सरकार को छोड़िये, ‘सुओ-मोटो’ के साथ अब तक तो सर्वोच्च न्यायालय को कूद जाना चाहिए था, ताकि ‘बॉलीवुड के संभ्रांतों’ के हाथों कलाकार ‘मृत्यु के द्वार’ प्रेषित न हों 

सर्वोच्च न्यायलय न्यायालय एक विस्वास का  प्रतिक है। क्या सुशांत सिंह राजपूत के बहाने ग्रसित और त्रसित कलाकार न्याय की आशा रख सकते हैं - सवाल कई लाख-करोड़ का है
सर्वोच्च न्यायलय न्यायालय एक विस्वास का  प्रतिक है। क्या सुशांत सिंह राजपूत के बहाने ग्रसित और त्रसित कलाकार न्याय की आशा रख सकते हैं - सवाल कई लाख-करोड़ का है

मुम्बई/नई दिल्ली : बहुत सारे सवाल उठ रहे हैं, बहुत सारी उँगलियाँ उठ रहीं हैं। कुछ दोस्तों पर, कुछ व्यवस्था पर, कुछ दबंगों पर, कुछ सरकार पर, कुछ नेताओं पर, कुछ मत्रालयों पर:   

* क्या महेन्द्र सिंह धोनी सुशांत सिंह राजपूत की “दशा” से वाकिफ़ थे? 

* क्या महाराष्ट्र सरकार मुंबई फ़िल्मी दुनिया की वर्तमान दशा से वाकिफ है?

* क्या भारत सरकार का सूचना और प्रसारण मंत्रालय बॉलीवुड की “अत्याचारी वातावरण” से भिज्ञ है?

* क्या महाराष्ट्र सरकार-केंद्र सरकार के मंत्रालय और नेतागण बॉलीवुड के “दबंगों” से डरते हैं?

* क्या मुंबई उच्च न्यायालय अथवा सर्वोच्च न्यायालय  अब तक कोई बॉलीवुड में कलाकारों, अदाकारों अथवा अन्य लोगों पर हो रहे जुल्मों और उसके निदान के लिए कभी आगे आयी?

कल फिर कोई सुशांत सिंह राजपूत नाम का कलाकार बॉलीवुड के माफिआओं से, दबंगों से त्रस्त होकर आत्महत्या न कर लें – भारतीय न्यायिक व्यवस्था, यानि सर्वोच्च न्यायालय को “जन-हित” में सुओ-मोटो एक्शन लेना चाहिए और व्यवस्था से जबाब-तलब करना चाहिए। 

महाराष्ट्र सरकार से लेकर, फिल्म-जगत से जुड़े सभी संगठनों को बुलाना चाहिए। भारत के लोगों को, विशेषकर “भारतीय मानसिकता वाले कलाकारों” विस्वास दिलाना होगा ताकि कल कोई और “राजपूत” या “राजपूतनी” मृत्यु को गले न लगा ले। सम्पूर्ण घटनाओं को भारत के केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो को सौंपना भी श्रेयस्कर होगा – बसर्ते “न्याय मिले”, “न्याय-स्थापित” हो ।  

सुशांत सिंह राजपूत की अचानक मौत ने सबको हिलाकर रख दिया है। कई रिपोर्ट्स में कहा गया कि वह अकेलेपन और डिप्रेशन से गुजर रहे थे। उनके अंतिम संस्कार के दो दिन बाद एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी देखा जा रहा है ।  इस वीडियो में वह कह रहे हैं कि उनके सिर्फ दो ही दोस्त हैं। वीडियो क्लिप में वह कह रहे हैं, ‘सच, मेरे सिर्फ दो ही दोस्त हैं। इनकी मौत के बाद बॉलीवुड में एक बार नेपोटिज्म की बहस छिड़ गई है ।  बॉलीवुड की कई बड़े फिल्ममेकर्स और कालाकारों पर एक्ट्रेस कंगन रनौत, विवेक ओबेरॉय, सैफ अली खान और रवीना टंडन ने निशाना साधा है । कंगना रनौत ने बॉलीवुड को सुशांत सिंह की मौत का जिम्मेदार बताया है।  सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद दीप्ति नवल ने 90 दशक की शुरुआत में अवसाद से अपनी लड़ाई और आत्महत्या जैसे ख्यालों को लेकर फेसबुक पर पोस्ट किया है। 

