“पद्मश्री” शाहबज़ादे इरफ़ान खान नहीं रहे, “अंग्रेजी मीडियम” वाले जरूर देखें    

तत्कालीन राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा देवसिंह पाटिल शाहबज़ादे इरफ़ान खान को 1 अप्रैल, 2011 
तत्कालीन राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा देवसिंह पाटिल शाहबज़ादे इरफ़ान खान को 1 अप्रैल, 2011  "पद्मश्री" सम्मान से अलंकृत करते हुए - फोटो: पीआईबी 

पद्मश्री ​शाहबज़ादे इरफ़ान खान नहीं रहे। नौ-साल पहले अप्रैल माह के पहली तारीख को तत्कालीन राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा देवसिंह पाटिल द्वारा देश के उत्कृष्ट सम्मान – पद्मश्री – से अलंकृत अभिनेता इरफान खान का मुम्बई के एक अस्पाताल में आज निधन हो गया। वे 54 साल के थे और लंबे समय से एक दुलर्भ किस्म के कैंसर से जंग लड़ रहे थे।

​मृत्यु के साथ ही मुंबई के बॉलीवुड ही नहीं, देश के कोने- कोने से इस मानवीय अभिनेता के लिए शोक-सन्देश आने शुरू हो गए। इरफान को 2018 में न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर हुआ था। उनके परिवार में पत्नी सुतापा और दो बेटे बाबिल और अयान हैं।

परिवार को एक सप्ताह में लगा यह दूसरा झटका है। ‘‘मकबूल’’ अभिनेता की 95 वर्षीय मां सईदा बेगम का चार दिन पहले ही जयपुर में इंतकाल हुआ था। अभिनेता कोरोना वायरस से निपटने के लिए लगाये गये लॉकडाउन के कारण अपनी मां के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाये थे।​ इरफान खान ने केवल देश में ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपने अभिनय का लोहा मनवाया।​ खान को मलाशय संक्रमण के कारण मंगलवार को कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में आईसीयू में भर्ती कराया गया था।

उनके निधन के संबंध में जारी एक बयान में कहा गया है, ‘‘ यह काफी दुखद है कि आज हमें उनके निधन की खबर बतानी पड़ रही है। इरफान एक मजबूत इंसान थे, जिन्होंने अंत तक लड़ाई लड़ी और अपने संपर्क में आने वाले हर शख्स को प्रेरित किया। 2018 में एक दुर्लभ किस्म का कैंसर होने के बाद उन्होंने उससे लड़ाई लड़ी और जीवन के हर मोर्चे पर उन्होंने संघर्ष किया।’’

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बयान के अनुसार, ‘‘ अपने प्रियजनों, अपने परिवार के बीच उन्होंने अंतिम सांस ली और अपने पीछे एक महान विरासत छोड़ गए। हम दुआ करते हैं कि उन्हें शांति मिले। और हम उनके द्वारा कहे शब्दों को दोहराएंगे कि ‘‘ ये इतना जादुई था, जैसे कि मैं पहली बार जिंदगी का स्वाद चख रहा था।’’

फिल्म ‘पीकू’ के निर्देशक शूजित सिरकार ने अभिनेता के निधन पर शोक जताते हुए ट्वीट किया, ‘‘मेरे प्रिय मित्र इरफान। तुम लड़े, लड़े और लड़ते रहे। मुझे हमेशा तुम पर गर्व रहेगा…. हम दोबारा मिलेंगे…सुतापा और बाबिल को मेरी संवेदनाएं… तुमने भी लड़ाई लड़ी…. सुतापा तुमने इस लड़ाई में अपना सब कुछ दिया। ओम शांति। इरफान खान तुम्हें सलाम।’’

आईसीयू में भर्ती कराए जाने के बाद आज सुबह इरफान के निधन की खबर आई।

राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता ने ‘लाइफ ऑफ पाई’, ‘द नेमसेक’ और ‘हासिल’ जैसी फिल्मों में अलग-अलग तरह के किरदार निभा अपने अभिनय से लोगों का दिल जीता।

अभिनेता 2018 में बीमार होने के बाद इलाज के लिए ब्रिटेन चले गए थे और दुनिया से खुद को एकदम दूर कर लिया था। 2020 में उन्होंने ‘अंग्रेजी मीडियम’ से बड़े पर्दे पर वापसी की जो कि उनकी आखिरी फिल्म भी साबित हुई। ​(भाषा के सौजन्य से) 

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