इधर दिल्ली न्यायालय में मुकदमों की सुनवाई 15 मई तक ‘वर्चुअल’ होगी; उधर मोदी जी  ‘वर्चुअली’ केजरीवाल को लपेट लिए  

प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी देश के मुख्य मंत्रियों से कोविड - 19 संक्रमण की स्थिति पर बतियाते हुए

इधर दिल्ली सल्तनत का ही नहीं, देश के न्यायिक इतिहास में शायद पहली घटना होगी जब दिल्ली उच्च न्यायालय और उनके अधीनस्थ के निचली अदालतों में न्यायालय की सुनवाई “वर्चुअल” होगी। वहीँ देश के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी दिल्ली सल्तनत के मुख्य मंत्री को सार्वजनिक रूप से इस बात पर फटकार लगा दिए की जब दिल्ली सल्तनत के मुखिया अरविंद केजरीवाल-मोदी संवाद को टेलीविजन पर सार्वजनिक रूप से दिखा दिया गया, सुना दिया गया। 

जहाँ, दिल्ली उच्च न्यायालय का यह निर्णय है कि राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस के संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण दिल्ली उच्च न्यायालय और सभी निचली अदालतों में मामलों की सुनवाई आगामी 15 मई तक “वर्चुअल” होगी। वहीँ प्रधान मंत्री इस बात से ख़फ़ा हो गए कि प्रधान मंत्री-मुख्य मंत्रियों के इस बैठक को टीवी पर क्यों दिखाया गया।  खासकर जब केजरीवाल बोल रहे थे। ये क्या बात हुई प्रधान मंत्री महोदय ?

खैर, संभव है दिल्ली उच्च न्यायालय के इस निर्णय को देश के अन्य 25 उच्च न्यायालय और बेंच भी करें ताकि लोगों का न्यायालय में आना-जाना कुछ समय के लिए रुक सके और कोरोना वायरस का संक्रमण भी प्रतिबंधित हो सके। ज्ञातव्य है की देश के सभी 25 उच्च न्यायालयों में करीब 43.55 लाख मामले लंबित हैं जिसमें कोई आठ लाख मामले दशक पुराने हैं। सूत्रों के अनुसार इस 43.55 लाख मामलों में 18.75 लाख मामले दीवानी मामले हैं जबकि 12.15 लाख मामले फौजदारी मामले हैं। 

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी से गुहार लगाते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ऑक्सीजन की कमी पर चिंता जताई और कहा कि मैं सीएम होते हुए भी कुछ नहीं कर पा रहा हूं। हमें 700 टन ऑक्सीजन की जरूरत है, लेकिन पिछले 24 घंटों में सिर्फ 350 टन ही ऑक्सीजन शुरू हो पाई है।बैठक के दौरान दिल्ली के केजरीवाल ने पीएम मोदी से जो बातें कही हैं उन्हें टीवी चैनलों पर लाइव दिखाया गया है। जिसको लेकर अब आपत्ति जताई जा रही है। दरअसल सरकारी सूत्रों के अनुसार पहली बार प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्रियों के बीच बैठकों की बातचीत को लाइव टीवी पर दिखाया गया है। सरकारी सूत्रों का कहना है कि अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी के साथ जो बातें कही वे राजनीति से प्रेरित और जिम्मेदारी से भागने वाली थीं। बैठक में केजरीवाल ने पीएम मोदी के सामने अपनी बात रखी। बैठक में केजरीवाल ने जो कुछ कहा, उसका वीडियो सामने आ गया। इसे केजरीवाल द्वारा प्रोटोकॉल का उल्लंघन बताया गया है। वहीं सूत्रों के अनुसार इस बैठक में पीएम मोदी ने केजरीवाल को फटकार भी लगाई।

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बहरहाल, दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में पिछले 24 घंटे में गंभीर रूप से बीमार 25 कोविड मरीजों की मौत हो गयी और 60 ऐसे और मरीजों की जान भी खतरे में है। राष्ट्रीय राजधानी में ऑक्सीजन की कमी को लेकर गंभीर संकट की स्थिति पैदा हो गयी है। शहर के सबसे बड़े और प्रतिष्ठित अस्पताल में हुई इस घटना के पीछे संभावित वजह ‘‘कम दबाव वाली ऑक्सीजन’’ हो सकती है जहां स्वास्थ्य कर्मी आईसीयू और आपातकालीन कक्षों में गैर मशीनी तरीके से वेंटिलेशन का काम कर रहे हैं। 

केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में कोविड बैठक में कहा, ‘‘मैं प्रधानमंत्री से हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि वह मुख्यमंत्रियों को निर्देश दें ताकि दिल्ली तक ऑक्सीजन टैंकरों की सुगम आवाजाही सुनिश्चित हो सके : केजरीवाल ने कोविड बैठक में कहा। ऑक्सीजन की कमी के कारण लोग बहुत अधिक पीड़ा में हैं: अरविंद केजरीवाल ने कोविड संबंधी हालात पर प्रधानमंत्री की बैठक में कहा। हमें आशंका है कि मरीजों के लिए ऑक्सीजन की कमी होने से बहुत बड़ी त्रासदी हो सकती है, इस हालात से निबटने के लिए राष्ट्रीय योजना की आवश्यकता है: केजरीवाल ने कोविड बैठक में कहा। केंद्र को सेना के जरिए सभी ऑक्सीजन संयंत्रों को अपने अधीन लेना चाहिए और ऑक्सीजन के हर ट्रक के साथ सेना का वाहन चलना चाहिए: केजरीवाल ने कोरोना वायरस संबंधी हालात पर प्रधानमंत्री की बैठक में कहा। केजरीवाल ने कोविड बैठक में कहा कि ओडिशा और पश्चिम बंगाल से दिल्ली के लिए जो ऑक्सीजन आने वाली है उसे हवाई मार्ग या ऑक्सीजन एक्सप्रेस के जरिए लाया जाए।”

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी से गुहार लगाते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ऑक्सीजन की कमी पर चिंता जताई और कहा कि मैं सीएम होते हुए भी कुछ नहीं कर पा रहा हूं। हमें 700 टन ऑक्सीजन की जरूरत है, लेकिन पिछले 24 घंटों में सिर्फ 350 टन ही ऑक्सीजन शुरू हो पाई है।बैठक के दौरान दिल्ली के केजरीवाल ने पीएम मोदी से जो बातें कही हैं उन्हें टीवी चैनलों पर लाइव दिखाया गया है। जिसको लेकर अब आपत्ति जताई जा रही है। दरअसल सरकारी सूत्रों के अनुसार पहली बार प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्रियों के बीच बैठकों की बातचीत को लाइव टीवी पर दिखाया गया है। सरकारी सूत्रों का कहना है कि अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी के साथ जो बातें कही वे राजनीति से प्रेरित और जिम्मेदारी से भागने वाली थीं। बैठक में केजरीवाल ने पीएम मोदी के सामने अपनी बात रखी। बैठक में केजरीवाल ने जो कुछ कहा, उसका वीडियो सामने आ गया। इसे केजरीवाल द्वारा प्रोटोकॉल का उल्लंघन बताया गया है। वहीं सूत्रों के अनुसार इस बैठक में पीएम मोदी ने केजरीवाल को फटकार भी लगाई।

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उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना के खिलाफ लड़ाई में राज्यों को पूरे सहयोग का आश्वासन दिया और कहा कि यदि हम ‘‘एक राष्ट्र’’ के रूप में काम करेंगे तो संसाधनों का कोई अभाव नहीं होगा। कोविड-19 की ताजा लहर में सबसे अधिक प्रभावित 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा कर महामारी की मौजूदा स्थिति की समीक्षा करने के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना की पहली लहर के दौरान संयुक्त प्रयासों और संयुक्त रणनीति से भारत ने संक्रमण से सफलता पाई थी और इसी सिद्धांत पर काम करते हुए ताजा लहर से भी मुकाबला किया जा सकता है।

