कानपुर वाले ‘शुक्लाजी’ कहते हैं: ‘तेजस्वी की लहर मोदी की लहर जैसी है’, हवा निकाल रहे हैं यादव जी का “डिफेरेंटली”!!

कोरोना युग में पहलाचुनाव है वह भी बिहार विधान सभा के लिए - नितीश जी रहेंगे या जायेंगे, लालू जी काछोटका ननकिरबा आएगा या दूर बैठेगा, दिवंगत राजनीतिक बैरोमीटर रामविलास पासवान केपुत्र चिराग तले अँधेरा रहेगा या वे अँधेरी में रहेंगे, मोदी जी के मंत्रिमण्डल सेनिकले उपेन्द्र कुशवाहा बिहार से भी निकल रहे हैं या रहेंगे, इन्ही बातों पर भाजपा केन्द्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा जी और प्रधान मंत्री नरेन्द्र दामोदरमोदी जी के साथ एक सम्वाद - हाथ धोकर हाथ जोड़ें - मास्क जरूर लगाएं 
कोरोना युग में पहलाचुनाव है वह भी बिहार विधान सभा के लिए - नितीश जी रहेंगे या जायेंगे, लालू जी काछोटका ननकिरबा आएगा या दूर बैठेगा, दिवंगत राजनीतिक बैरोमीटर रामविलास पासवान केपुत्र चिराग तले अँधेरा रहेगा या वे अँधेरी में रहेंगे, मोदी जी के मंत्रिमण्डल सेनिकले उपेन्द्र कुशवाहा बिहार से भी निकल रहे हैं या रहेंगे, इन्ही बातों पर भाजपा केन्द्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा जी और प्रधान मंत्री नरेन्द्र दामोदरमोदी जी के साथ एक सम्वाद - हाथ धोकर हाथ जोड़ें - मास्क जरूर लगाएं 

कांग्रेस के कानपुर वाले राजीव शुक्ला कहते हैं कि “बिहार में तेजस्वी यादव की वैसी ही लहर है जैसी 2014 के लोकसभा चुनाव में श्री नरेंद्र मोदी की लहर थी,” एकदम खोपड़ी के ऊपरसे निकल जायेगा तेजस्वी यादव का कि आखिर सम्मानित राजीव शुक्ला राष्ट्रीय जनता दलके बारे में बोल रहे हैं, तेजस्वी यादव की “चुनावी हवा” के बारे में बोल रहे हैं; या फिर 2014 लोकसभा चुनाव में मोदी-लहर से तुलना का लालू जी के छोटका ननकिरबा से करके हवानिकाल रहे हैं उसका । शुक्ला जी कुछ भी कर सकते हैं।     

चलिए, आज चुनावी-खरनाहै। कल तीन-चरणों में होने वाला बिहार विधान सभा चुनाव का प्रथम चरण का चुनावहोगा। प्रथम चरण में विधान सभा के 71 सीटों के लिए मतदान होगा। इस चरण में 1066 प्रत्याशी अपना-अपना टोपी चुनावी मैदान में उछाले हैं, उनमें कुल375 प्रत्याशी ‘बिग-बी के कौन बनेगा करोड़पति’ नहीं, सहित मायने में करोड़पति हैं।अब चुनाव जीतने के बात कुछ ‘अरबपति’ हो जायेंगे, कुछ ‘खरबपति’ – लेकिन  दोकरोड़ 14 लाख से भी अधिक मतदाता, जो अपने अधिकार का इस्तेमाल कर उँगलियों मेंकालिख़ पोतेंगे; वे इन महानुभावों की कृपा से कवी निराला के “पेट-पीठ एककिये” वाली कविता के साथ ही 2025 तक प्रतीक्षा करेंगे – कहीं नेताजी विधानसभा क्षेत्रों का विकास कर दें, मतदाताओं का कल्याण कर दें।  

कल के चुनावमें 114 महिलाएं भी हैं। यानि कुल प्रत्याशियों में 10 फीसदी, जबकि 33 फीसदीलोभ के चक्कर में पिछले कई चुनावों के मतदान करते आ रही हैं।  आश्चर्य की बातयह है कि इन महिलाओं में कई ऐसे हैं जिनके पतिदेव विभिन्न अपराधों में शामिलहैं, और पति का साथ देने के लिए, वे चुनाव में कुदुक गई हैं। एक खबर के अनुसार,भोजपुर जिले की सात सीटों में से अधिकांश पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग)और महागठबंधन के बीच सीधी टक्कर की उम्मीद है लेकिन कुछ सीटों पर बागी उम्मीदवारदोनों गठबंधनों का खेल बिगाड़ सकते हैं। 

