बैटल ऑफ़ बक्सर भी अक्टूबर महीने में ही हुआ था। बिहार विधान सभा के लिए विधायकों का चुनाव भी अक्टूबर महीने में ही हो रहा है। बैटल ऑफ़ बक्सर सन 1964 में 22 अक्टूबर से हुआ था, जबकि बक्सर में चुनाव 28 अक्टूबर को होने जा रहा है। बैटल ऑफ़ बक्सर के बाद मीर ज़फ़र बंगाल का नबाब बना। अब आगामी विधान सभा चुनाव में जीतकर कौन पटना के लाल कोठी में बैठते हैं – यह तो भगवान् भी नहीं बता सकते हैं क्योंकि बिहार की हाइप्रोफाइल सीटों में शुमार डुमरांव से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने इस बार निवर्तमान विधायक ददन सिंह यादव का टिकट काटकर पार्टी की प्रवक्ता अंजुम आरा को पहली बार उम्मीदवार बनाया है।
इससे नाराज होकर श्री यादव मैदान में निर्दलीय उतर आए हैं। वहीं महागठबंधन के घटक भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) की ओर से पहली बार चुनाव लड़ रहे अजीत कुमार सिंह, लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अखिलेश कुमार सिंह और डुमरांव से महाराज कमल बहादुर सिंह के पौत्र शिवांग विजय सिंह भी निर्दलीय चुनाव लड़कर मुकाबले को रोचक बनाने में जुटे हैं। इस तरह वर्ष 2000, फरवरी एवं अक्टूबर 2005 से लेकर 2015 तक इस सीट जीतते रहे श्री यादव को नवोदित प्रत्याशी चुनौती दे रहे हैं। पिछले चुनाव में श्री यादव ने बीएलएसपी के राम बिहारी सिंह को 30339 मतों से हराया था। इस बार यहां से 18 प्रत्याशी चुनावी दंगल में हैं जिनमें 16 पुरुष और दो महिला शामिल है।