बैठक के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक मोदी ने कहा कि वायरस इस बार कई राज्यों के साथ ही टीयर-2 और टीयर-3 शहरों को प्रभावित कर रहा है। उन्होंने इस महामारी से लड़ाई के लिए साथ मिलकर काम करने और सामूहिक शक्ति से मुकाबला करने का आह्वान किया। बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने राज्यों को इस लड़ाई में पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिया और कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय सभी राज्यों से लगातार संपर्क बनाए हुए है और वस्तुस्थिति की लगातार निगरानी कर रहा है तथा साथ ही समय-समय पर उन्हें आवश्यक सलाह भी दे रहा है।

ऑक्सीजन की आपूर्ति के बारे में राज्यों की ओर से उठाए गए मुद्दों पर प्रधानमंत्री ने कहा कि इसकी आपूर्ति बढ़ाए जाने को लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी संबंधित विभाग और मंत्रालय इस दिशा में मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि औद्योगिक इस्तेमाल में आने वाले ऑक्सीजन का भी चिकित्सीय ऑक्सीजन की जरूरतों के लिए उपयोग किया जा रहा है।प्रधानमंत्री ने कहा कि ऑक्सीजन टैंकरों को भेजने और फिर उनकी वापसी में लगने वाले समय को कम करने के लिये रेलवे, वायुसेना की मदद ली जा रही है ।

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उधर, सर गंगाराम अस्पताल के सूत्र के अनुसार सुबह में अभूतपूर्व संकट के बाद, एक ऑक्सीज टैंकर सुबह करीब नौ बजकर 20 मिनट पर अस्पताल पहुंचा। यह खेप करीब पांच घंटे और चलेगी जो ऑक्सीजन की खपत पर निर्भर करता है। बड़े और छोटे अस्पताल जब घंटे और मिनटों के हिसाब से ऑक्सीजन खपत का अनुमान लगा रहे हैं उसी वक्त दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शहर में ऑक्सीजन आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए भावुक अपील की है।एसजीआरएच के चेयरमैन डॉ डी एस राणा ने भी सभी अस्पतालों की मांग को दोहराया जो पिछले चार दिनों से ऑक्सीजन भंडार को भरने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।उन्होंने कहा, ‘‘हमें सिर्फ निर्बाध और समय पर ऑक्सीजन की आपूर्ति की जरूरत है।’’ उनके अस्पताल में 500 से ज्यादा कोरोना वायरस के मरीज भर्ती हैं जिनमें से करीब 150 मरीज को ज्यादा ऑक्सीजन चाहिए।

अस्पताल सूत्र के अनुसार  “वेंटिलेटर और बीपीएपी मशीनें प्रभावी ढंग से काम नहीं कर रही हैं। 60 अन्य बहुत बीमार मरीजों की जान जोखिम में हैं। बहुत बड़े संकट की आशंका है।” ऑक्सीजन की तत्काल जरूरत मैक्स अस्पताल में भी दिखी। भले ही यहाँ एक भी मरीज की मौत नहीं हुई हो लेकिन मैक्स हेल्थकेयर ने संकट का संकेत दे दिया है। इस अस्पताल में करीब 700 मरीज वहां भर्ती हैं।

अस्पतालों के बाहर भी, निराशाजनक दृश्य बढ़ते जा रहे हैं। एंबुलेसों की कतार लगी हुई है, मरीज स्ट्रेचरों पर प्रतीक्षा कर रहे हैं, इनमें से कुछ सांस की तकलीफ झेल रहे हैं और परिवार के लोग और दोस्त अपने प्रियजनों के लिए अस्पताल में बेड जुटाने की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। 

उधर, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन को एक पत्र में कहा था कि बृहस्पतिवार शाम तक छह निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन का भंडार खत्म हो गया। बेड मिलने की आस में अस्पतालों के बाहर मरीज और उनके परिवारों के इंतजार करने के बीच, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बृहस्पतिवार को कहा था कि ऑक्सीजन संकट का समाधान निकलने के बाद बिस्तरों की संख्या काफी बढ़ा दी जाएगी। स्टाफ की कमी और अपर्याप्त संसाधनों का सामना कर रहे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने संक्रमितों के संपर्क में आए उन स्वास्थ्य कर्मियों की जांच और पृथक-वास बंद करने का फैसला किया है जिनमें लक्षण नहीं हैं।

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