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वैसे, सलमान ख़ान की फिल्म ‘दबंग’ के निर्देशक अभिनव सिंह कश्यप ने सरकार से माँग की है कि सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या मामले की विस्तृत जाँच की जाए। उन्होंने कहा कि सुशांत भले ही चले गए लेकिन उनकी लड़ाई अभी भी जारी है। सुशांत सिंह राजपूत की मौत ने कई बड़ी समस्याओं को सामने ला दिया है, जिससे आज बॉलीवुड में कई लोग जूझ रहे हैं।  सुशांत की मौत के पीछे कोई बड़ी वजह है।

उन्होंने ‘यशराज फिल्म्स’ पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसकी टैलेंट मैनेजमेंट एजेंसी ने सुशांत को आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया होगा, ये जाँच का विषय है। ये लोग करियर बनाते नहीं हैं बल्कि करियर और ज़िंदगी, दोनों ही बिगाड़ते हैं। उन्होंने अपने एक दशक के अनुभव की बात करते हुए कहा कि बॉलीवुड की सभी टैलेंट मैनेजमेंट एजेंसियाँ कलाकारों को मौत के एक जाल में फँसाने का काम करती हैं।

बकौल अभिनव, वो लोग ऐसे सफेदपोश हैं जिनके सभी से अच्छे सम्बन्ध हैं और इस खेल में सभी शामिल हैं। उनकी थ्योरी है- “हमाम में सब नंगे हैं, जो नहीं हैं, उनको नंगा करो क्योंकि अगर एक भी पकड़ा गया तो सभी पकड़े जाएँगे।” उन्होंने खुलासा किया कि कास्टिंग डायरेक्टर वगैरह कट/कमीशन स्ट्रेटेजी पर काम करते हैं और शिकार के रूप में ऐसे नॉन-मुम्बइया अभिनेताओं को ढूँढ़ते हैं, जिनका न कोई कनेक्शन हो और न ही ज्यादा संपत्ति हो।

 सुशांत सिंह राजपूत –  पीटीआई के सौजन्य से

अभिनव ने बताया कि इसके बाद उन कलाकारों को बॉलीवुड के बड़े सेलेब्रिटीज से परिचय कराने के नाम पर पार्टियों और रेस्टॉरेंट्स में आमंत्रित किया जाता है। लॉन्च समारोहों का हिस्सा बनाया जाता है। उन पार्टियों में जाकर नाम और पैसे कमाने की इच्छा तो तीव्र हो उठती है लेकिन नए कलाकारों को जिस तरह से वहाँ नज़रअंदाज़ किया जाता है, उनका आत्मविश्वास टूट जाता है और वो हतोत्साहित महसूस करते हैं। अभिनव ने कहा:

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इसके बाद अभिनव ने जो बताया, वो काफ़ी शॉकिंग है। उन्होंने बताया कि दूसरे प्रोडक्शन हाउसेज भी उन कलाकारों के साथ ऐसा ही व्यवहार करते हैं। उन्होंने कहा कि अंत में कई मजबूर कलाकारों को एस्कॉर्ट सर्विस या फिर वेश्यावृत्ति के धंधों की ओर रुख करना पड़ता है। बकौल अभिनव सिंह कश्यप, बॉलीवुड में कई पुरुष एस्कॉर्ट्स भी हैं, जिनका इस्तेमाल अमीर और प्रभावशाली हस्तियों के अभिमान और यौन भूख मिटाने के लिए किया जाता है।