संदेश विधानसभा सीटपर रोचक मुकाबला होने के आसार हैं। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने नाबालिग सेदुष्कर्म के मामले में फरार निवर्तमान विधायक अरुण यादव की जगह इस बार उनकी पत्नीकिरण देवी को उम्मीदवार बनाया है। वहीं, राजग के घटक जनता दल यूनाईटेड (जदयू) नेपूर्व विधायक विजेन्द्र यादव को टिकट दिया है। दिलचस्प है कि श्री विजेंद्र यादवराजद विधायक अरुण यादव के बड़े भाई हैं यानी कि इस सीट पर मुकाबला घर के अंदर हीहै। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) छोड़कर आई श्वेता सिंह को लोक जनशक्ति पार्टी(लोजपा) ने उम्मीदवार बनाया है। पिछले चुनाव में श्री अरुण यादव ने (भाजपा) केसंजय सिंह टाइगर को 25427 मतों के अंतर से शिकस्त दी थी। इस सीट पर वर्ष 2010 केविधानसभा चुनाव में भाजपा ने पहली बार “कमल” खिलाया था। भाजपा केसंजय टाइगर ने निर्दलीय प्रत्याशी अरुण कुमार को हरा कर जीत दर्ज की थी। संदेश सीटपर नौ पुरुष और दो महिला समेत 11 प्रत्याशी चुनावी अखाड़े में हुंकार भरने लगे है। 

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तेजस्वी यादव।  फोटो"एनडीटीवी के सौजन्य से 
तेजस्वी यादव।  फोटो”एनडीटीवी के सौजन्य से 

शाहपुर विधानसभाक्षेत्र से बाहुबली छवि वाले नेता दिवंगत विश्वेश्वर ओझा की रिश्तेदार मुन्नी देवीभाजपा के टिकट पर चुनावी संग्राम में उतरी हैं। दिवंगत विश्वेश्वर ओझा मुन्नी देवीके जेठ थे। वहीं मुन्नी देवी की जेठानी और विश्वेश्वर ओझा की पत्नी शोभा देवीनिर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उतरकर अपनी ही रिश्तेदार को चुनौती देने में लगीहैं। इस सीट से पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी के पुत्र और पूर्व मंत्री रामानंदतिवारी के पौत्र राहुल तिवारी राजद के टिकट पर चुनावी समर में उतरे हैं। शाहपुरमें 20 पुरुष और तीन महिला समेत 23 प्रत्याशी मैदान हैं। इस सीट से बिहार के पूर्वमुख्यमंत्री स्व. बिंदेश्वरी दुबे ने वर्ष 1985 के चुनाव में कांग्रेस केउम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज की थी। रामानंद तिवारी इस सीट से सर्वाधिक पांच बारनिर्वाचित हुये हैं। उनके पुत्र और पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी भी शाहपुर सेविधायक रह चुके हैं। मुन्नी देवी ने भी वर्ष 2005 और वर्ष 2010 के चुनाव में इससीट का प्रतिनिधित्व किया है।  

उधर, नवादा जिले कीपांच सीटों में से नवादा में निवर्तमान विधायक कौशल यादव एवं और गोविंदपुर से उनकीविधायक पत्नी पूर्णिमा यादव फिर चुनाव लड़ रही हैं और उनके सामने सीट पर कब्जाबरकरार रखने की चुनौती भी है। बिहार की वीआईपी सीटों में शुमार नवादा से जनता दलयूनाइटेड (जदयू) ने इस बार भी निवर्तमान विधायक कौशल यादव पर भरोसा दिखाया है,जिन्हें दुष्कर्म मामले में सजायाफ्ता राजबल्लभ यादव की पत्नी एवं राष्ट्रीय जनतादल (राजद) की नवोदित प्रत्याशी विभा देवी चुनौती दे रही हैं। वर्ष 2015 में राजदके राजबल्लभ यादव ने बीएलएसपी उम्मीदवार इंद्रदेव प्रसाद को 16726 मतों के अंतर सेहराया था। श्री यादव की विधानसभा सदस्यता समाप्त होने के बाद 2019 में हुए उपचुनावमें जदयू के कौशल यादव ने जीत हासिल की थी।   कल आठ बजे प्रातः सेमतदान प्रारंभ हो जाएगा। गया जिले की इमामगंज सीट पर दो बड़े प्रोफाइल के नेताआमने-सामने हैं। राजद की ओर से पूर्व स्पीकर उदय नारायण चौधरी और हिदुस्तानी अवाममोर्चा (हम) प्रमुख जीतन राम मांझी के बीच कांटे का मुकाबला है। इस दौर में जिन आठमंत्रियों की किस्मत तय होगी, उनमें भाजपा नेता एवं बिहार सरकार के कृषि मंत्रीडॉ. प्रेम कुमार, जदयू नेता एवं शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा भी शामिल हैं। अन्यमंत्रियों में जय कुमार सिंह, विजय कुमार सिन्हा, शैलेश कुमार, संतोष कुमारनिराला, रामनारायण मंडल एवं बृजकिशोर बिंद हैं।   

