मोदी जी कह रहे हैं तो ‘सच ही कहते’ होंगे: ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र के लिए 201.58 करोड़ रुपये

मोदीजी कहे हैं कि ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र हेतु 201.58 करोड़ रुपये साल के शुरू में ही आवंटित किए थे

नई दिल्ली: भारत सरकार के प्रधान मंत्री कार्यालय द्वारा निर्गत एक विज्ञप्ति के अनुसार पीएम केयर्स फंड ने इस साल की शुरुआत में देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों पर अतिरिक्त 162 डेडिकेटेड प्रेशर स्विंग ऐड्सॉर्प्शन (पीएसए) मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र लगाने के लिए 201.58 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। अब अगर माननीय मोदीजी कह रहे हैं तो “सच ही कह रहे होंगे”, वैसे आप सबों को, मतदाताओं को देश के किसी भी सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों पर यह दिखाई दे, तो सूचित अवश्य करेंगे। 

वैसे माननीय श्री नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल के ही स्वास्थ मंत्रालय, जिसके बड़का मंत्री हैं दिल्ली के डॉ हर्षवर्धन और छोटका मंत्री हैं बिहार के धोती वाले माननीय श्री अश्विनी कुमार चौबे, द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार भारत में एक दिन में कोविड-19 के रिकॉर्ड 3,49,691 नए मामले आने के साथ ही संक्रमण के मामले बढ़कर 1,69,60,172 पर पहुंच गए जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या 26 लाख के पार चली गई है। मंत्रालय के सुबह आठ बजे तक जारी आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि के दौरान संक्रमण के कारण 2,767 लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या 1,92,311 पर पहुंच गई है। कमाल है। आप सभी धीरज बनाकर रखें।

ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र आपके गाँव-गाँव में लगने वाला है। प्रधान मंत्री कार्यालय के विज्ञप्ति के अनुसार अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने के प्रधानमंत्री के निर्देश के तहत, पीएम केयर्स फंड ने देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 551 समर्पित पीएसए (प्रेशर स्विंग ऐड्सॉर्प्शन) चिकित्सा ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों की स्थापना के लिए धन आवंटन को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। पीएम ने निर्देश दिया है कि इन संयंत्रों को जल्द से जल्द शुरू किया जाए। उन्होंने कहा कि इन संयंत्रों से जिला स्तर पर ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने में काफी मदद मिलेगी।

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ये समर्पित संयंत्र विभिन्न राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में जिला मुख्यालयों पर चिन्हित सरकारी अस्पतालों में स्थापित किए जाएंगे। खरीद प्रक्रिया स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के माध्यम से की जाएगी। विज्ञप्ति के अनुसार, पीएम केयर्स फंड ने इस साल की शुरुआत में देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों पर अतिरिक्त 162 डेडिकेटेड प्रेशर स्विंग ऐड्सॉर्प्शन (पीएसए) मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र लगाने के लिए 201.58 करोड़ रुपये आवंटित किए थे।

जिला मुख्यालयों के सरकारी अस्पतालों में पीएसए ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को और मजबूत करना है और यह सुनिश्चित करना है कि इनमें से प्रत्येक अस्पतालों में कैप्टिव ऑक्सीजन उत्पादन की सुविधा बनी रहे। इस तरह से अपने स्तर पर ऑक्सीजन उत्पादन सुविधा से इन अस्पतालों और जिले की दिन-प्रतिदिन की मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरतें पूरी हो सकेंगी। इसके अलावा, तरल चिकित्सा ऑक्सीजन (एलएमओ) कैप्टिव ऑक्सीजन उत्पादन के ‘टॉप अप’ के रूप में काम करेगा। इस तरह की प्रणाली यह सुनिश्चित कर सकेगी कि जिले के सरकारी अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति में अचानक व्यवधान न उत्पन्न हो सके और कोरोना मरीजों व अन्य जरूरतमंद मरीजों के लिए निर्बाध रूप से पर्याप्त ऑक्सीजन मिल सके।आपको तो याद होगा ही पीछे 23 अप्रैल को प्रधान मंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देश भर के प्रमुख ऑक्सीजन निर्माताओं के साथ बैठक किये थे और कहा था कि यह समय केवल चुनौतियों से निपटने के लिए नहीं है बल्कि बहुत कम समय में समाधान प्रदान करने के लिए भी है।  

प्रधानमंत्री मोदी ने आने वाले दिनों में ऑक्सीजन की मांग को पूरा करने के लिए उद्योग जगत से पूरी क्षमता का उपयोग करने का भी आह्वाहन किया। प्रधानमंत्री ने कहा था कि ऑक्सीजन सिलेंडर की उपलब्धता बढ़ाने के साथ-साथ ऑक्सीजन के परिवहन के लिए लॉजिस्टिक सुविधाओं को भी बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने उद्योग जगत से आग्रह किया कि वह अन्य गैसों के परिवहन में इस्तेमाल होने वाले टैंकरों का उपयोग ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए करें।

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प्रधानमंत्री ने कहा था कि ऑक्सीजन से संबंधित राज्यों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, सरकार रेलवे और वायु सेना के प्रभावी उपयोग पर काम कर रही है ताकि टैंकर जल्द से जल्द उत्पादन केंद्र तक पहुंच सकें। उनके अनुसार, सरकार, राज्य, उद्योग जगत, ट्रांसपोर्टर और सभी अस्पतालों को एकजुट होकर काम करने की जरूरत है। तालमेल और समन्वय जितना बेहतर होगा, इस चुनौती से निपटने में उतनी ही आसानी होगी।

स्वास्थ मंत्रालय के छोटका मंत्रीजी आज-कल दिखाई नहीं दे रहे हैं। बहरहाल, डॉ हर्षवर्धन छतरपुर में कोविड मरीजों के लिए अस्पताल का प्रबंध करने के बाद संवाददाताओं से बतियाते हुए 

जबकि, मोदीजी की सरकार का ही स्वास्थ मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति में यह दावा किया है कि “संक्रमण के मामले बढ़ने का सिलसिला थम नहीं रहा है और देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 26,82,751 हो गई है जो संक्रमण के कुल मामलों का 15.82 प्रतिशत है जबकि कोविड-19 से स्वस्थ होने वाले लोगों की दर गिरकर 83.05 प्रतिशत रह गई है। बहरहाल, खुशखबरी यह है कि इस बीमारी से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 1,40,85,110 हो गई है जबकि मृत्यु दर गिरकर 1.13 प्रतिशत रह गई है। एक दिन में जिन 2,767 मरीजों की मौत हुई है उनमें से 676 की महाराष्ट्र, 357 की दिल्ली, 222 की उत्तर प्रदेश, 218 की छत्तीसगढ़, 208 की कर्नाटक, 152 की गुजरात, 110 की झारखंड और 104 लोगों की मौत मध्य प्रदेश में हुई।
 

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