अभिनव सिंह कश्यप के अनुसार, वो भी धमकियों और जबरदस्ती कॉन्ट्रैक्ट साइन कराने जैसी हरकतों का सामना कर चुके हैं। उदाहरण स्वरूप उन्होंने ‘दबंग’ की शूटिंग के समय अरबाज खान द्वारा उनके साथ किए गए व्यवहार की बात की। अभिनव ने आरोप लगाया कि अरबाज खान और सलमान खान उनके करियर को अपनी मुट्ठी में रखना चाहते थे, इसलिए उन्होंने ‘दबंग 2’ का निर्देशन करने से इनकार कर दिया।

उन्होंने आरोप लगाया कि अरबाज खान अष्टविनायक फिल्म्स के मुखिया राज मेहता को कॉल कर के उनके अगले प्रोजेक्ट को रुकवा दिया। इसके बाद वो वायकम पिक्चर्स के साथ जुड़े लेकिन वहाँ सोहैल खान ने इसके सीईओ विक्रम मल्होत्रा को फोन कर के ये प्रोजेक्ट भी रुकवा दिया। बकौल अभिनव, उन्हें न सिर्फ़ 7 करोड़ रुपए का साइनिंग अमाउंट वापस करना पड़ा बल्कि 90 लाख रुपए अतिरिक्त ब्याज के रूप में भी देने पड़े।

अभिनव बताते हैं कि उन्हें रिलायंस एंटरटेनमेंट ने बचा तो लिया लेकिन ‘बेशरम’ को लेकर इतना नकारात्मक प्रचार अभियान चलाया गया कि वो फ्लॉप हो जाए। इसके बाद फिल्म के सैटेलाइट राइट्स न बिकने देने की कोशिश की गई लेकिन रिलायंस और Zee के बीच किसी तरह डील हो गई। उन्होंने बताया कि उन्हें लगातार धमकियाँ मिल रही हैं और उनके परिवार के महिला सदस्यों को बलात्कार की धमकी मिलती है।

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उन्होंने कहा कि पुलिस ने भी जाँच करने से इनकार कर दिया और जाँच हुई भी तो निष्कर्ष नहीं निकल पाया कुछ। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ ये सब अभी भी चालू है, वो लड़ रहे हैं। बाद में कई लोगों ने अभिनव के स्वास्थ्य और स्थिति को लेकर चिंता जाहिर की, जिसके बाद उन्होंने एक अन्य फेसबुक पोस्ट लिख कर बताया कि वो बिलकुल ठीक हैं। उन्होंने विवेक ओबेरॉय और कंगना रनौत का समर्थन किया।

सुशांत सिंह राजपूत के अंतिम संस्कार में भाग लेने के बाद विवेक ओबेरॉय  ने कहा की जब उन्होंने सुशांत के पिता को अपने बेटे की चिता को अग्नि देते हुए देखा तो उनकी आँखों में जो दर्द झलक रहा था वो बर्दाश्त के बाहर था। विवेक ने लिखा, “मैंने सुशांत की बहन को रोते देखा और उसे वापस आ जाने के लिए कहते देखा तो मैं बता नहीं सकता कि मुझे अपने मन में कैसा अनुभव हुआ। काश मैं सुशांत को अपने अनुभवों के बारे में बता पाता।

वहीं कंगना ने करीब दो मिनट का वीडियो जारी कर बॉलीवुड इंडस्ट्री से सवाल पूछा है कि सुशांत की मौत आत्महत्या थी या प्लान्ड मर्डर? कंगना ने लिखा, “सुशांत सिंह की मौत ने हम सबको झकझोर के रख दिया है। लेकिन वे लोग, जो इस चीज में माहिर हैं कि कैसे समानांतर नैरेटिव चलाया जाए, वो ये कहने लगे हैं कि जिनका दिमाग कमजोर होता है, वे डिप्रेशन में आते हैं और सुसाइड कर लेते हैं।” बहरहाल, लोगबाग बॉलीवुड के इस्लामीकरण पर भी टीकाटिप्पणी करते नहीं थक रहे हैं। 

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