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तेजस्वीप्रसाद यादव ने आज कहा कि उनकी सरकार बनने पर दस लाख सरकारी नौकरी के साथ हीरोजगार सृजन के लिए नई औद्योगिक नीति बनाई जाएगी। वैसे यादव जी अभी तक मतदाताओं कोयह नहीं बता पाए कि आखिर स दस लाख रोजगार को कहाँ से लाएंगे? हाँ, इस बात को कहनेमें तनिक भी विराम नहीं लगाए की नीतीश कुमार ने बिहार के लोगों को विकास के नाम परसिर्फ ठगा है। और इतना ही नहीं, इस बात को खुलेआम कह रहे हैं अपने प्रचार अभियानमें, वह भी हसनपुर विधान सभा क्षेत्र में हैं उनका बड़का भैय्या खड़े हैं। वैसेतेजस्वी बाबू प्रदेश में अपराध और भ्रष्टाचार के बारे में आपको नहीं बोलना चाहिएकुछ भी, आखिर आपके “चचा है” नितीश बाबू।   

कानपुर वाले "शुक्लाजी"
कानपुर वाले “शुक्लाजी”

अब देखिये कांग्रेससम्मानित पत्रकार और राजनेता राजीव शुक्ला जी को। एक तीर से दो शिकार कर रहे हैं”शब्दों के विन्यास” से ताकि कांग्रेस आला-कमान भी गुस्सा न करें, लालूजी ‘प्रसन्न’ रहें और अगर देश में राजनीति में भूचाल आ जाय तो “पल्टी”मारने में भी रास्ता साफ़ रहे – इसलिए कहते हैं: “इस बार के बिहार विधानसभाचुनाव में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव की लहर है। शुक्लाजी अपने आंकलनऔर प्राप्त प्राप्त फीडबैक के आधार पर दावा करते हैं कि बिहार में केवल श्रीतेजस्वी प्रसाद यादव की लहर है। लेकिन अब जरा शब्दों का “राजनीतिकगुगली” देखिए: “शुक्ला जी के अनुसार बिहार में श्री यादव की वैसी ही लहरहै जैसी वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में श्री नरेंद्र मोदी की लहर थी।” 

बहरहाल, फेसबुक पर भर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ध्रुव गुप्त लिखतेहैं: बिहार चुनाव में का बा ? बिहार में चुनाव की तारीखेंनज़दीक आने के साथ नीतीश जी के नेतृत्व मेंएन.डी.ए और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में राजद -कांग्रेस-कम्युनिस्ट गठबंधन नेचुनाव प्रचार में अपनी तमाम ताक़त झोंक दी है। इस बेहद नज़दीकी मुकाबले में बहुमत कीतस्वीर बहुत साफ तो नहीं है, लेकिन इतना तय है कि इस चुनाव में नीतीश जी बुरी तरह घिर गए हैं। चिराग पासवान की एल.जे.पी खुदजीते या न जीते, जे.डी.यू के ख़िलाफ़ अपने उम्मीदवार उतार कर उसके दस-बारह सीट खाज़रूर जाने वाली है। जे.डी.यू पर दूसरा संकट खुद उसके सहयोगी भाजपा की तरफ से है।भाजपा के तीस-चालीस प्रतिशत वोट उसे ट्रांसफर नहीं होने जा रहे। बिहार के बहुतसारे भाजपाई अब नीतीश को नहीं, भाजपा के किसी नेता को मुख्यमंत्री के पद परदेखना चाहते हैं। ऐसी परिस्थिति में एन.डी.ए को बहुमत मिलने की उम्मीद कम है।एल.जे.पी के पंद्रह-बीस उम्मीदवार जीत गए तो चिराग़ किंगमेकर भी बन सकते हैं। तब बिहार में मुख्यमंत्री भाजपा का होगाऔर जे.डी.यू तथा लोजपा के दो उपमुख्यमंत्री। नीतीशजी और चिराग पासवान केंद्र सरकार में मंत्रिपद संभालेंगे। लोजपा यदि इतनी सीटेंहासिल नहीं कर सकी,जिसकी ज्यादा संभावना है, तो बिहार में तेजस्वी यादव के नेतृत्वमें गठबंधन की सरकार बननी तय है। गठबंधन को कुछ सीटें कम हुईं तो उपेंद्र कुशवाहातथा पप्पू यादव के नेतृत्व में बने दो छोटे-छोटे गठबंधनों के 10-15 विजयीउम्मीदवार कुछ मलाईदार पदों पर सौदेबाजी के बाद उसे समर्थन दे देंगे।  

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