकारी विभाग ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के नाम पर लाइसेंसधारियों को निविदा लाइसेंस शुल्क पर 144.36 करोड़ रुपये की छूट दी। उन्होंने बताया कि लाइसेंस के लिए सबसे कम बोली लगाने वाले को 30 करोड़ रुपये की बयाना राशि भी तब वापस कर दी गई, जब वह हवाई अड्डा अधिकारियों से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त करने में विफल रहा था।

एक सूत्र ने कहा, ‘‘यह दिल्ली आबकारी अधिनियम 2010 के नियम 48(11)(बी) का घोर उल्लंघन था, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया कि बोलीदाता को लाइसेंस प्रदान करने के लिए सभी औपचारिकताओं को पूरा करना होगा, ऐसा न करने पर सरकार उसकी जमा राशि जब्त कर लेगी।’’

बहरहाल, विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट के आधार पर तैयार की गई आबकारी नीति, 2021-22 को पिछले साल 17 नवंबर से लागू किया गया था और इसके तहत निजी बोलीदाताओं को शहरभर में 32 क्षेत्रों में 849 दुकानों के लिए खुदरा लाइसेंस जारी किए गए थे। इस बीच, पुलिस ने बताया कि छापेमारी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे आम आदमी पार्टी (आप) के कई समर्थकों को शुक्रवार को हिरासत में ले लिया गया। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पार्टी के समर्थक मथुरा रोड पर स्थित सिसोदिया के आवास के निकट आ गए और प्रदर्शन करने लगे। उन्होंने कहा, ‘‘प्रदर्शनकारियों को मौके से हटाया गया और बसों के जरिए वसंत कुंज थाने ले जाया गया है।’’ (भाषा के सहयोग से)

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